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‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के मार्ग में प्रधानमंत्री की बड़ी चुनौतियां

वर्तमान लोकसभा में एनडीए सरकार के लिए दो-तिहाई बहुमत प्राप्त करना लगभग असंभव
कल्याणी शंकर - 2024-09-24 10:40
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' का विचार संसद और सार्वजनिक बहस की ओर बढ़ रहा है। नरेंद्र मोदी सरकार ने पिछले सप्ताह इस मुद्दे को आगे बढ़ाने का फैसला किया। केन्द्रीय कैबिनेट ने आगामी सत्र में संसद में एक विधेयक लाने का फैसला किया। इस अवधारणा पर पहले भी कई बार बहस हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई राजनीतिक आम सहमति नहीं बन पायी है।

पेजर और वॉकी-टॉकी विस्फोट मध्य पूर्व में नये तकनीकी युद्ध का संकेत

इज़राइली कार्रवाई दूरगामी परिणामों के साथ एक उच्च-दांव वाला जुआ
एम ए हुसैन - 2024-09-23 10:45
हाल ही में लेबनान में हज़ारों पेजर तथा वॉक-टॉकी सेटों का विस्फोट एक ख़तरनाक घटना है जो इज़राइली हाथ के लक्षण दर्शाता है, जो संभवतः इज़राइल और हिज़्बुल्लाह के बीच आसन्न सैन्य युद्ध में वृद्धि का संकेत देता है। यह तनाव हिज़्बुल्लाह की हाल ही में इज़राइली सेना के साथ झड़पों के बाद से बढ़ रहा है, जो 7 अक्टूबर को हमास के नेतृत्व वाले घातक हमले के बाद गाजा के खिलाफ़ इज़राइल की तीव्र सैन्य कार्रवाइयों का सीधा जवाब है। लेबनान के पेजर को लक्षित करने के पीछे रणनीतिक उद्देश्य स्पष्ट है: हिज़्बुल्लाह के आंतरिक संचार को पंगु बनाना, जो इसके सैन्य अभियानों का एक महत्वपूर्ण घटक है।

अमेरिकी फेडरल रिजर्व की भारी कटौती का वैश्विक स्तर पर शेयर बाजारों पर असर

भारतीय नीति निर्माताओं को इसके पूरे निहितार्थों का आकलन कर समायोजन करना होगा
अंजन रॉय - 2024-09-21 10:42
19 सितंबर 2024 दुनिया भर के वित्तीय बाजारों के लिए एक बड़ा दिन था। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आखिरकार वैसा ही किया जैसा बाजारों को उम्मीद थी। इसने ब्याज दरों में भारी कटौती की। इसका वैश्विक स्तर पर व्यापक असर हो रहा है और शेयर बाजारों, जो पहले से ही समायोजन कर रहे हैं, को अधिक समायोजन करना पड़ रहा है, जैसा कि हमने भारतीय बाजार में तेज उछाल के दौरान देखा है। मार्च 2020 के बाद से अमेरिकी केंद्रीय बैंक की ओर से यह पहली ब्याज दर कटौती है।

भारत ने इजरायल के मुद्दे पर खुद को ब्रिक्स सदस्यों से अलग-थलग कर लिया

फिलिस्तीनी क्षेत्र से कब्जा हटाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में मतदान से बचना शर्म की बात
नित्य चक्रवर्ती - 2024-09-20 10:46
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के दौरान भारतीय विदेश नीति में क्या हो रहा है? क्या भारत 2024 में संयुक्त राज्य अमेरिका का एक जागीर देश बन जायेगा और देश के ब्रिक्स भागीदारों के साथ अपने सभी राजनीतिक संबंधों को समाप्त कर देगा?

बिना शोर-शराबे के गुजरे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन

भाजपा सदस्य उनके 74वें जन्मदिन के अवसर पर भी उतने ही शांत रहे
सुशील कुट्टी - 2024-09-19 10:42
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनडीए सरकार ने 17 सितंबर को अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे किये। मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं, और उनका प्रदर्शन कैसा रहा, यही 17 सितम्बर के दिन का विषय था, क्योंकि इसी दिन उनका जन्मदिन भी था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को 74 साल के हो गये और इस अवसर पर बहुत जश्न का माहौल नहीं था। 2024 के लोकसभा चुनावों में “आधी जीत” की भावना मन में अभी भी बनी हुई है, जो लोगों को परेशान और उन्हें सोचने पर मजबूर करती है।

केरल और चार अन्य गैर-भाजपा राज्यों ने करों में उचित हिस्सेदारी की मांग की

केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले उपकर और अधिभार पर सीमा लगाने की मांग
पी. श्रीकुमारन - 2024-09-18 10:41
तिरुवनंतपुरम: एक निर्णायक कदम उठाते हुए, पांच राज्यों के वित्त मंत्रियों के एक सम्मेलन ने केंद्र सरकार द्वारा वसूले जाने वाले उपकर और अधिभार पर सीमा लगाने के अलावा राज्यों को संसाधनों का उचित और न्यायसंगत बंटवारा करने की मांग की है।

अमेरिका में भारतीय प्रवासियों को लुभाने में राहुल की सफलता से भाजपा नेतृत्व हैरान

कांग्रेस नेता को पूरा अधिकार है कि वह विदेशों में भी अपनी पार्टी के विचार व्यक्त करें
कल्याणी शंकर - 2024-09-17 10:45
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हाल ही में अमेरिका यात्रा ने भारत में सत्तारूढ़ भाजपा और मुख्य विपक्षी कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध को जन्म दिया है। क्या भारतीय नेताओं को विदेश में सत्तारूढ़ भाजपा की बुराई करने से बचना चाहिए? क्या कोई सीमा है और क्या राहुल ने अमेरिका में रहते हुए उस सीमा का उल्लंघन किया है? भाजपा का दावा है हां, जबकि कांग्रेस का कहना है नहीं।

बिहार की राजनीति पर कमजोर होती जा रही नीतीश कुमार की पकड़

भाजपा नेतृत्व नीतीश के खुद अप्रासंगिक बनाने तक इंतजार करने के मूड में
अरुण श्रीवास्तव - 2024-09-16 10:45
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की साख उनके राजनीतिक जीवन में इतनी कम कभी नहीं हुई, जितनी हाल के महीनों में होती दिख रही है। मुख्यमंत्री होने के नाते लोग उनके पास आते हैं, उनके सामने झुकते हैं, लेकिन कुछ महीने पहले तक जो सम्मान उन्हें मिलता था, वह पूरी तरह से गायब हो गया है। लोगों को उन पर तरस आती है।

मणिपुर हिंसा को रोकने की जिम्मेदारी से पल्ला न झाड़े मोदी सरकार

पिछले 16 महीनों में 250 लोग मारे गये और 60,000 विस्थापित हुए
पी. सुधीर - 2024-09-14 10:53
पूर्वोत्तर भारत के मणिपुर में जातीय संघर्ष और हिंसा गत सोलह महीनों से लगातार जारी है। इस हिंसा के दौरान अब तक 250 से ज़्यादा लोग मारे गये हैं और इससे अनेक गुना लोग घायल हुए हैं। लगभग 60,000 लोग विस्थापित हुए हैं और शरणार्थी के रूप में अन्यत्र रह रहे हैं। केंद्र सरकार और भाजपा की राज्य सरकार बुनियादी मुद्दों को हल करने में पूरी तरह विफल रही है, जिसके कारण संघर्ष हुआ और ऐसी स्थिति विकसित हुई जहाँ जातीय विभाजन और भी बढ़ गया है।

बुजुर्गों को संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज चाहिए, मिला सिर्फ स्वास्थ्य बीमा, वह भी सबको नहीं

नरेंद्र मोदी सरकार को स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार के रूप में स्वीकार करना चाहिए
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-09-13 11:10
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को अतिशयोक्तिपूर्ण रूप से “रोमांचक और प्रभावशाली” योजनाएं शुरू करने का शौक है, लेकिन उनमें से अधिसंख्य केवल सतही होते हैं, जो भारत के लोगों के सामने आने वाली वास्तविक समस्याओं और मुद्दों को अनदेखा करती हैं। 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के स्वास्थ्य कवरेज से संबंधित 11 सितंबर, 2024 को कैबिनेट का नवीनतम निर्णय इसका ज्वलंत उदाहरण है। जब बुजुर्गों को वास्तव में “संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज” की आवश्यकता थी, तब केंद्र ने 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए केवल 5 लाख रुपये का “स्वास्थ्य बीमा कवरेज” स्वीकृत किया, जो वोटों के लिए मुंह मीठा कराने का एक लॉलीपॉप से ज्यादा कुछ भी नहीं है।