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भारत

संसद में महिला आरक्षण विधेयक

क्या एक बार फिर इतिहास दुहराया जाएगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-03-06 09:12
महिला आरक्षण विधेयक एक बार फिर संसद मे पेश किया जाएगा। 1996 से अब तक यह इतनी बार संसद में पेश किया गया है कि पेश किया जाना अब कोई बड़ी बात नहीं रही। बड़ी बात तो तब होगी, जब महिला आरक्षण विधेयक पास कर दिया जाएगा। पहले यह लोकसभा में पेश किया जाता था और लोकसभा भंग होने अथवा उसका कार्यकाल पूरा होने बाद लैप्स कर जाता था। पर मनमोहन सिंह सरकार ने पिछली बार समझदारी दिखाते हुए इस विधेयक को राज्य सभा में पेश किया था, जो एक स्थाई सदन है और जो न तो कभी भंग होती और न ही कभी उसका कार्यकाल पूरा होता है।

विपक्ष की बढ़ती एकता: क्या कांग्रेस इसका मुकाबला करेगी?

कल्याणी शंकर - 2010-03-05 09:50
बजट प्रस्तावों के द्वारा डीजल और पेट्रोल की कीमतों में वृद्घि के मसले पर विपक्षी पार्टियां एकजुट हो रही हैं। क्या केन्द्र सरकार को उनकी एकता से डरना चाहिए? आखिर केन्द्र सरकार उनकी सम्मिलित चुनौतियों का सामना कैसे करेगी? यह सच है कि केन्द्र सरकार अब पूर्ण बहुमत में है, इसलिए वह पहले की तरह कतजोर नहीं है। लेकिन फिर भी वह विपक्षी दलों द्वारा मिल रही सम्मिलित चुनौती की उपेक्षा नहीं कर सकती।

दिल्ली में स्वीकृत पद से अधिक है पुलिस बल जबकि कश्मीर में है भारी कमी

एस एन वर्मा - 2010-03-05 06:14
नई दिल्ली। नक्सलवाद ओर आतंकवाद से जूझ रहे प्रदेशों में जहां पुलिस बल और संसाधनों की भारी कमी है वहीं देश की राजधानी दिल्ली में पुलिस बलों की संख्या भर्ती मानको के अनुसार तए गए स्वीकृत पदों से काफी ज्यादा है। यह और बात है कि दिल्ली पुलिस के जवान अच्छी खासी संख्या में वीआईपी सुरक्षा में लगे होते हैं। जिन्हें दिल्ली में आपराधिक वारदातों के शिकार बन रहे आम आदमी की कोई फ्रिक नहीं होती है।

फैल रहा है पंजाब में सांप्रदायिकता का जहर

अकाली दल- भाजपा गठबंधन इसके लिए जिम्मेदार
बी के चम - 2010-03-04 10:08
चंडीगढ़ः अकाली दल और भाजपा गठबंधन के सत्ता में आने के बाद पंजाब में सांप्रदायिकता तेजी से पांव पसार रही है। अकाली दल और भाजपा के नेता इस तथ्य को मानने से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन दोनों का एक साथ होना ही इस बात की गारंटी है कि पंजाब में सांप्रदायिकता पांव नहीं फैला सकती।

भारत में बेरोजगार कितने - सरकार को मालूम नहीं

ज्ञान पाठक - 2010-03-03 17:46
नई दिल्ली: भारत में इस समय बेरोजगारों की संख्या कितनी है यह केन्द्र की डा. मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार को नहीं मालूम। आज राज्य सभा में इसका खुलासा तब हुआ जब एक प्रश्न के लिखित उत्तर में श्रम और रोजगार राज्यमंत्री श्री हरीश रावत का जवाब आया। इससे यह भी साफ जाहिर होता है कि कांग्रेस नेतृत्व वाली यह संप्रग सरकार बेरोजगारों के प्रति कितनी लापरवाह है।
भारत

सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों के विकास के लिए विशेषज्ञ दल गठित

विशेष संवाददाता - 2010-03-03 16:53
नई दिल्ली: सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों (एमएसएमई) के संवर्धन और विकास के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र निकाय के गठन पर उपयुक्त सिफारिशों के लिए एक विशेषज्ञ दल का गठन किया गया है। दल की अध्यक्षता श्री बरूण मैरा सदस्य (उद्योग, योजना आयोग) द्वारा की जाएगी और यह तीन महीने की अवधि के भीतर अपनी संस्तुतियां प्रस्तुत करेगा।

शशि थरूर आखिर कैसे काबिज हैं मंत्री पद पर

उपेन्द्र प्रसाद - 2010-03-03 13:14
विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर एक के बाद एक विवाद पैदा किए जा रहे हैं। जिस तरह के गैर जिम्मेवाराना बयानबाजी वे कर रहे हैं, वैसा करके वे न तो किसी सरकार में और न ही किसी अन्य जिम्मेदारी के पद पर रह सकते हैं। फिर भी वे मनमोहन सिंह सरकार में बखूबी बने हुए हैं। उनके गैर जिम्मेदाराना बयानों से सरकार की नहीं उनकी अपनी पार्टी कांग्रेस की भी फजीहत होती है, लेकिन उन्हें अंतिम मौका देने की बात करके उनकी पार्टी उन्हें माफ कर देती है और प्रधानमंत्री को भी उनमें ऐसा कुछ नहीं दिखाई देता है, जिसके कारण उन्हें सरकार से निकाला जा सके।

लाभ कमाने वाली सरकारी कंपनियों के लाभ, और घाटे वाली के घाटे बढ़े

विशेष संवाददाता - 2010-03-02 12:00
नई दिल्ली: मुनाफा अर्जित करने वाले केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों का मुनाफा 2007-08 के 91571 करोड़ रूपये से बढा़कर 2008-09 में 98652 करोड़ रूपये हो गया । घाटे में चलने वाले केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रमों का घाटा वर्ष 2007-08 के 10257 करोड़ रूपये से बढक़र 2008-09 में 14424 करोड़ रूपये हो गया ।

अगले विधानसभा चुनाव में डीएमके की बहुमत पाने की कोशिश

करुणानिधि और ममता के कारण केन्द्र सरकार रहेगी परेशान
एस सेतुरमण - 2010-03-02 11:05
केन्द्र सरकार बजट पेश करने के बाद विपक्ष के अलावा ममता बनर्जी की पार्टी और डीएमके के असंतोष का सामना कर रही है। ममता बनर्जी को 2011 के चुनाव में वामपंथियों को पराजित कर सत्ता हासिल करनी है, तो उसी साल तमिलनाडु के विधानसभा चुनाव में करुणानिधि को अपनी पार्टी को पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता हासिल करनी है। जाहिर है दोनों पार्टियां केन्द्र सरकार को वे कदम उठाने नहीं देना चाह्रेगी, जिनसे लोगों को परेशानी होती हो और जिन्हें मुद्दा बनाकर उनके प्रतिद्वंद्वी उनपर हावी होना चाहते हैं।

भारत: दादा के बजट से महंगाई को पंख

इसे पास कराने के लिए रॉलबैक का सहारा लेना होगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-02-27 17:58
दीदी के रेल बजट में यात्रियों को बढ़ी सुविधाओं की भरमार थी और किराया न बढ़ने से भी लोगों में खुशी थी। क्षेत्रीय कारणों से कहीं कहीं नाराजगी जरूर थी, लेकिन कुल मिलाकर उसका स्वागत ही किया जा रहा था। पर दो दिन के बाद दादा के आम बजट ने तो लोगों को नानी याद दिला दी है।