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हमारे नेता क्यों कतरा रहे हैं वैक्सीन लेने से?

उनके तर्क विचित्र हैं
अनिल जैन - 2021-01-21 09:48
दुनिया के जिन-जिन देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए टीकाकरण (वैक्सीनेशन) की शुरुआत हुई है, वहां का अनुभव है कि इसकी सफलता के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि लोगों का वैक्सीन को लेकर भरोसा बने। उन्हें यह यकीन हो कि वैक्सीन उनको वायरस से सुरक्षा देगी और उनके शरीर पर कोई बुरा असर नहीं होगा। यह भरोसा बनाने के लिए अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन और उनकी पत्नी ने सार्वजनिक रूप से वैक्सीन लगवाई। अमेरिकी संसद के निचले सदन की स्पीकर और उच्च सदन के सभापति यानी उप राष्ट्रपति ने भी वैक्सीन लगवाई। हालांकि इसके बावजूद अमेरिका में वैक्सीन लेने वालों का भरोसा नहीं बना और जब कई जगह वैक्सीन का स्टॉक फेंका जाने लगा तो उसके स्टॉक के नए नियम बने।

26 जनवरी का ट्रैक्टर मार्च

सरकार को इस समस्या का हल निकालना है, सुप्रीम कोर्ट को नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-01-19 09:37
उधर किसान अड़े हुए हैं कि तीनों काले कानूनों को वापस करवाए बिना वे अपना आंदोलन समाप्त नहीं करेंगे। इधर केन्द्र सरकार कह रही है कि वह उन कानूनों को समाप्त नहीं करेगी और किसान अपनी जिद छोड़ दें व समाधान को कोई रास्ता अपनाएं। लेकिन किसान टस से मस होने को तैयार नहीं। उनके आंदोलन को देश व्यापी समर्थन मिल रहा है और लगभग सभी राज्यों में उनके पक्ष में समर्थन में जुलूस और प्रदर्शन निकाले जा रहे हैं। अभी गनीमत है कि कोरोना संकट के कारण रेलें नियमित रूप से नहीं चल पा रही हैं, इसलिए देश के अन्य हिस्सों से किसान दिल्ली कूच नहीं कर पा रहे हैं। फिलहाल, पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान ही दिल्ली की सीमा पर डटे हुए हैं, क्योंकि वे दिल्ली के काफी निकट हैं और उन्हें यहां आने के लिए ट्रेन की जरूरत भी नहीं पड़ती है।

भारत का शेयर बाजार बूम

गुब्बारे को फटना ही है
नंतू बनर्जी - 2021-01-18 10:18
पिछले चार वर्षों में भारत के शेयर बाजार में तेजड़ियों की आंधी ने इस मिथक को तोड़़ दिया है कि शेयर बाजार अर्थव्यवस्था का एक बैरोमीटर है। पिछले चार वर्षों में अपने स्टॉक सूचकांकों की गति के साथ भारत की आर्थिक विकास की प्रवृत्ति का लिंक यह साबित करने के लिए पर्याप्त है कि भारत की वास्तविक अर्थव्यवस्था का उसके शेयर बाजार के साथ बहुत कम संबंध है। 2017-18 में, जब देश की जीडीपी वृद्धि आधिकारिक तौर पर 7.2 प्रतिशत थी, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) संवेदनशील सूचकांक (सेंसेक्स) 36,443.98 के ऊच्च स्तर पर पहुंच गया। इसके बाद, एसएंडपी बीएसई सेंसेक्स 2018-19 में 38,989.65 के उच्च स्तर पर पहुंच गया। यह 13 जनवरी 2021 को 49,795.19 था।

मोदी ने टीकाकरण अभियान में एक गलती कर दी

पहला टीका उन्हें ही लेना चाहिए था
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-01-16 08:54
भारत में भी कोराना वायरस के खिलाफ टीकाकरण का अभियान शुरू हो गया। अनेक देशों में यह पहले ही चल रहा था। सबसे पहले शुरुआत रूस में ही हो गई थी, जब पिछले साल अगस्त महीने में स्पुतनिक वी वैक्सिन को तैयार करने वाले वैज्ञानिकों ने खुद वह टीका लगवाया था। चूंकि उस टीका का परीक्षण 60 साल से कम उम्र के लोगों पर ही किया गया था, इसलिए 60 साल से ऊपर की उम्र वाले प्रधानमंत्री पुतिन खुद यह टीका नहीं ले सकते थे, लेकिन रूस और दुनिया के लोगों का उस वैक्सिन में विश्वास पैदा करने के लिए पुतिन ने अपनी बेटी को वह टीका दिलवाया।

केरल में यूडीएफ के सामने पहचान का संकट

कांग्रेस की गुटबाजी थमने का नाम नहीं ले रही
पी श्रीकुमारन - 2021-01-15 09:37
तिरुअनंतपुरमः कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में पूरी तरह से लोकतांत्रिक मोर्चा पहचान संकट का सामना कर रहा है। स्थानीय निकायों के चुनावों में उसे हाल ही में हार मिली और उस हार के बाद उसकी किस्मत त्रिशंकु की तरह आसमान में झूल रहा है। उसे समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या करे।

अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए प्रियंका ने कसी कमर

वह अनेक मुद्दों पर योगी सरकार के खिलाफ संघर्ष कर रही है
प्रदीप कपूर - 2021-01-14 09:37
लखनऊः श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा और उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी योगी आदित्यनाथ सरकार पर बेरोजगारी, कुपोषण और महिलाओं पर अत्याचार के मुद्दों पर संघर्ष कर रही है।

कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

समस्या का समाधान सुप्रीम कोर्ट के पास शायद है ही नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-01-13 09:57
तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी सक्रियता दिखाई है। उसने दो फैसले किए। पहले फैसले में उसने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी। दूसरा फैसला करते हुए उसे एक चार सदस्यीय समीति का गठन कर डाला, जिसे किसानों से बात करके दो महीने के अंदर रिपोर्ट देने को कहा गया है। उसका पहला फैसला तो सही है, क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। और जब तक मामला विचाराधीन हो, तबतक के लिए सुप्रीम कोर्ट कानून पर रोक लगा सकता है। पहले भी सरकारी निर्णयों और कानूनों पर इस तरह की रोक लगती रही है। लेकिन अपने दूसरे फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने जो किया वह गलत है।

असम में भाजपा आरामदेह स्थिति में

गठबंधन में कांग्रेस को बेलने पड़ेंगे पापड़
सागरनील सिन्हा - 2021-01-12 09:35
असम, जनसंख्या के मामले में सभी पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे बड़ा है। राजनीतिक गतिविधियां लगभग अंतिम चरण में हैं - क्योंकि राज्य में चुनाव केवल तीन महीने दूर हैं।

केरल सरकार बहुत पहले से किसानों को संरक्षण दे रही है

बीजेपी, आरएसएस ने उनके हितों को कॉर्पोरेट घरानों को बेच दिया है
बिनॉय विश्वम - 2021-01-11 16:59
जैसा कि उम्मीद की जा रही थी, किसान यूनियनों और नरेंद्र मोदी सरकार के मंत्रियों के बीच आठवें दौर की वार्ता 8 जनवरी को विफल रही। घरेलू कॉरपोरेट्स और एफडीआई के अधीन कोई सरकार उसी तरह से काम कर सकती है जिस तरह से भाजपा सरकार ने की है। ‘सबका साथ’ के खोखले नारे के तहत, सरकार भारतीय कृषि में ‘अडानी-अंबानी राज’ के लिए जमीन तैयार करने का इरादा रखती है। ये स्वदेशीवादी हमारे कृषि क्षेत्र में मोनसेंटो और कारगिल के लिए लाल कालीन बिछाने के लिए उत्सुक हैं।

भागवत की नजर में हिन्दू देश विरोधी नहीं हो सकता

आखिर देश विरोध है क्या?
अनिल जैन - 2021-01-09 11:07
आरएसएस के मुखिया मोहन राव भागवत ने फरमाया है कि अगर कोई हिंदू है तो वह देशभक्त ही होगा, क्योंकि देशभक्ति उसके बुनियादी चरित्र और संस्कार का अभिन्न हिस्सा है। यह बात उन्होंने महात्मा गांधी को हिंदू राष्ट्रवादी बताने वाली एक किताब ‘मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियटः बैक ग्राउंड ऑफ गांधीजी हिंद स्वराज’ का विमोचन करते हुए कही। किताब के नाम और मोहन भागवत के हाथों उसके विमोचन किए जाने से ही स्पष्ट है कि यह महात्मा गांधी को अपने हिसाब से परिभाषित करने की कोशिश है।