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नये राज्यपाल के आने के बाद बिहार में राजनीतिक बदलाव की संभावना

बिहार में तेजी से हो रहे घटनाक्रम के पीछे अमित शाह के विश्वासपात्र
अरुण श्रीवास्तव - 2024-12-27 10:58
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की 25 दिसम्बर को हुई बैठक के कई जटिल निहितार्थ थे। इसका उद्देश्य विपक्ष के आख्यानों का मुकाबला करने के लिए एक तंत्र विकसित करना था, मुख्य रूप से भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह को कांग्रेस के आक्रामक रूख से बचाने के लिए, क्योंकि कांग्रेस नेता भारत के संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर संबंधी शाह के बयान पर उनपर निशाना साध रहे हैं। दूसरा महत्वपूर्ण एजंडा नीतीश कुमार जैसे नेताओं को उनकी जगह दिखाना था। इसी के मद्देनजर, भाजपा की तर्ज पर एनडीए के लिए मार्गदर्शक मंडल बनाने का मुद्दा भी सामने आया।

रुपये को स्थिर करने में रिजर्व बैंक के नये गवर्नर की भूमिका सीमित

सरकार अर्थव्यवस्था और व्यापार की कमान संभालती है रिजर्व बैंक नहीं
नन्तू बनर्जी - 2024-12-26 10:52
रिजर्व बैंक के नये गवर्नर संजय मल्होत्रा, जो एक पेशेवर नौकरशाह और पूर्व राजस्व सचिव हैं, से मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने, घरेलू मुद्रा को स्थिर करने, विदेशी मुद्रा नियंत्रण और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने जैसे केंद्रीय बैंक प्रमुख के प्रमुख कार्यों को पूरा करने के मामले में बहुत उम्मीद करना अनुचित होगा। यदि 2014 के बाद से रिजर्व बैंक के तीन पूर्ववर्ती गवर्नर - रघुराम राजन, उर्जित पटेल और शक्तिकांत दास - उन उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं थे, तो यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं है कि वर्तमान रिजर्व बैंक गवर्नर का प्रदर्शन बहुत अलग होगा।

केंद्र का ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ विधेयक विपक्ष की परीक्षा में सफल नहीं हो सकता

एक साथ चुनाव कराने से मोदी को फायदा हो सकता है, लेकिन संघवाद के सवाल बने हुए हैं
कल्याणी शंकर - 2024-12-24 10:56
'एक राष्ट्र, एक चुनाव' के लिए विवादास्पद विधेयक के पेश होने से स्वीकृति से ज़्यादा हंगामा मचा है। भाजपा इस पर बात करती रही है, लेकिन अब इसे पेश करने के बाद इसे संसद की संयुक्त चयन समिति के पास भेज दिया है।

नई दिल्ली की दुविधा: भारत विरोधी हैं मोदी समर्थक ट्रंप की नीतियां

डॉलर को बढ़ावा देने के आक्रामक रुख से रुपया अस्थिर स्थिति में
के रवींद्रन - 2024-12-23 11:07
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मित्र', अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड जे ट्रंप एक बार फिर व्हाइट हाउस में जाने वाले हैं, लेकिन यह भारत के लिए विशेष रूप से फायदेमंद नहीं है। जो भी हो, ट्रंप को "मोदी समर्थक" रहते हुए भी "भारत विरोधी" कहा जा सकता है। मोदी-ट्रम्प के बीच यह सौहार्द राष्ट्रपति-चुनाव के भारत विरोधी आर्थिक रुख के बिल्कुल विपरीत है, जो पहले से ही जवाबी टैरिफ की धमकियों और वैश्विक मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर के दृढ़ बचाव में प्रकट हुआ है।

केंद्र की नयी कृषि नीति निरस्त तीनों कृषि कानूनों को फिर से जन्म देगी

वापस लिये गये कृषि कानूनों की तरह यह भी किसान विरोधी और कॉर्पोरेट समर्थक
डॉ. सोमा मारला - 2024-12-21 10:35
केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने हाल ही में कृषि विपणन से संबंधित नीतिगत ढांचे के लिए एक नया मसौदा प्रसारित किया है। मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव फैज अहमद किदवई ने मौजूदा ढांचे को नया स्वरूप देने के लिए मसौदा बनाया है। सरकार के अनुसार, कृषि उपज पर प्रस्तावित सार्वभौमिक कर से किसानों की आय में वृद्धि होगी। समिति ने राज्य समर्थित मंडियों, थोक भंडारण पर कानूनों और बड़ी निजी संस्थाओं द्वारा प्रत्यक्ष खरीद को नियंत्रित करने वाले विनियमों को कृषि विपणन तंत्र के लिए एक नये ढांचे से बदलने का सुझाव दिया है।

भारत में एक साथ चुनाव कराने संबंधी विधेयक संविधान के लिए नुकसानदेह

संशोधनों के लोकतंत्र और संघीय विरोधी चरित्र सबसे खतरनाक साबित होंगे
पी. सुधीर - 2024-12-20 10:48
भारत के संविधान के लागू होने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लोकसभा में हुई बहस में संविधान की रक्षा के बारे में भाजपा नेताओं द्वारा वाक्पटुता दिखाने के दो दिन बाद, मोदी सरकार ने एक संविधान संशोधन विधेयक पेश किया है, जो संविधान और उसके भीतर संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने का प्रयास है।

सोने के बेलगाम आयात ने किया रुपये का बंटाधार

भारत के व्यापार घाटे को भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा दिया
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-12-19 10:57
बजट 2024-25 में सोने के पक्ष में नीतिगत उपायों के लिए भारत सरकार द्वारा आगे लाये गये तर्कों में से एक था भारतीय रुपये की कमजोरियों को दूर करना था, लेकिन 18 दिसम्बर को यह ऐतिहासिक निचले स्तर 85.17 रुपये प्रति डॉलर तक गिर गया। उसके एक दिन पहले सुबह के कारोबार में यह 84.93 रुपये प्रति डॉलर के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया था। दूसरा तर्क यह दिया गया था कि सोना और अधिक किफायती हो जायेगा, लेकिन इसकी दर 77,600 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गयी। इसके अलावा, सोने का आयात चार गुना से अधिक बढ़ गया, जिससे नवंबर में व्यापार घाटा रिकॉर्ड उच्च स्तर 37.9 अरब डॉलर पर पहुंच गया।

क्या बर्नी सैंडर्स और एलन मस्क अमेरिकी सैन्य बजट घटा सकेंगे?

वामपंथी सीनेटर तलाश रहे हैं टेस्ला सीईओ के साथ कुछ सामान्य आधार
नित्य चक्रवर्ती - 2024-12-18 11:04
वामपंथी डेमोक्रेटिक सीनेटर बर्नी सैंडर्स एक अनुभवी स्वघोषित समाजवादी हैं, जो दशकों पहले वर्मोंट से एक युवा सीनेटर के रूप में अपने चुनाव के बाद से लगातार अमेरिकी सेना के बजट में भारी कटौती के लिए लड़ रहे हैं। गत नवंबर के चुनावों में उन्होंने छह साल के कार्यकाल के लिए चौथी बार अपनी सीट जीती। इस अनोखे सीनेटर ने हमेशा इजरायल और यूक्रेन का समर्थन करने वाले युद्ध प्रयासों के लिए अमेरिकी फंड के उच्च आवंटन का विरोध किया है। हालाँकि, उनके सभी प्रयास विफल रहे और बड़े पैमाने पर धन का प्रवाह जारी रहा।

भारत सीमा मुद्दों और आर्थिक अनिवार्यताओं में घालमेल न करे

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन के साथ नवीनतम सुलह स्वागत योग्य
नन्तू बनर्जी - 2024-12-17 10:59
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के साथ शांति और सौहार्द बनाये रखने तथा लंबित मुद्दों के शीघ्र समाधान के लिए काम करने के चीन के अचानक मन परिवर्तन को दोनों देशों के संयुक्त घोषणापत्र के शब्दों से परे जाकर नहीं समझा जाना चाहिए, जैसा कि इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 30वीं बैठक के अंत में जारी संयुक्त घोषणा में कहा गया था। लगभग साढ़े चार साल के अंतराल के बाद चीन सीमा मुद्दे पर सावधानीपूर्वक समझौता करने के लिए तैयार दिख रहा है, जब चीनी सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर यथास्थिति को आक्रामक तरीके से बदलने की कोशिश की, लेकिन उन्हें इसमें कोई सफलता नहीं मिली थी।

भारत की असली चिंता घरेलू विकृतियों में है, ट्रम्प के टैरिफ में नहीं

अमेरिकी राष्ट्रपति रक्षा केंद्रित एक समग्र समझौते की मांग करेंगे
डॉ. नीलांजन बनिक - 2024-12-16 11:01
30 नवंबर को अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए निर्वाचित डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया पर एक धमकी पोस्ट की, जिसमें चेतावनी दी गयी कि यदि ब्रिक्स देश अमेरिकी डॉलर को छोड़ देते हैं, तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। लेकिन यह कोई नयी धमकी नहीं है और इसी तरह की चेतावनियाँ अन्य क्षेत्रों पर भी निर्देशित की गयी हैं, जिनमें मेक्सिको और चीन जैसे निकटवर्ती मित्र देश शामिल हैं, और जिनमें टैरिफ के खतरों का विस्तार विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों तक हैं।