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शास्त्री की वाशिंगटन यात्रा को दो बार टाला गया

प्रदेश में भारत पाक संबंध द्विपक्षीय एजेंडे में सबसे ऊपर था
कल्याणी शंकर - 2015-09-04 11:04 UTC
ताशकंद समझौते के बाद तब के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की वाशिंगटन यात्रा तय की गई थी, पर यात्रा हो न सकी। सच कहा जाय तो उनके प्रधानमंत्रित्वकाल में वाशिंगटन की यात्रा दो बार हुई थी। पहली यात्रा जून 1965 के लिए तय की गई थी। पर उस समय के अमेरिकी राष्ट्रपति जाॅनसन ने उसे स्थगित कर दिया। वह शास्त्रीजी के लिए बहुत ही निराशाजनक था। दूसरी यात्रा 31 जनवरी, 1966 से 5 फरवरी, 1966 के लिए तय हुई थी। यदि शास्त्री जी जिंदा रहते, तो वे एक विजयी राजनेता के रूप में वाशिंगटन की यात्रा करते।

राजपक्षे की हार से दिल्ली को राहत

श्रीसेना के कार्यकाल में भारत-श्रीलंका संबंध सुधरेंगे
बरुण दास गुप्ता - 2015-08-24 11:57 UTC
श्रीलंका संसदीय चुनाव के नतीजे भारत के लिए राहत की सांस लेने का कारण बनकर आए हैं और दूसरी तरफ वे चीन के लिए दुहरा झटका हैं। इस चुनाव में महिंदा राजपक्षे की पार्टी की हार हुई। गौरतलब हो कि राजपक्षे राष्ट्रपति के रूप में श्रीलंका की सत्ता पर 9 सालों से काबिज थे। इसी साल जनवरी महीने में राष्ट्रपति के लिए हुए चुनाव में उनकी मैत्रीपाल सिरीसेना के हाथों हार हो गई थीं। उस हार के बाद महिंदा राजपक्षे प्रधानमंत्री के रूप में सत्ता में एक बार फिर आने के लिए संसदीय चुनाव में गंभीर प्रयास कर रहे थे।

माताओं और नवजातों की जिंदगी पर 24 देश करेंगे मंथन

एस एन वर्मा - 2015-08-20 14:01 UTC
नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय 27 अगस्त से नई दिल्ली में दो दिवसीय काॅल टू एक्शन समिट 2015 का आयोजन करने जा रहा है।
भारत

पाकिस्तान के साथ बातचीत रोकने का कोई मतलब नहीं

गुरदासपुर हमले के बाद हमारा संकल्प और मजबूत होना चाहिए
कल्याणी शंकर - 2015-07-31 16:55 UTC
पिछले सोमवार को गुरदासपुर में हुए आतंकी हमले के बाद हमारी आंतरिक सुरक्षा और बाहरी खतरे से संबंधित चिंताएं और गहरी हो गई हैं। दिन के उजाले में आतंकवादी सीमा पार से हमारे देश में आ धमके और हमारो नागरिकों और पुलिस को मार गिराया। यह हमारे लिए खतरे की घंटी है और इसके बाद हमें अपने खुफिया और सुरक्षा तंत्र को और मजबूत करने की चुनौती पेश करता है।

म्यान्मार में भारत की कार्रवाई पर पाक प्रतिक्रिया बेमतलब

भारत अपनी शर्तों पर लड़ रहा है आतंक से लड़ाई
नन्तू बनर्जी - 2015-06-13 16:28 UTC
म्यान्मार में आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई पर पाकिस्तान हाय तोबा क्यों मचा रहा है? पाकिस्तान को तो इस बात से खुश होना चाहिए कि भारत अब भारतीय उपमहाद्वीप से आतंकवाद का सफाया करना चाहता है। इससे पाकिस्तान को इसलिए खुश होना चाहिए क्योंकि वह खुद भी आतंकवाद का शिकार है और वहां हो रही आतंकी कार्रवाइयों में सबसे ज्यादा लोग मारे जा रहे हैं। ईरान और अफगानिस्तान से सटे इलाके में ही आतंकी लोगों को नहीं मार रहे हैं, बल्कि पाकिस्तान के बड़े महानगरों को भी उन्होंने निशाना बना रखा है। वे कराची और लाहौर तक को नहीं छोड़ रहे हैं। यदि पाकिस्तान अपने क्षेत्र से आतंकवाद का सफाया करना चाहती है, तो उसे भारत के साथ आतंक के खिलाफ लड़ाई में भागीदारी करनी चाहिए।
भारत

क्या मोदी भारत-बांग्ला संबंध को बेहतर बना सकते हैं?

प्रधानमंत्री की ढाका यात्रा पर टिकी सबकी नजर
कल्याणी शंकर - 2015-06-05 16:23 UTC
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहली बांग्लादेश यात्रा बहुत महत्वपूर्ण साबित होने जा रही है। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद पहली ऐसी विदेशी सरकार प्रमुख थी, जिन्होंने अपने देश की यात्रा पर नरेन्द्र मोदी की आमंत्रित किया था। उनके साथ नरेन्द्र मोदी की मुलाकात सरकार के एक साल पूरा होने के बाद होगी। बांग्लादेंश भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसकी सहायता से भारत अपने पूर्वोत्तर राज्यों के साथ परिवहन ज्यादा सुविधा के साथ कर सकता है। इन क्षेत्रो में सुरक्षा बहाल करने के लिए भी बांग्लादेश के साथ भारत के अच्छे संबंध जरूरी हैं।

भारत बांग्लादेश के संबंध बेहतर मोड़ पर

सीमा विवाद पर का हल जरूरी था
कल्याणी शंकर - 2015-05-08 14:51 UTC
संसद के चालू सत्र में भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से लंबित पड़ी भूमि सीमा सहमति को अनुमोदन प्राप्त हो रहा है। यह एक ऐसा मसला है जो दोनो देशों के संबंधों के लिए कांटा बना हुआ था। जब से बांग्लादेश का गठन हुआ है, तभी से ही यह मसला अपनी जगह पर कायम है। विलंब का एक बड़ा कारण यह था कि भारत की विदेश नीति यहां की घरेलू नीति की गुलाम बनी हुई थी।
भारत-ईरान

लुसाने समझौता से भारत को होगा लाभ

ईरान से साथ आर्थिक संबंध बढ़ेंगे
अशोक बी शर्मा - 2015-04-13 16:59 UTC
कुछ दिन पहले ईरान के साथ पश्चिमी ताकतों की एक अंतरिम संधि हुई। इस संधि के बाद ईरान अब विश्व की मुख्यधारा में शामिल हो जाएगा। इसके पहले वह अनेक प्रतिबंधों के कारण मुख्यधारा से अलग थलग पड़ा हुआ था। परमाणु कार्यक्रमों को लेकर पश्चिमी देशों की ईरान से असहमति थी। पश्चिमी देश उसके परमाणु कार्यक्रमों से डरे हुए भी थे। वे चाहते थे कि ईरान अंतरराष्ट्रीय समझौतों का सम्मान करे, पर वह उनकी बात मानने को तैयार नहीं था। वह यह कहता रहा कि उसका परमाणु कार्यक्रम हथियार बनाने के लिए नहीं है, बल्कि वह शांतिपूर्ण कायों के लिए ही इसे आगे बढ़ा रहा है।
म्यांमार

उत्तरी म्यान्मार में बढ़ता उग्रवाद

चीन की भूमिका के मिल रहे हैं संकेत
बरुण दास गुप्ता - 2015-03-20 09:33 UTC
चीन के यून्नान प्रांत से सटा म्यान्मार का इलाका एकाएक मीडिया की सुर्खियों में है। वहां उग्रवाद की घटनाएं एकाएक तेज हो गई हैं। म्यान्मार सरकार ने भी उग्रवादियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी है। उसकी कार्रवाई के बाद चीन ने उसपर इलजाम लगाया है कि उसकी वायुसेना के विमान से उसके एक गांव के ऊपर बमबारी हुई है और उस बमबारी में 5 लोग मारे गए, जबकि 8 घायल हो गए हैं। दूसरी तरफ म्यान्मार की सेना ने कहा है कि चीन के इलाके में म्यान्मार की वायुसेना ने किसी तरह की कोई भी बमबारी नहीं की है। लेकिन इसका कोई भी असर चीन पर नहीं पड़ा है। चीन की मुक्ति सेना के वायु विंग ने कहा है कि उस इलाके में युद्धक विमानों को भारी संख्या में भेज दिया गया है।

नेपाल में सांवैधानिक क्रांति

नये युग का आगाज
शंकर रे - 2014-12-16 12:23 UTC
आगामी साल 22 जनवरी को नेपाल ने नये संविधान लागू करने की घोषणा कर दी गई है। वह संविधान दक्षिण एशिया का सबसे ज्यादा लोकतांत्रिक संविधान होगा। इसकी घोषणा नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोइराला ने की। उनकी नेपाली कांग्रेस सत्तारूढ़ गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी है। उन्होंने यह घोषणा अपनी पार्टी की केन्द्रीय कार्यकारी समिति और संसदीय दल की संयुक्त बैठक में की। इस तरह से उन्होंने अपने अधिकार का अहसास अपने गठबंधन सहयोगियों को करा दिया। उनकी पार्टी नेपाली कांग्रेस ने प्रस्तावित संविधान पर अपने विचार पहले ही व्यक्त कर दिए हैं। देश की अन्य अनेक पार्टियां भी उस पर कमोवेश सहमत हैं।