अडानी मामले में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से विरोधियों में नहीं जगा विश्वास
लीपापोती में शामिल संस्थानों को ही निर्णय करने का काम भी सौंपा गया
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2024-01-04 10:56
अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की सेबी जांच की पर्याप्तता के विरूद्ध बहुप्रतीक्षित याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला न तो ठोस है और न ही निर्णायक। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने बाजार के नियामक को अपनी जांच पूरी करने के लिए और तीन महीने का समय दिया है। अदालत ने संक्षेप में गेंद सरकार के पाले में डाल दी है, जिसे मोटे तौर पर कुख्यात कवर-अप में रुचि रखने वाली पार्टी माना जाता है। यदि सेबी इतने महीनों में जांच पूरी नहीं कर सकता है तो जाहिर तौर पर वह इस कार्य में लगा हुआ है, तो ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि वह इसे तीन महीने में पूरा कर सके। इसलिए, समय का विस्तार इसमें काम नहीं आयेगा।