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क्या सिक्युलर बांग्लादेश आगे बढ़ सकता है?

1971 के बोझ को उसे उतार फेंकना होगा
सरवर जहां चौधरी - 2013-07-24 07:51
किसी भी आधुनिक राष्ट्र के इतिहास में हम यह देख सकते हैं कि पहले क्रांति होती है और उसके बाद प्रतिक्रियावादी ताकतें अपना सिर उठाती हैं। बांग्लादेश में भी यही हुआ। 1970 के दशक की शुरुआत में हुई क्रांति को बाद की घटनाओं ने पीछे धकेल दिया। 1971 में बांग्लादेश का सृजन हुआ। वह एक क्रांतिकारी घटना थी। लेकिन उसके बाद से ही प्रतिक्रियावादी ताकतें सक्रिय हो गईं। 1975 में तो उन ताकतों ने क्रांति के नायक को ही खत्म कर दिया। उसके बाद के दो दशक तक उन ताकतों ने सेना और एक दक्षिणपंथी पार्टी के बल पर बांग्लादेश पर शासन भी किया।

ओमन चांडी अब कांग्रेस की ताकत नहीं रहे

सोलर पैनल घोटाले में मुख्यमंत्री की छवि धूमिल
पी श्रीकुमारन - 2013-07-22 12:39
तिरुअनंतपुरमः कुछ सप्ताह पहले तक कांग्रेस की केरल में सबसे बड़ी ताकत मुख्यमंत्री ओमन चांडी को माना जाता था। लेकिन सोलर पैनल घोटाले ने उनकी छवि को इस कदर धूमिल कर दिया है कि अब वे कांग्रेस की ताकत होने का दावा तो कर ही नहीं सकते, उल्टे उसकी कमजोरी बनकर सामने आ गए हैं। कमजोरी होने के बावजूद उन्हें इस बात का श्रेय तो देना ही होगा कि इस घोटाले के बावजूद वे कांग्रेस के अंदर और उसके बाहर के अपने विरोधियों के सामने अब भी खड़े हैं, हालांकि उनकी बदली हुई छवि से उनके विरोधी अपनी खुशी का इजहार करने से अपने आपको रोक नहीं पा रहे हैं।

मध्यप्रदेश में शिक्षा क्षेत्र अस्त व्यस्त

शिक्षा का अधिकार कानून की उड़ रही है धज्जियां
एल एस हरदेनिया - 2013-07-21 07:08
भोपालः शिक्षा का अधिकार कानून को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश की शिक्षा की स्थिति का सर्वेक्षण करने पर पाया गया है कि यहां की स्थिति बहुत ही असंतोषजनक है। भोपाल में हाल ही में इस मसले पर एक दिन की कार्यशाला हुई, जिसमें गैर सरकारी संगठनों ने अपने अपने अध्ययन प्रस्तुत किए। इन संगठनों ने शिक्षा की स्थिति का पता लगाने के लिए राज्य के अनेक जिलों में अनेक सर्वेक्षण किए थे। इनमें लगभग सभी जिले शामिल थे। अनेक संगठनों के प्रवक्ताओं ने बताया कि मध्यप्रदेश में शिक्षा की मूल अधिसंरचना पूरी तरह से तैयार ही नहीं हो पाई है। गौरतलब हो कि इस कानून के तहत केन्द्र सरकार ने राज्यों को शिक्षा का इन्फ्रास्ट्रक्चर खड़ा करने के लिए तीन साल का समय दिया था।

मोदी केन्द्रित होती देश की राजनीति

मोदी कांग्रेस के जाल में या कांग्रेस मोदी के जाल में?
कल्याणी शंकर - 2013-07-21 06:58
एक समय था जब देश में चुनाव गैर कांग्रेसवाद या गैर भाजपावाद के आधार पर लड़ा जाता था। उसमें सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे उठाए जाते थे। लेकिन लोकसभा चुनाव के नजदीक आते आते आज देश की राजनीति से मुद्दे गायब होते दिखाई पड़ रहे हैं और एक नेता का व्यक्तित्व ही मुद्दा बनता जा रहा है। जिस तरह की स्थितियां आज बन रही हैं, उन्हें देखते हुए कहा जा सकता है कि आगामी लोकसभा चुनाव शायद एक ही मुद्दे पर लड़ा जाएगा और वह मुद्दा होगा ’’मोदी’’। यानी अगला चुनाव मोदी बनाम अन्य के बीच में होता दिखाई दे रहा है।

केरल की यूडीएफ सरकार पर संकट के बादल

एलडीएफ में मणि को मुख्यमंत्री विपक्षी बनाने पर मतभेद
पी श्रीकुमारन - 2013-07-18 14:08
तिरुअनंतपुरमः सोलर पैनल घोटाले व अन्य अनेक राजनैतिक परेशानियों के कारण ओमन चांडी के नेतृत्व वाली यूडीएफ सरकार का संकट लगातार गहराता जा रहा है। इस बीच सीपीआई के प्रदेश सचिव द्वारा सत्तारूढ़ केरल कांग्रेस (मणि) के नेता के एम मणि को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा ने प्रदेश की राजनैतिक स्थिति को और भी अनिश्चित बना दिया है।

बोधगया विस्फोट के बाद छपरा में स्कूली बच्चों की मौत

नीतीश कुमार की मुसीबतों का अंत नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-07-17 14:15
बोधगया के बम विस्फोटों के अपराधियों तक जांच कर रही एजेसिंयों के हाथ पहुंचने के पहले ही नीतीश कुमार सरकार को नाकामी का एक और तमगा हाथ लगा है। वह नाकामी है छपरा जिले के मशरफ प्रखंड के एक गांव में कम से कम 20 प्राइमरी स्कूली बच्चों की मौत। वह मौत स्कूल में मिड डे मील खाने के बाद हुई। जाहिर है, जो भोजन बच्चों को खिलाया गया, वह विषाक्त था। इसके कारण ही बच्चों की भारी संख्या में मौत हुई है। यदि स्वास्थ्य सेवा अच्छी रहती, तो बहुत से बच्चों को मरने से बचाया जा सकता था, पर इस घटना ने बिहार सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की भी पोल खोल दी है।

पंजाब में अब पासा पलट रहा है

अदालती आदेशों के बाद अकाली दल मुसीबत में
बी के चम - 2013-07-16 14:04
चंडीगढ़ः कहीं भी स्थितियां एक सी नहीं रहती हैं। पंजाब भी इसका अपवाद नहीं है। पिछली दो घटनाओं ने यहां की स्थिति भी बदल डाली है। पहली घटना तो बदल रहा राजनैतिक परिदृश्य है और दूसरी घटना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए कुछ आदेश।

न्याय की गति तेज करके ही राजनीति को साफ किया जा सकता है

सुप्रीम कोर्ट के प्रशंसनीय फैसले
हरिहर स्वरूप - 2013-07-15 18:20
सुप्रीम कोर्ट के एक के बाद एक आए दो फैसलों ने राजनीति को अपराधी तत्वों से मुक्त कराने की दिशा में कुछ आशावादी संदेश दिए हैं। इन फैसलों का उन सबने स्वागत किया है, जो राजनीति को साफ सुथरा रखना चाहते हैं। एक फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ऐसा कोई कारण नहीं है कि सजा पाने वाले सांसदों और विधायकों की सदस्यता तो अपील पर फैसला आने तक अपने पदों पर बनाए रखा जाय। गौरतलब है कि अभी तक की व्यवस्था में यदि किसी सांसद अथवा विधायक को अदालत द्वारा दोषी करार दिया जाय, तो उसकी संसद या विधानसभा की सदस्यता नहीं समाप्त होती।

राकेश सिंह का दलबदल कांग्रेस के लिए झटका

राघवजी प्रकरण से डांवाडोल भाजपा को मिला सहारा
एल एस हरदेनिया - 2013-07-13 10:27
भोपालः अविश्वास प्रस्ताव पेश होने के समय ही कांग्रेस विधायक दल के उपनेता राकेश सिंह चैधरी का अपनी पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन पकड़ लेना मध्यप्रदेश कांग्रेस के लिए एक बहुत बड़ा सदमा है। पार्टी इस स्थिति के लिए बिलकुल ही तैयार नहीं थी। खासकर जब आगामी विधानसभा चुनाव कुछ ही महीनों की दूरी पर हो, तो वैसी स्थिति में इस तरह का माहौल कांग्रेस लिए निश्चय ही बहुत चिंता का कारण है। इस तरह के माहौल में वह भाजपा का चुनाव में सामना कैसे कर पाएगी?

तेलंगाना मसले पर अब निर्णय लेना होगा

क्या कांग्रेस आलाकमान इसके लिए तैयार है?
कल्याणी शंकर - 2013-07-12 14:32
क्या तेलंगाना राज्य का निर्माण हो पाएगा? यदि कांग्रेस के अंदर का मूड कोई संकेत है, तो लगता है कि इस समस्या का समाधान शीघ्र ही होने वाला है। तेलंगाना के कांग्रेसी सांसद अबतक अपनी सरकार पर आरोप लगा रहे हैं कि इस मसले पर उसकी नीति एक कदम आगे चलने और दो कदम पीछे चलने की रही है। अब कांग्रेस नेतृत्व अपने इन सांसदों की और उपेक्षा नहीं कर सकता।