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चुनावी बांड विवरण पर समय सीमा बढ़ाने की एसबीआई की याचिका अनुचित

भाजपा को बचाना मूल उद्देश्य, सर्वोच्च न्यायालय को अनुमति नहीं देनी चाहिए
पी. सुधीर - 2024-03-08 10:44 UTC
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से मनमाना बताते हुए रद्द कर दिया था। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि मोदी सरकार को यह फैसला अरुचिकर लगा, इस तथ्य की पृष्ठभूमि में कि चुनावी बांड योजना राजनीतिक भ्रष्टाचार को वैध बनाने के लिए बनायी गयी थी।

चुनावी वायदे: राजनीतिक दलों के दिखावे के खेल को रोकने की प्रणाली चाहिए

आ गया है घोषणापत्रों और उनमें किये गये वायदों की पूर्ति की जांच करने का समय
के रवीन्द्रन - 2024-03-07 11:36 UTC
भारतीय चुनाव का मौसम एक जीवंत तमाशा है। रैलियाँ ऊर्जा से भरी होती हैं, रंग-बिरंगे झंडे लहराते हैं, और घोषणापत्र भविष्य के लिए भव्य दृष्टिकोण पेश करते हैं। फिर भी, जश्न के माहौल के नीचे एक परेशान करने वाला सवाल छिपा है: क्या ये वायदे महज़ बयानबाजी का खेल हैं, जिनके हकीकत में बदलने की बहुत कम संभावना है? शायद, अब चुनावी वायदों के लिए एक लोकपाल को संस्थागत बनाने का समय आ गया है - पार्टियों को व्यवहार्यता के लिए जवाबदेह बनाने और उनके वादों पर अमल करने के लिए एक तंत्र को अस्तित्व में लाने का।

सैन्य उपग्रहों की संख्या को लेकर भारत और चीन के बीच बड़ी प्रतिस्पर्धा

राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए भारत में नई संचार तकनीक अनिवार्य
गिरीश लिंगन्ना - 2024-03-06 11:33 UTC
तेजी से जटिल होते सुरक्षा परिदृश्य के बीच, चीन और भारत जैसे देश सहित एशिया के कई अन्य देश सम्पूर्ण क्षेत्र के भीतर सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए अपने उपग्रह नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की विश्व में शांति और सुरक्षा बनाये रखने में विफलता

केवल शीघ्र सुधार से ही संयुक्त राष्ट्र ‘लीग ऑफ नेशंस’ जैसी दुर्गति से बच सकेगा
नन्तु बनर्जी - 2024-03-05 10:52 UTC
पिछले वर्ष से चल रहे दो विनाशकारी युद्धों - एक यूक्रेन में और दूसरा गाजा पट्टी – में अब तक हजारों नागरिक मारे गये और घायल हुए हैं। कम से कम 10 अन्य देश और क्षेत्र हैं जहां गृह युद्ध, सशस्त्र हिंसा और आतंकवादी हमले वर्षों और यहां तक कि दशकों से मानवीय आपदाओं का कारण बन रहे हैं। इनमें अफगानिस्तान, बर्किना फासो और साहेल, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड और लेक चाड बेसिन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया और यमनी हौथी विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित लाल सागर शामिल हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है लेकिन चुनाव पूर्व जारी आंकड़ों पर संदेह

सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास का लाभ वंचितों को भी मिले
अंजन रॉय - 2024-03-04 12:14 UTC
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को जारी सकल घरेलू उत्पाद में चौथी तिमाही में 8.4% की वृद्धि दर्शाकर अर्थशास्त्रियों, विशेषज्ञों और वित्तीय बाजारों को भ्रमित कर दिया है। इन जीडीपी आंकड़ों के जारी होने से अर्थशास्त्रियों और टिप्पणीकारों के बीच यह साबित करने के लिए एक-दूसरे को मात देने का दौर शुरू हो गया है कि वे सांख्यिकीय बाजीगरी और कमियां ढूंढने में कितने अच्छे हैं।

चुनाव की पूर्व संध्या पर विपक्ष से भाजपा में पूर्ण दलबदल का आयोजन

हिंदुत्व-कारपोरेट-भगवा गठजोड़ के खिलाफ अभियान समय की मांग
पी सुधीर - 2024-03-02 12:03 UTC
भाजपा ने कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों से दलबदल कराने के लिए एक पूर्ण अभियान शुरू किया है। नीतीश कुमार की जद (यू) और जयंत चौधरी की रालोद को भाजपा में शामिल करने के बाद, विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के कुछ चुनिंदे नेताओं, विधायकों और पूर्व विधायकों के दलबदल की बाढ़ आ गयी है।

भाजपा ने आया-राम-गया-राम राजनीति में हासिल की महारत

भगवा पार्टी दलबदल के माध्यम से नष्ट कर रही है राजनीति के नैतिक तंतु
के आर सुधामन - 2024-03-01 11:25 UTC
भारत में आया राम गया राम की राजनीति तब शुरू हुई जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। उन पर थोक में निर्वाचित प्रतिनिधियों को खरीदकर विपक्षी दलों को कमजोर करने का आरोप लगता था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के जमाने में यह जोर पकड़ा जब उन्होंने कांग्रेस सरकार बनाने के लिए थोक में विपक्षी विधायकों को खरीदा, हालांकि पार्टी चुनाव में अल्पमत में थी। अब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस कला में महारथ हासिल कर ली है और भारतीय राजनीति में इस खतरे को अगले स्तर पर ले गये हैं।

भारत में गरीबी के 5 प्रतिशत से नीचे चले जाने का दावा गलत

नीति आयोग एचसीईएस 2022-23 के आंकड़ों पर राजनीति न करे
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-02-29 11:31 UTC
नेशन सैंपल सर्वे ऑफिस (एनएसएसओ) द्वारा घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण (एचसीईएस: 2022-23) के प्रकाशन के ठीक बाद, पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से लोकसभा चुनाव 2024 की पूर्व संध्या पर गरीबी पर राजनीति शुरू कर दी गयी है। सरकारी थिंक टैंक नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी बी. वी. आर सुब्रमण्यम ने दावा किया है कि देश में गरीबी 5 प्रतिशत से नीचे आ गयी है, खुदरा मुद्रास्फीति को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया गया है, तथा ग्रामीण अर्थव्यवस्था के कमजोर होने और भारत का 'कुछ लोगों तक ही सीमित' होने की बात गलत है।

सीटों के बंटवारे पर इंडिया ब्लॉक में बातचीत आखिरकार प्रगति पर

अब महाराष्ट्र, तमिलनाडु और बिहार में घटक दलों का ध्यान केन्द्रित
कल्याणी शंकर - 2024-02-28 10:49 UTC
विनाश का भविष्यवाणी करने वालों ने कहा था कि इंडिया गठबंधन के सहयोगियों के बीच सीटों का बंटवारा विफल हो जायेगा, लेकिन उसके घटक दल धीरे-धीरे आगे बढ़े। अब उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसे कुछ राज्यों में गठबंधन धीरे-धीरे आकार ले रहा है। गठबंधन 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार खड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है।

लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु में हो सकता है त्रिकोणीय मुकाबला

इंडिया ब्लॉक सबसे मजबूत, अन्नाद्रमुक और भाजपा को भी मिल रहे सहयोगी
के आर सुधामन - 2024-02-27 11:21 UTC
2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तमिलनाडु में राजनीतिक सीटों की साझेदारी के संबंध में अभी तक विभिन्न पार्टियों के बीच समझौते पूरे नहीं हुए हैं। राज्य में आधी सदी या उससे भी अधिक समय से राजनीति दो द्रविड़ पार्टियों द्रमुक और अन्नाद्रमुक के इर्द-गिर्द घूमती रही है। कुछ साल पहले द्रमुक के संरक्षक एम करुणानिधि और अन्नाद्रमुक सुप्रीमो जे जयललिता की मृत्यु के बाद से दोनों दलों, जिनके पास लगभग 30 से 35 प्रतिशत वोट शेयर थे, निश्चित रूप से कम हो गये हैं। तब से दोनों द्रविड़ पार्टियों का व्यक्तिगत वोट शेयर घटकर 20-22 प्रतिशत रह गया है और जैसा कि हमने पिछले कुछ चुनावों में देखा था, जो भी पार्टी बेहतर गठबंधन बनाती है, वह जीतती है, चाहे वह तमिलनाडु विधानसभा का चुनाव हो या लोकसभा का।