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अतीन्द्रिय

वह अनुभव जो इन्द्रिय से परे जाकर होती है उसे अतीन्द्रिय या इन्द्रियातीत अनुभव कहते हैं।

विद्वानों का मत है कि कला तथा आध्यात्म में अनेक लोगों को अधिभूत जगत या संसारिक चीजों की अनुभूति इन्द्रियों के माध्यम से तो होती ही है, उन्हें इन्द्रियों से परे जाकर भी एक अद्भुत अनुभूति होती है। ऐसे लोगों में कला साधकों तथा योगियों का नाम लिया जाता है।

ऐसी अनुभूतियों को अलौकिक, लोकोत्तर आदि नाम से भी जाना जाता है।

अध्यात्म में इन्द्रियातीत अनुभूति होने पर ही योगी की मुक्ति संभव मानी जाती है।

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अतुकान्त, अत्यंत तिरस्कृत वाच्य ध्वनि, अंत्यानुप्रास, अत्युक्ति, अथरनाला ब्रिज

Page last modified on Friday May 23, 2025 14:04:12 GMT-0000