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नेपाल के चुनावी नतीजे

भारत के सामने नई चुनौती
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-12-15 14:16
नेपाल के चुनावी नतीजों के बाद वहां वामपंथी मोर्चा की सरकार बन रही है और के पी ओली वहां के प्रधानमंत्री बन रहे हैं। चूंकि मोर्चे को पूर्ण बहुमत प्राप्त हुआ है, इसलिए इसकी पूरी संभावना है कि यह सरकार पूरे 5 सालों तक चलेगी और पिछले 11 सालों से वहां चल रहा अस्थिरता का दौर अब समाप्त हो जाएगा। वहां 2006 से ही राजनैतिक अस्थिरता का दौर चल रहा था। उसी साल नेपाल में राजतंत्र की समाप्ति हुई थी और एक लंबे गृहयुद्ध के बाद राजा ने सत्ता त्याग दी थी। लेकिन उस सत्ता त्याग की पृष्ठभूमि भी खून से रंगी हुई थी। महाराजा बीरेन्द्र की हत्या उसके कुछ साल पहले ही हो गई थी। सिर्फ उनकी ही नहीं, बल्कि उनके पूरे परिवार की ही हत्या कर दी गई थी और हत्यारा और कोई नहीं, बल्कि उनका अपना बेटा ही था। हालांकि कुछ लोग उस हत्याकांड को एक बड़ी साजिश भी बताते हैं, जिसमें राजकुमार को मुखौटा बनाया गया था।

अमेरिकी के सामने झुकने के लिए करजई ने की अशरफ गनी की आलोचना

अफगानिस्तान में ‘सभी बमों की मां’ का इस्तेमाल कर रहे हैं अमेरिकी
शंकर रे - 2017-11-21 11:38
अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने वर्तमान राष्ट्रपति अशरफ गनी के खिलाफ मोर्चा शुरू कर दिया है। वे अमेरिका के सामने नतमस्तक हो जाने के लिए उनकी आलोचना कर रहे हैं। उनका आरोप है कि अमेरिकी सैनिकों को मनमानी करने की इजाजत दे रहे हैं और उसके कारण ही अमेरिकी सेना ने पूर्वी अफगानिस्तान में 9797 किलाग्राम का एक बम गिराया, जिससे करीब 100 लोग मारे गए। इस बम को ‘सभी बमों की मां’ भी कहा जाता है।

क्या ब्रह्मपुत्र पर खतरे में है?

चीन द्वारा सुरंग बनाने की खबर
बरुण दास गुप्ता - 2017-11-07 13:03
हांगकांग से छपने वाले एक अखबार दक्षिण चीन माॅर्निंग पोस्ट में एक खबर छपी कि चीन एक हजार किलोमीटर लंबी सुरंग बना रहा है, जो ब्रह्मपुत्र के पानी को तिब्बत से शिनशियांग प्रांत में भेजने का काम करेगा। गौरतलब हो कि शिनशियांग चीन का पश्चिमी प्रांत है और वहां पानी की भारी किल्लत रहती है। ब्रह्मपुत्र को तिब्बत में यारलंग त्सांगपो कहा जाता है।

शरणार्थी संकट पर एक जुट हो दुनिया

ग्लोबल संकट बनता पलायनवाद
प्रभुनाथ शुक्ल - 2017-09-28 10:55
म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों आए संकट और पलायन के बाद पूरी दुनिया में एक बार फिर शरणार्थी समस्या बहस का मसला बन गयी है। पलायनवाद एक समुदाय विशेष की समस्या के बजाय एक वैश्विक विभीषिका के रुप में उभरा है। संयुक्तराष्ट संघ भी इस पर गहरी चिंता जता चुका है। लेकिन आतंरिक गृहयुद्ध, जातिय हिंसा के साथ आतंकवाद की वजह से सबसे अधिक लोगों का पलायन हुआ है। शरणार्थी समस्या मानवीयता से जुड़ा मसला है। इसे धर्म और जाति, समुदाय से जोड़ना गलत होगा।

रोहिंग्या संकट से दक्षिण एशिया में अस्थिरता

भारत बांग्लादेश और म्यान्मार के बीच फंसा
कल्याणी शंकर - 2017-09-28 10:30
राज्यविहीन रोहिंग्या की समस्या ने दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा है। वे म्यान्मार से खदेड़े जा रहे हैं और बांग्लादेश और भारत जैसे पड़ोसी देशों में शरण ले रहे हैं। अमेरिका सहित दुनिया के कई देशों ने रोहिंग्या की समस्या पर संयुक्त राष्ट्र संघ मे चिंता जताई है।

परमाणु हथियारों से स्वास्थ्य संकट

परमाणु संपन्न देशों को प्रतिबंध के समझौते पर दस्तखत करना चाहिए
डाॅक्टर अरुण मित्र - 2017-09-26 10:11
7 जुलाई 2017 का दिन दुनिया के लिए एक ऐतिहासिक दिवस है। उस दिन संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक प्रस्ताव पास कर परमाणु हथियारों को अवैध घोषित कर दिया। उसके बाद 20 सितंबर से परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक संधि पत्र पर सदस्य देशों द्वारा दस्तखत किए जाने का दिन शुरू हो गया है। इस संधि के तहत परमाणु हथियारों का विकास, परीक्षण, उत्पादन, भंडारन और से किसी तरह हासिल करना अवैध होगा। इस संधि के अनुसार परमाणु हथियारों को किसी अस्त या शस्त्र पर तैनात करना भी गैरकानूनी होगा।

रोहिंग्या एक अंतरराष्ट्रीय समस्या है

इसे सुलझाने के लिए भारत को पहल करनी होगी
उपेन्द प्रसाद - 2017-09-22 12:18
रोहिंग्या की समस्या बद से बदतर रूप ले रही है और इधर भारत में इस पर गंदी राजनीति हो रही है। आज जरूरत इस बात की है कि भारत इस समस्या हो हल करने के लिए कोई ठोस पहले करे, लेकिन सरकार सिर्फ इस बात पर अड़ी है कि यहां आए हुए शरणार्थियों को वापस भेज दिया जाएगा। अब तो केन्द्रीय गृह मंत्री ने उन रोहिंग्या शरणार्थियों को शरणाथी मानने से भी इनकार कर दिया है और उन्हें घुसपैठिया कह रहे हैं।
संयुक्त राज्य अमेरिका

हिलेरी क्लिंटन ने अपनी हार का कारण गिनाया

डेमोक्रेटिक नेता में अभी भी ध्रुवीकरण की ताकत
कल्याणी शंकर - 2017-09-20 18:10
राष्ट्रपति चुनाव हारने के 10 महीनों के बाद हिलेरी क्लिंटन एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में हैं। इसका कारण उनके द्वारा लिखी गई एक किताब है। 494 पृष्ठों की इस किताब में हिलेरी ने राष्ट्रपति चुनाव का अपना विश्लेषण लिखा है। इसमें उन्होंने अपनी हार के कारणों की समीक्षा की है। नई किताब आने के बाद एक बार फिर अमेरिकी समाज में विभाजन देखने को मिल रहा है। कुछ लोग हिलेरी के पक्ष में खड़े हैं, तो कुछ लोग उनकी आलोचना कर रहे हैं।

रोहिंग्या शरणार्थियों की समस्या

विश्व समुदाय को इसे हल करना चाहिए
एल.एस. हरदेनिया - 2017-09-18 12:46
म्यांमार से रोहिंग्या मुसलमानों के निष्कासन ने अनेक महत्वपूर्ण प्रश्नों को जन्म दिया है। इस संदर्भ में सबसे बड़ा महत्वपूर्ण प्रश्न यह है कि किसी देश की सरकार मनमाने ढंग से यदि वहां बरसों से बसे नागरिकों को देश निकाला कर दे तो वे कहां जाएं?

जरूरी है रोहिंग्या समस्या का समाघान

विश्व समुदाय को कुछ न कुछ करना होगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2017-09-12 12:36
रोहिंग्या मुसलमानों का मसला अब भारत के लिए भी सिरदर्द साबित होने लगा है। यहां भी करीब 40 हजार रोहिंग्या शरणार्थी रह रहे हैं और उनको यहां से निकाले जाने को लेकर राजनीति हो रही है। हिन्दू संगठन उन्हें यहां से बाहर करने की मांग कर रहे है, तो मुस्लिम संगठन उन्हे शरण देने की फरियाद कर रहे हैं। मामला कोर्ट तक में पहुंच चुका है और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग तक इस मामले मे कूद चुका है। कहा जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रावधानों के तहत भारत उन शरणार्थियों को यहां से जबर्दस्ती मरने के लिए बाहर नहीं भेज सकता।