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चुनाव के बाद म्यान्मार में समस्याएं ही समस्याएं

भारत को उसके साथ रिश्ते को लेकर सतर्क रहना होगा
बरुण दास गुप्ता - 2015-11-25 18:47
कोलकाताः म्यान्मार में हुए चुनाव में अंग सन सू की की नेशनल लीग फाॅर डेमोक्रेसी की जीत हुई। सैनिक शासकों ने भी एक पार्टी बना रखी थी और उस पार्टी की जबर्दस्त हार हुई। संसद के नीचले सदन प्रतिनिधि सभा में 330 चुनावी सीटें हैं। उनमें 225 पर अंग की पार्टी का कब्जा हो गया और सैनिक शासकों के हाथों सिर्फ 25 सीटें ही आईं। ऊपरी सदन में अंग की पार्टी को कुल 224 में से 136 में जीत मिली और सैनिक शासकों की पार्टी को मात्र 12 सीटें ही मिलीं।

भारत को रुपया रूबल व्यापार का प्रस्ताव मान लेना चाहिए

मोदी और पुतिन की बातचीत में सुरक्षा और व्यापार पर होगा जोर
नन्तू बनर्जी - 2015-11-05 10:27
रूस ने भारत को वस्तु विनिमय व्यापार को फिर से शुरू करने का प्रस्ताव दिया है। इस वस्तु विनिमय व्यापार को रूपया- रूबल व्यापार भी कहा जाता रहा है। रूस जब सोवियत संघ का हिस्सा था, तो उसके साथ इस तरह के व्यापार का समझौता था। लेकिन बाद में वह समाप्त हो गया। उस व्यापार को शुरू करने का एक नया प्रस्ताव बहुत ही सही समय पर आया है। भारत को इसे स्वीकार कर लेना चाहिए।

बराक ओबामा की मध्यपूर्व नीति को झटका

पुतिन ने अमेरिका की धाक वहां समाप्त कर दी
अरुण श्रीवास्तव - 2015-11-05 10:26
सीरिया में अमेरिकी वर्चस्व को उस समय बहुत बड़ा झटका लगा, जब रूस ने वहां उग्रवादियों के खिलाफ जमकर बमबारी शुरू कर दी। उसके बाद ओबामा प्रशासन ने अपना चेहरा बचाने के लिए आईएसआईएस के खिलाफ अपने सैनिकों की तैनाती शुरू कर दी है।

मध्यपूर्व में एक बड़ा खिलाड़ी बन गया है रूस

ईरान, इराक और सीरिया के साथ उसकी दोस्ती अमेरिका को खटकी
अरुण श्रीवास्तव - 2015-10-28 11:52
अमेरिका की दादागीरी समाप्त हो गई है। किसी ने भी यह नहीं सोचा होगा कि विश्व पर अमेरिका का वर्चस्व इस तरह समाप्त हो जाएगा। रूस ने 30 सितंबर को सीरिया मे सशस्त्र हस्तक्षेप किया। वैसा वहां की सरकार के अनुरोध पर किया गया। उस हस्तक्षेप के साथ ही वहां अमेरिका की दादागीरी समाप्त हो गई।

सीरिया संकट को जटिल बना रही है अमेरिका की महत्वाकांक्षा

ग्रामीण ओबामा को पुतिन के साथ मिलकर इसे सुलझाना चाहिए
अरुण श्रीवास्तव - 2015-10-03 11:13
असद की सत्ता को समाप्त होने से बचाने के लिए रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने वहां सेना भेज दी है। इससे सीरिया के गृहयुद्ध का एक नया अध्याय शुरू हो गया है। यदि रूस ने अपने इस कदम के बाद सही और सफल राजनय नहीं किया, तो उसकी हालत वही हो सकती है, जो एक बार सोवियत संघ की अफगानिस्तान में हो चुकी है। बराक ओबामा और पुतिन आपसी बातचीत के द्वारा और मिलजुलकर मामले को सुलझा सकते हैं, लेकिन दोनों मिलकर क्या करेंगे और सीरिया सत्ता प्रमुख बशर अल असद का क्या होगा, अभी यह साफ नहीं है।

शास्त्री की वाशिंगटन यात्रा को दो बार टाला गया

प्रदेश में भारत पाक संबंध द्विपक्षीय एजेंडे में सबसे ऊपर था
कल्याणी शंकर - 2015-09-04 11:04
ताशकंद समझौते के बाद तब के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की वाशिंगटन यात्रा तय की गई थी, पर यात्रा हो न सकी। सच कहा जाय तो उनके प्रधानमंत्रित्वकाल में वाशिंगटन की यात्रा दो बार हुई थी। पहली यात्रा जून 1965 के लिए तय की गई थी। पर उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति जाॅनसन ने उसे स्थगित कर दिया। वह शास्त्रीजी के लिए बहुत ही निराशाजनक था। दूसरी यात्रा 31 जनवरी, 1966 से 5 फरवरी, 1966 के लिए तय हुई थी। यदि शास्त्री जी जिंदा रहते, तो वे एक विजयी राजनेता के रूप में वाशिंगटन की यात्रा करते।

राजपक्षे की हार से दिल्ली को राहत

श्रीसेना के कार्यकाल में भारत-श्रीलंका संबंध सुधरेंगे
बरुण दास गुप्ता - 2015-08-24 11:57
श्रीलंका संसदीय चुनाव के नतीजे भारत के लिए राहत की सांस लेने का कारण बनकर आए हैं और दूसरी तरफ वे चीन के लिए दुहरा झटका हैं। इस चुनाव में महिंदा राजपक्षे की पार्टी की हार हुई। गौरतलब हो कि राजपक्षे राष्ट्रपति के रूप में श्रीलंका की सत्ता पर 9 सालों से काबिज थे। इसी साल जनवरी महीने में राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में उनकी मैत्रीपाल सिरीसेना के हाथों हार हो गई थीं। उस हार के बाद महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में एक बार फिर आने के लिए संसदीय चुनाव में गंभीर प्रयास कर रहे थे।

माताओं और नवजातों की जिंदगी पर 24 देश करेंगे मंथन

एस एन वर्मा - 2015-08-20 14:01
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 27 अगस्त से नई दिल्ली में दो दिवसीय काॅल टू एक्शन समिट 2015 का आयोजन करने जा रहा है।
भारत

पाकिस्तान के साथ बातचीत रोकने का कोई मतलब नहीं

गुरदासपुर हमले के बाद हमारा संकल्प और मजबूत होना चाहिए
कल्याणी शंकर - 2015-07-31 16:55
पिछले सोमवार को गुरदासपुर में हुए आतंकी हमले के बाद हमारी आंतरिक सुरक्षा और बाहरी खतरे से संबंधित चिंताएं और गहरी हो गई हैं। दिन के उजाले में आतंकवादी सीमा पार से हमारे देश में आ धमके और हमारो नागरिकों और पुलिस को मार गिराया। यह हमारे लिए खतरे की घंटी है और इसके बाद हमें अपने खुफिया और सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की चुनौती पेश करता है।

म्यान्मार में भारत की कार्रवाई पर पाक प्रतिक्रिया बेमतलब

भारत अपनी शर्तों पर लड़ रहा है आतंक से लड़ाई
नन्तू बनर्जी - 2015-06-13 16:28
म्यान्मार में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान हाय तोबा क्यों मचा रहा है? पाकिस्तान को तो इस बात से खुश होना चाहिए कि भारत अब भारतीय उपमहाद्वीप से आतंकवाद का सफाया करना चाहता है। इससे पाकिस्तान को इसलिए खुश होना चाहिए क्योंकि वह खुद भी आतंकवाद का शिकार है और वहां हो रही आतंकी कार्रवाइयों में सबसे ज्यादा लोग मारे जा रहे हैं। ईरान और अफगानिस्तान से सटे इलाके में ही आतंकी लोगों को नहीं मार रहे हैं, बल्कि पाकिस्तान के बड़े महानगरों को भी उन्होंने निशाना बना रखा है। वे कराची और लाहौर तक को नहीं छोड़ रहे हैं। यदि पाकिस्तान अपने क्षेत्र से आतंकवाद का सफाया करना चाहती है, तो उसे भारत के साथ आतंक के खिलाफ लड़ाई में भागीदारी करनी चाहिए।