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राहुल का नेतृत्व कांग्रेस के उबरने की गारंटी नहीं

कांग्रेसी सामूहिक आत्महत्या की ओर बढ़ते दिख रहे हैं
अमूल्य गांगुली - 2016-06-08 17:33 UTC
कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि राहुल गांधी सभी व्यावहारिक रूपों में कांग्रेस का अध्यक्ष पहले से ही है, बस उन्हें अब औपवचारिक रूप से कांग्रेस का अध्यक्ष घोषित कर दिया जाना चाहिए। यदि ऐसा होता है, तो कहना पड़ेगा कि राजनीति की यह पहली घटना होगी, जिसमें विफलता के कारण कोई व्यक्ति अपने संगठन में शीर्ष स्थान पर पहुंच रहा है।

मथुरा कांड के लिए कौन जिम्मेदार?

सीबीआई जांच से ही सच्चाई सामने आएगी
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-06-07 17:54 UTC
मथुरा के जवाहरबाग में जो कुछ हुआ, उसने देश के सभ्य समाज की सामूहिक मानसिकता को एक बार फिर झिंझोर कर रख दिया हैं। वहां एक सेक्ट के लोग गैरकानूनी तरीके से एक भूभाग पर काबिज थे, यह मथुरा के बाहर के लोगों ने उस घटना के पहले नहीं सुना होगा। उसके बारे में देश के अन्य भागों में रहने वाले लोगों को जानकारी तभी मिली, जब वहां कम से कम 24 जानें जा चुकी थीं और उन 24 जानों में दो तो पुलिस अधिकारियों की ही थी।

राहुल के कांग्रेस अध्यक्ष बनने का सवाल

आखिर सोनिया क्यों छोड़ेगी अध्यक्ष पद?
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-06-06 17:29 UTC
राहुल गांधी को कांग्रेस का अध्यक्ष बनाने की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। पिछले दो साल से इस तरह की मांग कई बार उठती है और फिर वह मांग दब जाती है या दबा दी जाती है। इस बार यह मांग कुछ ज्यादा ही तेजी से उठी है। वैसे 2014 के लोकसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के पास उत्सव मनाने के लिए बहुत ही कम मौके हैं। उसके बाद हुए विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस की कुछ छोटे अपवादों को छोड़कर हार ही हुई है। लगातार हारते हारते उसे बिहार की छोटी सी जीत पर जश्न बनाने का एक छोटा मौका मिला। फिर सभी कांग्रेसियों को पिछले मई में संपन्न हुए विधानसभा के चुनावों से बहुत उम्मीद थी। उन्हें लग रहा था कि असम में किसी तरह कांग्रेस की सरकार बन जाएगी और उसे राहुल गांधी की जीत के रूप में प्रचारित किया जाएगा और तब कांग्रेस के अध्यक्ष के पद पर उनकी धूमधाम से ताजपोशी होगी।

तमिलनाडु की राजनीति एक दिलचस्प मोड़ पर

स्टालिन ने अपना सिक्का जमाया
के आर सुधामन - 2016-06-04 17:31 UTC
आॅल इंडिया अन्नाडीएमके की नेता जयललिता ने एक बार फिर चुनाव जीतकर भले एक इतिहास बना लिया हो, लेकिन इस चुनाव में एक और बड़ी बात हुई है। और वह है डीएमके नेता करुणानिधि के बेटे स्टालिन का अपने बूते नेता के रूप में उभर कर सामने आ जाना।

जयललिता और ममता के सामने कठिन चुनौतियां

लोगों को तेज विकास चाहिए
कल्याणी शंकर - 2016-06-03 17:43 UTC
नवनिर्वाचित मुख्यमंत्रियों के शपथग्रहण के बाद आम चुनाव के बाद उपजी उत्तेजना अब समाप्त हो गई है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी और तमिलनाडु में जयललिता ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज कर फिर से मुख्यमंत्री बन गई हें। अन्य तीन पहली बार मुख्यमंत्री बने हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के लिए अपना मुख्यमंत्री कार्यकाल परीक्षा की घड़ी होगी। केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन को लाल झंडे को ऊंचा बनाए रखना है। पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणस्वामी के सामने तो अपनी पार्टी के लिए कुछ अच्छा कर गुजरने की चुनौती है, क्योंकि उनकी पार्टी कांग्रेस आज आइसीयू में है।

अथिरापिल्ली परियोजना पर एलडीएफ में मतभेद

सीपीएम इसके समर्थन में जबकि सीपीआई कर रही है विरोध
पी श्रीकुमारन - 2016-06-02 18:51 UTC
तिरुअनंतपुरमः अभी सत्ता में आए मुश्किल से एक सप्ताह हुए हैं और एलडीएफ के घटक दलों मंे मतभेद शुरू हो गए हैं। इस मतभेद ने एक नया विवाद पैदा कर दिया है।

मध्यप्रदेश की कुव्यवस्था एक बार फिर आई सामने

अफसर का मुह बंद और वकीलों की हुई हत्या
एल एस हरदेनिया - 2016-06-01 18:02 UTC
भोपालः हाल के दिनों में ऐसी दो घटनाएं हुई हैं, जिनसे मध्यप्रदेश सरकार की स्थिति खराब हो रही है। एक घटना तो जिला अधिकारी अजय गंगवार से जुड़ी हुई है, जिन्होंने अपने एक फेसबुक संदेश में जवाहरलाल नेहरू की भारत के राष्ट्र निर्माण में सराहना की थी और दूसरी घटना एक वकील और उसके भाई की हत्या की है।

दिल्ली के पूर्ण राज्य का मामला

केजरीवाल एक बार फिर टकराव की राह पर
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-05-31 17:56 UTC
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली को पूर्ण प्रदेश का दर्जा देने के मामले को गर्म करना शुरू कर दिया है। सत्ता में आने के साथ ही वह प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे, इसलिए अब एक विधेयक लाकर उस मांग को और मजबूती से उठाने का उनका निर्णय अप्रत्याशित नहीं है।

केरल में भय की राजनीति काम नहीं करेगी

भाजपा को अपने प्रदेश नेता ओ राजगोपाल से सीखना चाहिए
पी श्रीकुमारन - 2016-05-30 17:52 UTC
तिरुअनंतपुरमः भारतीय जनता पार्टी केरल में चुनाव हार गई है। उसके एक उम्मीदवार ओ राजगोपाल चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश कर गए हैं और कहने को भाजपा उसे केरल की अपनी बड़ी जीत बता रही है, लेकिन सच्चाई यही है कि वह अपने आपको पराजित महसूस कर रही है और पराजय की हताशा में हिंसक गतिविधियों मे शामिल हो गई है। कहीं कहीं उसे प्रतिक्रिया में हिंसा का सामना करना पड़ रहा है और उसके कुछ लोग भी हिंसा के शिकार हो रहे हैं।

भारी कर्ज के भार से कराहती भारतीय रेल

एम.वाई. सिद्दीकी - 2016-05-29 15:53 UTC
आज की तारीख में भारतीय रेलवे के लिए सबसे बड़ी चिंता उसके ऊपर बढ़ते कर्ज का भार है जिसकी कराह से रेलवे की सारी कमाई धरी की धरी रह जाती है क्योंकि इस कर्ज के ब्याज के रूप में ही भारी भरकम राशि इसे चुकाने पड़ रहे हैं। पत्रकार शशिकान्त सुशांत द्वारा दाखिल आरटीआई के जवाब में रेलवे ने जो अपने कर्ज का आंकड़ा दिया है उसके अनुसार दिसंबर 31, 2015 तक भारतीय रेलवे पर भारतीय रेल वित्त निगम का 82 हजार 961 करोड़, विभिन्न स्त्रातों जैसे वल्र्ड बैंक, एशियन डेवलपमेंट बैंक और जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी से 37 हजार 309 करोड़ और 1 लाख 50 हजार करोड़ रूपये भारतीय जीवन बीमा निगम से कर्ज लिया जा चुका है। इसके साथ-साथ मुंबई-अहमदाबाद के बीच 500 किलोमीटर के बुलेट ट्रेन ट्रैक निर्माण के लिए जापान से 1,00000 करोड़ रूपये की राशि अलग है। इस तरह कुल मिलाकर रेलवे पर अलगे छह वर्षों में 3 लाख 70 हजार 270 करोड़ रूपये का कर्ज चढ़ गया है जिसके भार से रेलवे कब तक निकलेगी इसकी गणना अगले दस वर्षों में ही की जा सकेगी।