आग जो कभी लगी नहीं और छिपा हुआ धन जो कभी मिला नहीं
दिल्ली के जज के घर पर मिला नकदी का जखीरा एक और गंभीर चेतावनी
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2025-03-24 11:02 UTC
यह कहना गलत नहीं होगा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा के घर से नकदी का एक बड़ा जखीरा मिलने से सभी सदमे में हैं। इस अप्रत्याशित घटना ने न्यायपालिका के भीतर भ्रष्टाचार और ईमानदारी के बारे में असहज सवाल खड़े कर दिये हैं, जिसे अक्सर न्याय और नैतिक सदाचार का संरक्षक माना जाता है। जबकि यह घटना अपने आप में निंदनीय है, लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि यह प्रणालीगत सड़ांध की ओर इशारा करती है - एक ऐसी गहरी और खतरनाक वास्तविकता जिसे बहुत लंबे समय से अनदेखा किया गया है या अनदेखा किया जा रहा है। पैसे के छिपे हुए भंडार जो शायद कभी नहीं मिल पाएँगे, और वे अपारदर्शी गलियारे जहाँ न्याय का वितरण माना जाता है, बहुत गहरी अस्वस्थता की ओर इशारा करते हैं। यह घटना सिर्फ़ एक जज या अवैध रूप से अर्जित धन के एक भंडार के बारे में नहीं है, बल्कि यह भारत की न्यायिक प्रणाली की मूल संरचना में मौजूद परेशान करने वाली दरारों को दर्शाती है।