Loading...
 
Skip to main content

View Articles

बुजुर्गों को संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज चाहिए, मिला सिर्फ स्वास्थ्य बीमा, वह भी सबको नहीं

नरेंद्र मोदी सरकार को स्वास्थ्य को मौलिक अधिकार के रूप में स्वीकार करना चाहिए
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-09-13 11:10
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार को अतिशयोक्तिपूर्ण रूप से “रोमांचक और प्रभावशाली” योजनाएं शुरू करने का शौक है, लेकिन उनमें से अधिसंख्य केवल सतही होते हैं, जो भारत के लोगों के सामने आने वाली वास्तविक समस्याओं और मुद्दों को अनदेखा करती हैं। 70 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों के स्वास्थ्य कवरेज से संबंधित 11 सितंबर, 2024 को कैबिनेट का नवीनतम निर्णय इसका ज्वलंत उदाहरण है। जब बुजुर्गों को वास्तव में “संपूर्ण स्वास्थ्य कवरेज” की आवश्यकता थी, तब केंद्र ने 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों के लिए केवल 5 लाख रुपये का “स्वास्थ्य बीमा कवरेज” स्वीकृत किया, जो वोटों के लिए मुंह मीठा कराने का एक लॉलीपॉप से ज्यादा कुछ भी नहीं है।
14 सितंबर हिन्दी दिवस पर विशेष

भारत एक राष्ट्र है पर इसकी कोई राष्ट्रभाषा नहीं

क्या निकट भविष्य में राष्ट्रभाषा अंगीकार करना संभव होगा
एल.एस. हरदेनिया - 2024-09-12 11:13
यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारे देश में आजादी के 77 वर्षों बाद भी ऐसी कोई भाषा नहीं है जो देश के सभी निवासियों द्वारा देश के हर कोने में बोली और लिखी जा सके। जब देश आज़ाद हुआ था तो इस बात की आशा थी कि हिन्दुस्तानी देश को जोड़ने वाली भाषा बन सकेगी, परन्तु अबतक ऐसा नहीं हो सका है।

भारत में खनिज तेल की खुदरा कीमतों पर नियंत्रण हटाना एक बड़ा छलावा

वैश्विक कीमतों में गिरावट से भी उपभोक्ताओं को नहीं मिलती राहत
नन्तू बनर्जी - 2024-09-12 10:53
भारत में खनिज तेल की खुदरा कीमतों पर से नियंत्रण हटाना स्थानीय खुदरा बाजार की कीमतों को वैश्विक मूल्य प्रवृत्तियों से जोड़ने के किसी ईमानदार उद्देश्य से ज़्यादा आम जनता और सीधे-साधे उपभोक्ताओं को धोखा देना है। पिछले कुछ वर्षों में यह देखा गया है कि जब भी वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो खुदरा तेल की कीमतें अक्सर तेज़ी से बढ़ जाती हैं, परन्तु जब वैश्विक बाजार में कीमतें घटती हैं तब भारत में खनिज तेल की खुदरा कीमतें तेजी से नहीं घटतीं।

हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ कांग्रेस उत्साहित

भाजपा से मुकाबला के लिए आप और सपा के साथ कांग्रेस की एकता बहुत जरूरी
कल्याणी शंकर - 2024-09-10 10:53
हरियाणा के आगामी विधानसभा चुनाव में कौन विजयी होगा? क्या सत्तारूढ़ भाजपा राज्य में अपना कब्जा बरकरार रखेगी या फिर कांग्रेस जीत का मौका भुनायेगी? देश की निगाहें महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू और कश्मीर में आसन्न चुनावों के नतीजों पर भी टिकी हैं, जो इन राज्यों के भविष्य को आकार देंगे और राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करेंगे।

जम्मू और कश्मीर में शुरू से ही कई पहलू रहे हैं विधान सभा चुनावों के

चुनाव हमेशा धांधली और अनुचित तरीकों को लेकर विवादों में घिरे रहे
हरिहर स्वरूप - 2024-09-09 10:53
18 सितंबर से 1 अक्टूबर, 2024 के बीच जम्मू और कश्मीर में दस साल बाद पहली बार विधानसभा चुनाव होंगे - 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के पांच साल बाद पहली बार।

केरल पुलिस में पूरी तरह से सफाई अभियान की तैयारी

केरल सरकार ने दागी पुलिस अधिकारी के खिलाफ जांच शुरू की
पी. श्रीकुमारन - 2024-09-07 10:38
तिरुवनंतपुरम: विपक्ष के सरकारी निष्क्रियता के आरोप और दुष्प्रचार की हवा निकालते हुए केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पथनमथिट्टा के पूर्व जिला पुलिस प्रमुख पुलिस अधीक्षक सुजीत दास को जांच लंबित रहने तक सेवा से निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने राज्य के पुलिस प्रमुख दरवेश साहिब के नेतृत्व में एक जांच टीम भी गठित की है जो कानून व्यवस्था के प्रभारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) एम आर अजीत कुमार के खिलाफ गंभीर आरोपों की जांच करेगी।

असम के मुख्यमंत्री ने मुसलमानों को निशाना बनाने की सारी हदें पार की

संवैधानिक मानदंडों के घोर उल्लंघन के लिए केंद्र उनके खिलाफ कार्रवाई करे
पी. सुधीर - 2024-09-06 11:04
विभिन्न समुदायों के बीच बढ़ते तनाव और कुछ घटनाओं का इस्तेमाल लोगों को सांप्रदायिक और अंधराष्ट्रवादी आधार पर बांटने के लिए किये जाने के कारण असम में स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। मौजूदा हालात के लिए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा और भाजपा के नेतृत्व वाली उनकी सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। भाजपा नेता हिमंत ने मुसलमानों को निशाना बनाने के अपने अभियान और 'स्वदेशी बनाम बाहरी' के विभाजनकारी बयानबाजी में सारी हदें पार कर दी हैं।

दो विपरीत ध्रुव पर जमे हुए हैं किसान और नरेंद्र मोदी सरकार

केंद्र ने एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग की अनदेखी कर की योजनाओं की घोषणा
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-09-05 10:57
किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं, लेकिन केंद्र ने उसकी अनदेखी करते हुए 2 सितंबर को कृषि क्षेत्र के लिए 14,000 करोड़ रुपये की 7 नयी बड़ी योजनाओं की घोषणा की है। मोदी सरकार ने कहा कि ये योजनाएं किसानों के कल्याण के लिए हैं, लेकिन किसान कह रहे हैं कि उनकी भलाई उनकी फसलों के कानूनी रूप से सुनिश्चित न्यूनतम मूल्य पर निर्भर करती है, जिसे वे पारंपरिक रूप से अनेक बार बहुत कम कीमत पर, यहां तक कि अपनी उत्पादन लागत से भी कम पर बेचने के लिए मजबूर हैं।

भाजपा ने बनायी 10 करोड़ नये सदस्यों को पार्टी में भर्ती करने की योजना

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से दलबदलुओं को शामिल करने पर बड़ा जोर
कल्याणी शंकर - 2024-09-03 11:09
केन्द्र में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी दो-तरफ़ा आधार पर विस्तार करने के लिए काम कर रही है - पहला अन्य दलों, विशेष रूप से कांग्रेस से प्रभावशाली नेताओं को भाजपा में शामिल कर, तथा दूसरा बड़े पैमाने पर पार्टी में नये सदस्यों की भर्ती कर। हालांकि विपक्षी राजनीतिक पार्टियों से इसमें कम संख्या में नेता शामिल हो सकते हैं, लेकिन उनका प्रभाव महत्वपूर्ण है, जबकि जनाधार बढ़ाने के लिए पार्टी बड़ी संख्या में नये सदस्यों को नामांकित करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।

मनी लाऊंडरिंग विरोधी कानून के दुरुपयोग पर सर्वोच्च न्यायालय को विश्वास होने लगा

शीर्ष अदालत के हाल के फैसले देते हैं न्यायिक दृष्टिकोण में एक सूक्ष्म बदलाव का संकेत
के रवींद्रन - 2024-09-02 10:45
दिल्ली के मंत्री मनीष सिसोदिया और अन्य लोगों को दिल्ली आबकारी नीति के संदर्भ में मनी लाऊंडरिंग और इसी तरह के अन्य मामलों में जमानत देने वाले सर्वोच्च न्यायालय के हालिया फैसले न्यायपालिका द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों, खासकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा लगाये गये आरोपों के प्रति दृष्टिकोण में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाते हैं। ये फैसले न केवल न्यायिक दृष्टिकोण को उजागर करते हैं बल्कि जमानत और हिरासत के सिद्धांतों के बारे में अदालत के व्यापक रुख पर भी प्रकाश डालते हैं।