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हसन अली की जांच की आंच लखनऊ पहुंची

मायावती की सरकार संकट में
प्रदीप कपूर - 2011-04-18 11:28
लखनऊः मायावती की सरकार संकट में फंसती दिख रही है, क्योंकि विपक्ष ने भ्रष्टाचार के मसले पर राज्य सरकार के ऊपर हमला एकाएक तेज कर दिया है।
भारत

हजारे के मसले पर कांग्रेसी नेता प्रधानमंत्री से खफा

नहीं रास आ रही है सोनिया राहुल की एनजीओ से दोस्ती
नोरा चोपड़ा - 2011-04-17 15:46
नई दिल्लीः कांग्रेस के अनेक नेताओं को इस बात का मलाल है कि अन्ना हजारे के मसले पर सरकार की ही नहीं, बल्कि पार्टी की भी फजीहत हुई है। उन्हें इस बात का क्षोभ है कि सरकार ने हजारे के आंदोलन के सामने आत्म समर्पण कर दिया। कांग्रेस के नेता आमतौर पर पार्टी के शीर्ष नेताआंे और प्रधानमंत्री के खिलाफ कुछ नहीं बोलते हैं, पर अब अनेक नेता खुलकर उनके खिलाफ बोलते दिखाई दे रहे हैं।

लोकपाल बिल के लिए संयुक्त पैनल: एक नई परंपरा की शुरुआत

कल्याणी शंकर - 2011-04-15 09:42
अन्ना हजारे की भूख हड़ताल ने वह कर दिखाया, जो पहले कभी नहीं हुआ था। पहली बार किसी बिल को बनाने के लिए केन्द्र सरकार ने मंत्रियों के साथ नागरिक समाज के 5 सदस्यों को भी पैनल में शामिल किया है। ऐसा इसलिए हो सका कि केन्द्र सरकार अन्ना हजारे की भूख हड़ताल से डर गई थी। उन्होंने यह भूख हड़ताल वैसे समय में की, जब पूरा देश भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलित है।

अन्ना हजारे की सफलता से राजनेता बेचैन

क्या वे प्रभावी लोकपाल कानून बनने देंगे?
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-04-13 10:15
अन्ना हजारे के आमरण अनशन पर बैठने का फैसला रंग लाया और केन्द्र सरकार को उनकी शुरुआती मांगों के सामने झुकना पड़ा। जब वे अनशन पर थे, तो पूरे देश मंे तूफान मचा हुआ था। खुद अन्ना को उम्मीद नहीं थी कि उनके अनशन से पूरा देश उस तरह आंदोलित हो जाएगा और 4 दिनों के अंदर ही केन्द्र का सत्ता प्रतिष्ठान हिल जाएगा। पर उनकी इस शुरुआती सफलता से राजनैतिक दलों के नेताओं में बेचैनी भी छा गई है। उस बेचैनी का ही नतीजा है कि लोकपाल विधेयक तैयार करने के लिए बने पैनल के एक सदस्य कपिल सिबल बेसिर पैर की बातें कर रहे हैं कि लोकपाल कानून से गरीब बच्चों को शिक्षा नहीं मिल जाएगी और गरीब मरीजों का अस्पतालों में मुफ्त इलाज नहीं हो जाएगी।
भारत

केरल विधानसभा चुनाव में कांटे की टक्कर

पी श्रीकुमारन - 2011-04-12 10:17
तिरुअनंतपुरमः 13 अप्रैल को हो रहे मतदान में दक्षिण भारत के इस राज्य में कांटे की टक्कर हो रही है और यह कहना मुश्किल है कि जीत किस मोर्चे की होगी। पिछले अनेक चुनावों में टक्कर सीपीएम के नेतृत्व वाले वाम लोकतांत्रिक मोर्चे और कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मार्चे के बीच होती रही है। बारी बारी से दोनों जीतते रहे हैं। इस परंपरा के लिहाज से इस बार जीत कांग्रेस के नेतृत्व वाले मोर्चे की होनी चाहिए। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव और 2010 में हुए स्थानीय निकायों के चुनाव में भी जीत कांग्रेसी मोर्चे की ही हुई थी। इसके कारण भी कांग्रेस के नेतृत्व वाले मोर्चे की जीत पक्की मानी जा रही थी।

सपा नेता अखिलेश यादव की हजारे से अपील

वे करें माया सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व
प्रदीप कपूर - 2011-04-12 10:12
लखनऊः समाजवादी पार्टी चाहती है कि उत्तर प्रदेश में मायावती सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व अन्ना हजारे करें।


भारत

जनसँख्या वृद्धि की समस्या और जनसँख्या वृद्धि दर पर लगाम में असफलता

डा. अतुल कुमार - 2011-04-11 19:07
राजनेता केवल गद्दीनशीं होने के लिए जानना चाहते हैं कहाँ कितनी संख्या में कौन से लोग रहते हैं और किस भाषण या झूठे वादे से उनसे वोट खीचें जा सकते हैं। वहीं सौकड़ों शोधकत्र्ताओं और दार्शनिको ने जनसँख्या वृद्धि के कारणों के बारे में अपने दृष्टिकोण दिये हैं जैसे कि निरक्षरता, मनोरंज़न के साधनों का अभाव, दृढ इच्छा-शक्ति का न होना, परिवार-नियोज़न के साधनों के बारे में चेतना का अभाव प्रमुख कारण है। समाज को इसके नियंत्रण पर जागरूक होना होगा। अब हर देशवासी को अपनी जिम्मेदारी को समझना होगा और जनसंख्या नियंत्रण में सहयोग देना होगा।

समाजवादी पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की

बसपा और भाजपा इस मामले में पिछड़ गई
प्रदीप कपूर - 2011-04-11 19:01
लखनऊः विधानसभा आमचुनाव अभी दूर है, पर समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है। उसकी पहली सूची में 165 उम्मीदवार हैं। इस तरह से समाजवादी पार्टी और उसके प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्य में अपनी प्रतिद्वंद्वी बसपा, भाजपा, कांग्रेस और रालोद पर इस मायने में अपनी बढ़त हासिल कर ली है।
भारत

अन्ना की भूख हड़ताल के सबक

भ्रष्टाचार को हल्के ढग से न ले सरकार
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-04-10 18:18
अन्ना हजारे के आमरण अनशन के दौरान देश भर में भ्रष्टाचार के खिलाफ जिस तरह से तेज आंदोलन हुए, उसे देखकर कम से कम अब तो केन्द्र सरकार और खासकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की नींद टूट जानी चाहिए। केन्द्र सरकार ने अन्ना की शुरुआती मांगों को स्वीकार कर लिया है, लेकिन मामला अभी समाप्त नहीं हुआ है।
भारत

पुदुचेरी में कांग्रेस- डीएमके गठबंधन को बढ़त हासिल

अन्ना डीएमके का अभियान तेज होना अभी भी बाकी
कल्याणी शंकर - 2011-04-08 12:09
तमिलनाडु के पास स्थित पुदुचेरी में हो रहे विधानसभा चुनाव को राष्ट्रीय मीडिया में बहुत कम जगह मिल रही है। देश के 4 राज्यों की विधानसभाओं के साथ इस केन्द्र शासित प्रदेश में भी विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं। यहां की राजनीति तमिलनाडु की राजनीति से मिलती जुलती है। पास साल पहले हुआ विधानसभा के चुनाव के बाद कांग्रेस की सरकार बनी थी।