कश्मीर में अलगाववादियों को मिले सख्त संदेश
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2016-08-24 11:16 UTC
कश्मीर में अशांति जारी है, हालांकि यह भी सच है कि अधिकांश जगहों पर हालात बेहतर हो चुके हैं, पर श्रीनगर जिले में अभी कफ्र्यू लगाना पड़ता है। इसके अलावा अनंतनाग और पुलवामा शहर मे भी प्रदर्शनकारी माहौल को अशांत कर रहे हैं। बुढ़ान वानी की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद जिस तरह का प्रदर्शन वहां हो रहा है, उससे यही लगता है कि उसकी तैयारी बहुत पहले से थी। सच तो यह है कि भारतीय जनता पार्टी और पीडीपी की मुफ्ती सरकार के गठन के बाद ही अलगाववादियों में भय का वातावरण था। चूंकि यह दो विपरीत विचारधारा वाले संगठन के बीच सुविधा का गठजोड़ था, इसलिए अलगाववादियों को लग रहा था कि कहीं पीडीपी के लोग सुविधावादी होकर मुख्यधारा में शामिल न होने लगें। गौरतलब हो कि मुफ्ती की पार्टी का अलगाववादियों से लगाव रहा है और महबूबा मुफ्ती के बारे मे तो कहा जाता है, उनकी उन लोगों से सहानुभूति रही है। पीडीपी की जीत के पीछे यह सहानुभूति भी जिम्मेदार रही है।