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औद्योगिक उत्पादन और रोजगार सृजन से उच्च विकास दर का टूटता सम्बंध

भारत में बढ़ते आयात से स्थानीय विनिर्माण को भारी नुकसान
नन्तू बनर्जी - 2025-06-10 10:31 UTC
भारत के आर्थिक विकास के आंकड़े घरेलू विनिर्माण, औद्योगिक उत्पादन और रोजगार सृजन से तेजी से अलग होते जा रहे हैं। पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश की 6.5 प्रतिशत सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि में विनिर्माण क्षेत्र का अत्यल्प योगदान रहा, जो चार वर्षों में सबसे था। पिछले साल अच्छे मानसून के बावजूद, दूसरी छमाही (अक्टूबर-मार्च) में देश के कृषि क्षेत्र की वृद्धि दर 3.5 प्रतिशत रही। 2024-25 के लिए औद्योगिक विकास दर केवल 4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पिछले चार वर्षों में सबसे कम है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2025 में देश का औद्योगिक उत्पादन आठ महीने के निचले स्तर 2.7 प्रतिशत पर आ गया। तब फिर देश की जीडीपी वृद्धि को कौन आगे बढ़ा रहा है? जाहिर है, देश का कम भरोसेमंद विशाल सेवा क्षेत्र, जिसे भारी आयात आधार दे रहा है।

पूर्वोत्तर को भयंकर अराजकता में डाल सकती है असम के मुख्यमंत्री की हथियार नीति

नागरिकों को अधिक हथियार सौंपने से हथियार संघर्ष में तेजी आयेगी
डॉ. ज्ञान पाठक - 2025-06-09 10:49 UTC
पूर्वोत्तर भारत में सबसे मुखर हिंदुत्व चेहरा, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, जिन्होंने अतीत में सांप्रदायिक आग को भड़काने का शौक दिखाया है, अब ऐसा लगता है कि उन्होंने हथियारों के संघर्ष की और भी भयानक आग के साथ खेलने का फैसला किया है, अगर राज्य में उनकी नयी हथियार नीति किसी भी तरह का संकेत देती है। उनके नेतृत्व में भाजपा के नेतृत्व वाली असम सरकार द्वारा नागरिकों के हाथों में अधिक हथियार देने का निर्णय पूरे पूर्वोत्तर में उग्रवादी और सांप्रदायिक हिंसा को और बढ़ायेगा, जो पहले से ही काफी समय से इस तरह के खतरे से पीड़ित है।

प्रचार नहीं बल्कि संसद करे कश्मीर हमलों पर भारत की प्रतिक्रिया का नेतृत्व

मौजूदा संकट पर चर्चा के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाना बहुत ज़रूरी
पी सुधीर - 2025-06-06 10:47 UTC
'खून नहीं, बल्कि सिंदूर मेरी रगों में बह रहा है' - प्रधानमंत्री मोदी के ये शब्द ऑपरेशन सिंदूर के बाद के अभियान की शुरुआत करने की उनकी खास शैली को दर्शाते हैं। देश के सामने मौजूद गंभीर चुनौतियों के जवाब में वह या उनकी सरकार और कर भी क्या कर सकती थी। पारदर्शिता और आत्मनिरीक्षण इस सरकार की कभी खासियत नहीं रही। मोदी सरकार की विदेश नीति की रणनीति प्रधानमंत्री को केंद्रीय व्यक्ति के रूप में पेश करने पर बहुत ज़्यादा निर्भर रही है, जो सुसंगत कूटनीति को आगे बढ़ाने के बजाय एक व्यक्तित्व पंथ को विकसित करने का एक स्पष्ट प्रयास है। प्रधानमंत्री के व्यक्तित्व को विदेश नीति के अगुआ के रूप में स्थापित करने से पारंपरिक कूटनीतिक ज्ञान को उलट दिया गया है, और स्थापित कूटनीतिक परंपराओं से स्पष्ट रूप से यह अलग होने का संकेत है।

रूस से आयात में भारी कटौती के लिए अमेरिका का भारत पर दबाव

क्या नरेंद्र मोदी ट्रम्प की भारत-अमेरिकी व्यापार की शर्तों पर आत्मसमर्पण करेंगे?
अंजन रॉय - 2025-06-05 10:27 UTC
भारत द्वारा रूसी हथियारों और शस्त्रों की खरीद "अमेरिका को परेशान करती है"। अमेरिकी वाणिज्य सचिव हॉवर्ड लुटनिक के अनुसार, यह भारत-अमेरिका संबंधों में एक परेशानी है।

नरेंद्र मोदी अपने तीसरे कार्यकाल के पहले साल के बाद और मजबूत हुए

लोकसभा में संख्याबल के बावजूद, इंडिया ब्लॉक ठोस चुनौती देने में विफल
कल्याणी शंकर - 2025-06-05 08:12 UTC
9 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अपने तीसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर पहुंच रही है। सत्तारूढ़ भाजपा का दावा है कि भारत ने पिछले एक साल में कुछ महत्वपूर्ण प्रगति की है। उनके समर्थकों का तर्क है कि 2014 में मोदी के सत्ता में आने के बाद से, भारत ने वैश्विक मान्यता प्राप्त की है और अर्थव्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। हालांकि, यह एक कठोर वास्तविकता है कि लोग बढ़ती कीमतों, मुद्रास्फीति और बेरोजगारी के बारे में भी गंभीर रूप से चिंतित हैं, जो ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।

गाजा और पश्चिमी तट पर कब्ज़ा करने के लिए इजरायल पूरी तरह तैयार

लक्ष्य प्राप्त होने तक इजरायल जारी रख सकता है युद्ध
नन्तू बनर्जी - 2025-06-03 10:38 UTC
गाजा के हमास उग्रवादियों को एक बड़ी आपदा का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि इजरायल लगभग 20 वर्षों के अंतराल के बाद गाजा पट्टी पर पूर्ण नियंत्रण करने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसके साथ ही, इजरायल फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और स्वीडन और यहां तक कि तेल अवीव में अपने ही लोगों के एक वर्ग के विरोध को नजरअंदाज करते हुए पश्चिमी तट के एक बड़े हिस्से (क्षेत्र सी) पर कब्ज़ा करने के लिए कमर कसता हुआ दिखायी दे रहा है।

5 लाख से अधिक पायरेटेड एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की प्रतियां की गयीं जब्त

पायरेटेड पाठ्यपुस्तकों के विनिर्माण, वितरण और बिक्री में शामिल अपराधियों के खिलाफ की गई कार्रवाई
एस एन वर्मा - 2025-06-02 16:58 UTC
नई दिल्ली : एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की साहित्यिक चोरी जो कॉपीराइट अधिनियम, 1957 के तहत एक संज्ञेय अपराध है, के प्रति जीरो-टोलेरेंस की नीति अपनाते हुए एनसीईआरटी ने पिछले 14 महीनों में संबंधित पुलिस अधिकारियों के साथ मिलकर 5 लाख से अधिक पायरेटेड एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों की प्रतियां, 20 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की बड़ी मात्रा में प्रिंटिंग पेपर और मशीनरी जब्त की है, जबकि पायरेटेड एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकों के प्रिंटर, गोदाम मालिकों और खुदरा विक्रेताओं के विरूद्ध रिकॉर्ड संख्या में 29 एफआईआर दर्ज की हैं।

राजनीतिक उथल-पुथल के कारण दक्षिण एशियाई अर्थव्यवस्थाएं संकट में

बहुत मुश्किल दौर से गुज़र रहे हैं बांग्लादेश, पाकिस्तान, म्यांमार और नेपाल
आशीष विश्वास - 2025-06-02 11:03 UTC
कोलकाता: दक्षिण एशिया में आम तौर पर, हाल के दिनों में राजनीति से जुड़ी सामूहिक हिंसा का स्तर बढ़ रहा है, जिससे अधिकांश देशों में सत्तारूढ़ दलों/प्रतिष्ठानों में चिंताएं पैदा हो रही हैं। बांग्लादेश, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार या भारत में ऐसी हिंसा से लाखों लोगों के जीवन पर नकारात्मक असर पड़ा है! इसके अलावा, कोविड के बाद की अवधि के दौरान बिगड़ती आर्थिक स्थिति भी मौजूदा सामाजिक तनावों में योगदान देने वाले एक प्रमुख कारक के रूप में उभरी है।

प्रधानमंत्री भाजपा के लाभ के लिए कर रहे हैं ऑपरेशन सिंदूर का इस्तेमाल

इंडिया ब्लॉक के सहयोगी नरेंद्र मोदी की योजना को विफल करने के हकदार
नित्य चक्रवर्ती - 2025-05-31 11:02 UTC
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री द्वारा उनके और उनकी सरकार के खिलाफ किये गये क्रूर हमलों का जवाब देते हुए सही कहा कि नरेंद्र मोदी 2026 की शुरुआत में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनावों में भाजपा के लिए सस्ते राजनीतिक लाभ हासिल करने के लिए ऑपरेशन सिंदूर का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच हुए युद्धविराम समझौते के बाद प्रधानमंत्री की पक्षपातपूर्ण राजनीति के खिलाफ पहला ऐसा स्पष्ट हमला था, जिसके तहत वह अपने चुनाव उन्मुख भाषणों के माध्यम से पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना की सफलता को भाजपा के लिए राजनीतिक लाभ में बदलने की कोशिश कर रहे हैं।

गोवा बना पूर्ण साक्षरता हासिल करने वाला भारत का दूसरा राज्य

एस एन वर्मा - 2025-05-30 16:03 UTC
नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने आधिकारिक तौर पर उल्लास - नव भारत साक्षरता कार्यक्रम (न्यू इंडिया लिटरेसी प्रोग्राम) के तहत गोवा राज्य को आधिकारिक तौर पर पूर्ण साक्षर घोषित किया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में परिकल्पित 2030 तक पूर्ण साक्षरता प्राप्त करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इससे गोवा देश का दूसरा राज्य बन गया है जिसने पूर्ण साक्षरता के लिए राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित 95% बेंचमार्क को पार कर लिया है। यह घोषणा गोवा के 39वें राज्य दिवस (30 मई, 2025) के भव्य समारोह के दौरान पणजी के दीनानाथ मंगेशकर कला मंदिर में की गई।