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मुद्रास्फीति नियंत्रण में है लेकिन रिजर्व बैंक को सतर्क रहना चाहिए

चुनावी खर्च और वैश्विक प्रतिकूलताओं से इसे गंभीर खतरा
अंजन रॉय - 2023-11-18 10:45
हाल ही में कीमतों में गिरावट का रुझान दिखा है। क्या इसके परिणामस्वरूप भारतीय रिजर्व बैंक को अपना मुद्रास्फीति विरोधी रुख ढीला करना चाहिए? एक विचार यह है कि भारतीय रिजर्व बैंक को अब मुद्रास्फीति पर अपना रुख बदलने की प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए और अगले साल की शुरुआत से ब्याज की दरों को कम करना शुरू करना चाहिए।

कर्नाटक में भाजपा और कांग्रेस दोनों में नेतृत्व का संकट

भाजपा की येदियुरप्पा को मनाने की कोशिश, कांग्रेस में सिद्दा, डीकेएस गुटों में भिड़ंत
अरुण श्रीवास्तव - 2023-11-17 12:17
कर्नाटक भाजपा में हाल के घटनाक्रम इस बात का खुलासे करते हैं कि अमित शाह, अपनी तथाकथित 'चाणक्य' प्रसिद्धि के बावजूद, पार्टी मामलों पर पकड़ खो चुके हैं और उनके पास विचारों की भी कमी है। केवल एक सप्ताह पहले, भाजपा नेतृत्व ने कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के छोटे बेटे, पहली बार विधायक बने बी वाई विजयेंद्र को राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया। इसे पुराने लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा को एक बार फिर से पार्टी की कमान सौंपने की एक घुमावदार चाल के रूप में देखा जा रहा है, जिन्हें इस साल मई में राज्य चुनाव के ठीक बीच में मोदी और शाह ने किनारा लगा दिया था ताकि पार्टी को लिंगायत ताकतवर नेता की छाया से दूर ले जाया जा सके।

गाजा पट्टी में परमाणु हथियार के इस्तेमाल की इजराइली धमकी खतरनाक

परमाणु-विरोधी आन्दोलन और विश्व संगठन तत्काल युद्धविराम के लिए काम करें
डॉ. अरुण मित्रा - 2023-11-16 10:53
मौजूदा सदी में सबसे खराब किस्म का संकट है गाजा में मानवीय त्रासदी। लगभग 11000 लोग, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं, उनमें से 40 प्रतिशत 15 साल से कम उम्र के बच्चे हैं, घनी आबादी वाले क्षेत्र में असंगत आक्रामकता और अभूतपूर्व बमबारी से मारे गये हैं। गाजा में हर 10 मिनट में एक बच्चे की मौत हो रही है। अस्पतालों और शरणार्थी शिविरों सहित अधिकांश बुनियादी ढांचे मलबे में तब्दील हो गये हैं। इस विनाश से संतुष्ट न होकर इजराइल के हेरिटेज मंत्री अमीचाई एलियाहू ने परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की धमकी दी।

अमेरिकी और पश्चिमी राजनयिक बांग्लादेश में खुलकर कर रहे हैं विपक्ष का समर्थन

जनवरी चुनाव से पहले आर्थिक संकट बढ़ने से अवामी लीग सरकार मुश्किल में
आशीष विश्वास - 2023-11-15 10:46
पिछले कुछ वर्षों के दौरान बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था में लगातार गिरावट ने अमेरिका के साथ उसके असहज संबंधों में वर्तमान तनाव को बढ़ा दिया है। इसने सत्तारूढ़ अवामी लीग (एएल) की स्थिति को राजनीतिक रूप से और अधिक कमजोर कर दिया है ऐसे समय जब यह 2024 के संसदीय चुनावों के लिए अपना चुनाव पूर्व अभियान चला रही है।

भारतीय मूल के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के उद्देश्य दीर्घकालिक

हेली और रामास्वामी ट्रंप से भले ही न जीतें उनकी राजनीतिक हैसियत बढ़ जायेगी
कल्याणी शंकर - 2023-11-14 11:23
2024 के चुनावों में भारतीय मूल के अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों का प्रदर्शन कैसा रहेगा? चुनाव से एक साल पहले आज वे रिपब्लिकन नेता और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से काफी पीछे हैं। उल्लेखनीय है कि ट्रम्प अन्य दावेदारों पर महत्वपूर्ण बढ़त बनाये हुए हैं, जो दौड़ को और अधिक प्रतिस्पर्धी और रोमांचक बना सकता है। किसी ने नहीं कहा कि वे अपनी पार्टियों से राष्ट्रपति पद का नामांकन जीतेंगे, क्योंकि उनके और ट्रम्प के बीच अंतर बहुत बड़ा था। आख़िरकार, ट्रम्प और राष्ट्रपति बाइडेन को आधिकारिक उम्मीदवार चुना जायेगा।

चुनाव प्रचार के दूसरे चरण में कांग्रेस की बढ़त बरकरार

भाजपा की छत्तीसगढ़ में सुधार तथा मध्य प्रदेश में सरकार बचाने की पुरजोर कोशिश
डॉ. ज्ञान पाठक - 2023-11-13 11:48
छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को दूसरे चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है और मुख्य प्रतियोगियों - कांग्रेस और भाजपा - के लिए प्रचार के केवल दो दिन बचे हैं। फिलहाल दोनों राज्यों में कांग्रेस अपनी बढ़त बनाये हुए नजर आ रही है। छत्तीसगढ़ में भाजपा अपनी खोई जमीन वापस पाने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है, वहीं मध्य प्रदेश में वह अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए संघर्ष कर रही है।

राज्यपालों की मनमानी शक्तियाँ समाप्त होनी चाहिए

नरेंद्र मोदी सरकार के तहत विधायिका की उपेक्षा कर रहे हैं राज्यपाल
पी. सुधीर - 2023-11-11 12:03
जिन तरीकों से भारतीय संघवाद और निर्वाचित राज्य विधानमंडलों की शक्तियों को कमजोर किया जा रहा है, उनमें से एक यह है कि राज्यपाल विधानमंडलों द्वारा पारित विधेयकों पर उनके संबंध में कोई निर्णय लिए बिना ही बैठे रहते हैं।
पंडित नेहरू के जन्मदिन 14 नवम्बर पर विशेष

अतीत के गौरव के प्रशंसक पर अंध-भक्ति के विरोधी थे नेहरू

धर्मनिरपेक्ष-वैज्ञानिक समझ पर निर्भर है आधुनिक भारत का उज्ज्वल भविष्य
एल. एस. हरदेनिया - 2023-11-10 10:43
पंडित जवाहरलाल नेहरू के बारे में कुछ लोगों की यह धारणा है कि वे भले ही पैदा भारत में हुए हों, चिंतन और रहन-सहन से वे पूरी तरह यूरोपीय थे। नेहरू जी के बारे में इस तरह की गलत धारणा फैलाने में दक्षिणपंथी विचारों में विश्वास करने वाले संगठनों एवं समूहों की महत्वपूर्ण भूमिका है। दकियानूसी और हिंदुत्ववादी ताकतों ने इस तरह के भ्रम को विस्तार देने में कोई कसर नहीं उठा रखी है। यह बात पूरे विश्वास के साथ कहा जा सकता है कि इस तरह का भ्रम अज्ञानता अथवा प्रायोजित प्रयासों पर आधारित है। ऐसे तत्व यदि नेहरू जी के विचारों का, उनकी पुस्तकों का, अध्ययन करते तो उनका यह भ्रम दूर हो सकता है।

आचार संहिता के बिना कार्य करती है लोक सभा आचार समिति

सांसद उन नियमों से पीछे हट रहे हैं जिनका उन्हें पालन करना चाहिए
नन्तू बनर्जी - 2023-11-10 10:40
यह अविश्वसनीय परन्तु सच है कि 21 अक्तूबर, 1951 और 21 फरवरी, 1952 के बीच देश में पहले आम चुनाव के बाद से लोकसभा के सीधे निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए कोई सूचीबद्ध 'आचार संहिता' नहीं है। हालांकि, विरोधाभासी रूप से, लोकसभा की एक नैतिक समिति है जिसके सदस्य उन नियमों या कृत्यों के बारे में अंधेरे में रहते हैं जो स्पष्ट रूप से उनके लिए अनैतिक बताये गये हैं। लोकसभा में पहली आचार समिति का गठन 16 मई 2000 को तेलुगु देशम पार्टी के दिवंगत जीएमसी बालयोगी द्वारा किया गया था। लोकसभा को अभी भी अपने सदस्यों के लिए आचार संहिता लाना बाकी है और सदस्यों के व्यावसायिक हित की घोषणा की व्यवस्था भी करनी है जैसा कि राज्यसभा सदस्यों के लिए पहले से ही मौजूद है।

जाति आधारित सामाजिक-आर्थिक सर्वे से नीतीश ने आरएसएस-मोदी को पछाड़ा

संघ के हिंदू वोट ध्रुवीकरण के फॉर्मूले को बिगाड़ सकता है यह रणनीतिक कदम
अरुण श्रीवास्तव - 2023-11-09 10:43
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि नरेंद्र मोदी उनकी राजनीतिक कौशल और प्रशासनिक कुशलता की बराबरी नहीं कर सकते। हालांकि मोदी के मध्यम वर्ग के भक्त दावा करते हैं कि उन्हें पूरी समझ है कि अपने प्रतिद्वंद्वी को कब और कैसे पछाड़ना है। मंगलवार को जाति जनगणना के सामाजिक-आर्थिक आंकड़े जारी करने का नीतीश का कदम स्पष्ट संदेश देता है कि उनके पास और भी बहुत कुछ है जिनमें सामाजिक समावेशन के साथ-साथ राजनीतिक समय दोनों के महत्व की गहरी समझ शामिल है।