एकत्ववाद
भारतीय चिन्तन एवं दर्शन परम्परा में एकत्ववाद वह दर्शन है जिसमें जगत् का अन्तिम सत्य एक माना जाता है। अनेक स्थानों पर इसे एकेश्वरवाद या अद्वैतवाद के अर्थ में भी प्रयुक्त किया जाता है।आसपास के पृष्ठ
एकपात्रीय नाटक, एकांकी, एकार्थ काव्य, एकालाप, एकावली, एकीकरण