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सत्ता पर पकड़ के लिए जाति गणना

Dr Atul Kumar - 2010-05-11 10:05
प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह अर्थ शास्त्र के डॉ हो सकते है, प्रधानमंत्री हो सकते है लेकिन हिन्दुस्तान और हिन्दुओं पर उनके कथन असहज ही रहे है। देश के संसाधनो पर मुसलमानों का हक पहले बताना एक धक्का देने वाला बयान था। वित्त मंत्री के रूप में उनकी नीतियों ने देश के लघु उद्यमी को खत्म कर दिया नौबत यहाँ तक आ गयी थी कि रुपये की कीमत कौडी हो गयी। उनके विश्व बैंक की नौकरी के बाद भी अमेरिका के साथ का विशेष प्रेम हमारे विश्वसनीय मित्र रूस से दूर कर चुका। परमाणु करार के लिए कितनी निचले स्तर तक संसद में कारनामे हुऐ सब जानते है। डॉ. मनमोहन सिंह ने कबाड़ के सौदे में देश को शामिल करा कर वाह वाही लेने वाले हवाई नेता की पहचान बनाई है। इस करार के बाद भारत को क्या मिला एक बंधन। हमारी सारी सुरक्षा में सेंध लगाने का अमेरिका को आमत्रण। बहुत कम लोगों ने एम एम सिंह के परमाणु विभाग के सचिव स्तर के अधिकारी को विदेशी समझौते के लिऐ अधिकृत करने का निर्णय वाली बात को तवज्जो दी होगी। अब जाति को जनगणना में शामिल करने का मतलब भी देश को गर्त में ले जाना है। फूट डालो राज करों की गोरों की नीति का नया बीज बोना है। जाति जनगणना अंग्रेजों के जमाने में शुरु हुई थी।

गहलौत सरकार ने सस्ते अनाज की योजना शुरू की

सही अमल के लिए सतर्कता जरूरी
अहतेशाम कुरेशी - 2010-05-11 09:44
जयपुरः राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने एक साहसपूर्ण निर्णय लिया है। उसके तहत सरकार गरीबी रेखा से नीचे रह रहे परिवारों को प्रत्येक महीने 2 रुपए किलो की दर से 25 किलो गेहू उपलब्ध कराएगी। यह योजना गांवों के साथ साथ शहरों में भी लागू होगी।

जाति आधारित जनगणना: सही दिशा में उठाया गया कदम

उपेन्द्र प्रसाद - 2010-05-11 09:40
प्रधानमंत्री डाक्टर मनमोहन सिंह साहसपूर्ण कदम उठाने के लिए जाने जाते हैं। वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने बहुत ही साहसपूर्ण कदम उठाया था। उन नीतियों ने देश को ही बदल दिया। अमूेरिका के साथ परमाणु करार करने के लिए तो उन्होंने अपनी सरकार को ही जोखिम में डाल दिया था। उस करार के बाद अमेरिका के साथ तो अभी तक कोई परमाणु रिश्ता नहीं बना है, लेकिन परमाणु व्यापार में भारत भागीदारी करने में सक्षम हो गया है। अप्रार संधि पर दस्तखत किए बिना भारत इस व्यापार में शामिल होने वाला एकमात्र देश है।

भारी पड़ सकता है जयराम को अन्य मंत्रालयों से पंगा लेना

एस एन वर्मा - 2010-05-10 09:38
नई दिल्ली। दस जनपथ के करीबी मंत्रियों को लगता है कि उन्हें बेलगाम बोलने की आजादी मिल गयी है।मणिशंकर अयैर के नक्शे कदम पर अब जयराम रमेश चलने लगे हैं।पहले वह देश मे बोलते थे लेकिन इस बार वह विदेश ,वह भी चीन में अपने ही देश के एक मंत्रालय के खिलाफ बोल गए हैं। जयराम रमेश को इसी तरह का बड़बोलापन एक दिन भारी पड़ सकता है।शशि थरूर को फालतू बोलने की सजा सुनंदा प्रकरण के साथ जुड़ कर मिल चुका है।अब जयराम रमेश की बारी आ रही है।बीजेपी ने उनसे इस्तीफा मांगा है। कांग्रेस भी उनके साथ नहीं है। सूत्रों की माने तो प्रधानमंत्री भी उनको झिड़की लगा चुके हैं।

आईपीएल यानी लूट का आयोजन

भारत को सम्पूर्ण लूट से बचाने के लिए संघर्ष की आवश्यकता है
अवधेश कुमार - 2010-05-08 08:25
पहले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रिय शशि थरुर की मंत्रिमडल से विदाई एवं उसके बाद आईपीएल के जन्मदाता माने जाने वाले ललित मोदी का निलंबन। इन दोनों व्यक्तियों को अलग करने मात्र से आईपीएल विवाद का अंत हो जाएगा, ऐसा मानना बेमानी है। हां, सरकार एवं क्रिकेट तंत्र से जुड़े नेताओं, व्यवसायियों, अधिकारियों एवं सितारों ने इन दोनों की बलि चढ़ाकर विवाद का अंत मान लेने का संदेश देने की अवश्य कोशिश की। वैस भी इन दोनो के खिलाफ कार्रवाई में खेल की भूमिका कहीं नहीं है।

आरबीआई का मध्यमार्ग

अशोक हांडू - 2010-05-08 08:11
नीतिगत दरों में बहुत अधिक वृद्धि से बचते हुए और उसी के साथ थोड़ी सी वृद्धि कर भारतीय रिजर्व बैंक ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह आर्थिक वृद्धि पर बगैर कोई प्रभाव डाले मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए तत्पर है। सरकार के लिए सबसे बड़ी चिंता हाल के महीनों में मुद्रास्फीति में बहुत अधिक वृद्धि रही है क्योंकि मुद्रास्फीति दहाई अंक तक पहुंच गयी है जो 17 महीनों में सबसे ऊंचे स्तर पर है। खाद्य मुद्रास्फीति की दर तो 17 फीसदी तक पहुंच गयी है।

कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों में तालमेल नहीं

बजट सत्र में यूपीए का खराब रंग उभरा
कल्याणी शंकर - 2010-05-07 10:55
बजट के वर्तमान सत्र में यूपीए का बदरंग चेहरा दिखाई पड़ा है। कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों के बीच समय समय पर मतभेद उभर कर सामने आ रहे हैं। आइपीएल घोटाला, संचार घोटाला व फोन टेपिंग मामलों पर मनमोहन सिंह सरकार की भारी फजीहत हुई है और इसके कारण सरकार की छवि खराब हुई है।

ब्रह्मपुत्र नदी पर चीनी बांध

असम पर पड़ेगा खराब असर
बरुण दास गुप्ता - 2010-05-07 10:49
कोलकाताः चीन ने आखिरकार स्वीकार कर लिया है कि वह यारलंग त्सांगपो, जिसे भारत में ब्रह्मपुत्र के नाम से जाना जाता है, पर बांध बना रहा है। वह बांध जल विद्युत परियोजना के तहत बनाया जा रहा है।

कांग्रेस तृणमूल के तकरार से वाममोर्चा को फायदा

कांग्रेस पार्टी हासिए पर चली जाएगी
अमूल्य गांगुली - 2010-05-07 10:45
पश्चिम बंगाल में शहरी निकायों के चुनावों में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठबंधन के विफल हो जाने का फयदा वाम पार्टियों को हागा। अगले 30 मई को राज्य के 81 शहरी निकायो का चुनाव होने वाला है और उसमें सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण चुनाव है कोलकाता नगर निगम का। जिस तरह से वामपंथी पार्टियों की लोकप्रियता गिरती जा रही है, उसे देखते हुए यही कहा जा सकता है कि यदि कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठबंधन हुआ, तो वाम मोर्चा का सभी शहरों और महानगरों में सूफड़ा साफ हो जाएगा।

विधानसभा के सत्र आहूत करने पर विवाद

मंत्रियों के भ्रष्टाचार के मसले पर सरकार परेशान
एल एस हरदेनिया - 2010-05-07 10:41
भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विधानसभा के विशेष सत्र बुलाने का निर्णय विवादों के भंवर में फंस गया है। उन्होंने अगले 11 मई से 4 दिनों का एक विशेष सत्र आहूत किया है। पहले भी विशेष सत्र बुलाए जाते रहे हैं, पर वे अक्सर एक दिन के ही हुआ करते थे। पर इसबार 4 दिनों के लिए यह सत्र बुलाया जा रहा है। सत्र का उद्देश्य विकास कार्यों के लिए नीति तैयार करना है और उसकी राणनीति का भी निर्धारण करना है।