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दैन्य

दैन्य या दीनता एक संचारी भाव है, एक मनोदशा है। ऐसा भाव प्रकृतिगत भी हो सकता है तथा आगन्तुक भी। दुर्गति आदि के कारण ओजस्विता के अभाव को दैन्य कहा जाता है। निर्धनाता तथा मनस्ताप आदि इसके विभाव हैं, तथा असंयम, शरीर की शिथिलता, मलिनता, तथा मन का विक्षेप आदि इसके अनुभाव हैं।

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Page last modified on Tuesday June 27, 2023 16:32:01 GMT-0000