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भारत: उत्तर प्रदेश

2017 के चुनाव के लिए अखिलेश ने लिया विकास का सहारा

विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए उठाए जा रहे हैं कदम
प्रदीप कपूर - 2014-12-04 11:24
लखनऊः आगामी विधानसभा के आमचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की चुनौतियों का सामना करने के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विकास को अपना मुख्य एजेंडा बनाने जा रहे हैं।

भोपाल गैस त्रासदी से निपटने में 30 वर्ष से विफल रही सरकार

राजु कुमार - 2014-12-03 11:44
दुनिया के भीषणतम औद्योगिक दुर्घटनाओं में से एक भोपाल गैस त्रासदी को हुए 30 साल हो गए, पर उस घटना की चपेट में आए लाखों लोगों के जख्म आज तक नहीं भर पाए हैं। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड इंडिया लिमिटेड से 2-3 दिसंबर, 1984 की रात को मिथाइयल आइसो सायनेट गैस की रिसाव में 15274 लोगों की मौत हुई थी और 5 लाख 73 हजार लोग सीधे तौर पर घायल हुए थे। त्रासदी के तीस साल बाद भी पीडित लोग उचित पुनर्वास, उचित मुआवजा, समुचित इलाज और सुरक्षित वातावरण के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कारखाना परिसर के गोदामों में पडे हुए 350 मिट्रिक टन, परिसर क्षेत्र में 8000 मिट्रिक टन एवं परिसर के सोलर इंपोरेसन तालाब में 10000 मिट्रिक टन रासायनिक कचरे के कारण परिसर के आसपास के काॅलोनियों का भूजल प्रदूषित हो चुका है।
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कांग्रेस को किसी गोधरा जैसी की घटना का इंतजार

भाजपा की चुनौतियों का सामना करने के लिए उसके पास कोई योजना नहीं
अमूल्य गांगुली - 2014-12-03 11:38
यदि कांग्रेस के पूर्व सांसद मणिशंकर अय्यर की बात पर विश्वास किया जाय, तो कांग्रेस इंतजार कर रही है कि नरेन्द्र मोदी गोधरा जैसे हालात का निर्माण करें या देश में कोई बड़ी सांप्रदायिक दंगा हो अथवा कोई बेलछी जैसा नरसंहार हो। बेलछी कांड और गोधरा कांड में ढाई दशकों का अंतराल है। अब कांग्रेस फिर से वापसी करने के लिए इन दो तरह की घटनाओं का या उनमें से किसी का एक का इंतजार कर रही है। यानी कांग्रेस की रणनीति इस तरह की घटनाओं का सहारा लेकर ही अपने आपको फिर से प्रासंगिक बनाने की है।
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चौहान ने मध्यप्रदेश में भाजपा शासन को मजबूत किया

विकास कार्यक्रमों ने रंग दिखाया
एल एस हरदेनिया - 2014-12-02 12:03
भोपालः पिछले 29 नवंबर को शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में दसवें साल में प्रवेश किया। यह अपने आपमे एक रिकार्ड है। अभी तक किसी गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने लगातार इतने दिनों तक प्रदेश की सत्ता मध्य प्रदेश में नहीं संभाली है। सिर्फ कांग्रेसी मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को ही लगातार 10 साल तक प्रदेश के मुख्यमंत्री बने रहने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। 10 साल की बात ही क्या कहना, अब तक वहां सिर्फ दो मुख्यमंत्री ही पूरे 5 साल के कार्यकाल तक अपने पद पर रह सके थे। उस तरह के पहले मुख्यमंत्री थे डाक्टर के एल काट्जू। 1956 में पंडित रवि शुक्ल की एकाएक मौत के बाद पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था। नवनिर्मित मध्यप्रदेश के प्रथम मुख्यमंत्री थे रवि शंकर शुक्ल और अपने शपथ ग्रहण के मात्र दो महीने के बाद ही वह दुनिया छोड़ गए। दूसरे मुख्यमंत्री जिन्होंने पूरा कार्यकाल मुख्यमंत्री के पद पर व्यतीत किया, अर्जुन सिंह थे। इन दोनों के अलावा दिग्विजय सिंह से पहले किसी भी मुख्यमंत्री ने अपने पद पर विधानसभा का पूरा कार्यकाल व्यतीत नहीं किया था। यानी शिवराज सिंह चौहान अपने पद पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में किसी विधानसभा कार्यकाल को पूरा करने वाले पांचवें मुख्यमंत्री हैं और एकमात्र गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री।
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भोपाल गैस रिसाव पीड़ितों को कब मिलेगा न्याय

सीमा जैन
hindi@anypursuit.org - 2014-12-02 11:56
30 साल हो गए, पर उस रात की याद आज भी गैस पीड़ितों में सिहरन पैदा कर देती है। हजारों की भागती भीड़ में उस जहरीली गैस से बचकर जाना बहुत लोगों के वश में नहीं था। वे कहां तक जा पाते। कुछ ने तो भागती भीड़ से बचने के लिए घरों में दुबक कर दरवाजे-खिड़की बंद कर रजाइयों में अपने बच्चों को लपेटना ज्यादा बेहतर समझा, पर उनकी बेहतर समझ उनके बच्चों एवं उन्हें गैस से प्रभावित होने से नहीं बचा पाई। आसपास के घरों में लाशों का अंबार लग गया था। कई बच्चे अनाथ हो गए थे, तो कई बच्चों को उनके पिता ने कंधा दिया। इन जख्मों को याद करते हुए तब के बच्चे और आज के गैस पीड़ित युवा सवाल भरी नजरों से देखते हैं कि उन्हें न्याय कब मिलेगा? सबसे ज्यादा खराब स्थिति तो गैस पीड़ित महिलाओं की है, जिन्हें सामाजिक, मानसिक एवं शारीरिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है।
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भोपाल गैस त्रासदी के तीन दशक

स्वच्छता को मुंह चिढ़ाता यूनियन कार्बाइड का कचरा
राजु कुमार - 2014-12-02 11:52
भोपाल गैस त्रासदी के तीन दशक बाद भी इस सवाल का जवाब न तो केंद्र सरकार के पास है और न ही राज्य सरकार के पास कि यूनियन कार्बाइड के कचरे का निष्पादन अभी तक क्यों नहीं हो पाया? इसके लिए दोषियों को सजा देने की मांग कर रहे स्थानीय रहवासियों एवं गैस पीड़ितों को अभी भी यहां के जहरीले कचरे का प्रभाव झेलना पड़ रहा है। कई सरकारी एवं गैर सरकारी अध्ययनों में यह साफ कहा जा रहा है कि इस जहरीले कचरे के कारण आसपास की मिट्टी एवं जल प्रदूषित हो गई है, पर निष्पादन के नाम पर अभी तक आश्वासन ही मिलता आया है। स्थानीय बच्चे यूनियन कार्बाइड के कचरे को डंप करने के लिए बनाए गए सोलर इंपोरेशन तालाब के बारे में यह जानते हैं कि यहां यूनियन कार्बाइड का कचरा डाला जाता था, पर उन्हें यह नहीं मालूम कि यह जहरीला है। तालाब के मिट्टी को छुने से शरीर पर भले ही तत्काल असर नहीं पड़े, पर यह धीमे जहर के रूप में असर डालने में सक्षम है। यह कचरा इतना जहरीला है कि 5 किलोमीटर क्षेत्र के भूजल को जहरीला बना चुका है।
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जम्मू-कश्मीर में ज्यादा मतदान लोकतंत्र के लिए अच्छा

मुसलमानों का मत पाने के लिए भाजपा ने पेश किया अपना उदार चेहरा
हरिहर स्वरूप - 2014-12-01 11:09
पहले चरण में जम्मू और कश्मीर में 71 फीसदी से भी ज्यादा मत पड़े। मतदान के आने वाले चरणों मंे भी मतदान के इस ऊंचे प्रतिशत के बने रहने की संभावना है। ज्यादा मतदान का एक ही मतलब हो सकता है और वह यह है कि अब लोग आतंकवाद से ऊबने लगे हैं। लगता है कि आतंकवाद अब वहां अंतिम सांस ले रहा है। लोगों ने आतंकवादियों के मतदान के बहिष्कार की मांग को मानने से इनकार कर दिया। आतंकवाद से जुड़े कुछ लोग तो इस बार चुनाव मैदान में खुद भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। अब उन्हें पता चल गया है कि हिंसा से कुछ भी हासिल होने वाला नहीं है और वे अब लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बनने को तैयार हो रहे हैं। आतंकवादी गतिविधियों में एक समय शामिल रहे कुछ नेता चुनाव जीत भी सकते हैं। संविधान की धारा 370 को हटाए जाने की बात का कश्मीर घाटी में जबर्दस्त विरोध होता है। यह चुनाव प्रचार के दौरान साफ दिखाई पड़ गया। भारतीय जनता पार्टी को भी इस मसले पर अपना रवैया नरम करना पड़ा है। उसने 40 फीसदी टिकट मुस्लिम उम्मीदवारों को ही दिए हैं।
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प्रधानमंत्री का सफाई अभियान

यह जाति व्यवस्था के लिए सफाया अभियान साबित होगा
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-11-29 10:50
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चलाया गया स्वच्छता अभियान सिर्फ सार्वजिक स्थलों, सड़कों और घरों की सफाई का अभियान नहीं, बल्कि यह हमारे देश की जाति व्यवस्था पर एक बहुत बड़ा हमला है। इसके पहले भी स्वच्छता अभियान चलाए जाते रहे हैं। नगरपालिकाएं इसके लिए कभी कभी विशेष अभियान चलाती हैं। खास मौके पर लोग सफाई में लग जाते है। उदाहरण के लिए छठ पूजा के समय में पूजा स्थल और आसपास के इलाकों की सफाई होती है। अनेक सार्वजनिक त्यौहारों पर भी सार्वजनिक सफाई की जाती है। कोई अन्य सामाजिक, राजनैतिक या धार्मिक आयोजन होते हैं, तब भी सफाई करवाई जाती है। सफाई एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। क्योंकि गन्दगी फैलना भी एक निरंतर प्रक्रिया है। इसलिए गन्दगी फैलती रहती है और सफाई भी होती रहती है। पर यदि गन्दगी फैलने के मुकाबले सफाई कम हो तो माहौल गन्दा ही रहता है।
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बंगाल की राजनीति पर ममता अभी भी हावी

2016 विधानसभा के चुनाव की अभी से तैयारी
कल्याणी शंकर - 2014-11-28 11:29
पश्चिम बंगाल की विधानसभा चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं, हालांकि इसे 2016 में होना है। सभी पार्टियां अपने आपको अपने तरीके से इसके लिए ढाल रही हैं। संसद में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच हो रही झड़प इसी तैयारी का नतीजा है। संसद के अंदर ही नहीं, उसके बाहर भी दोनों के बीच संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। अमित शाह भाजपा के अध्यक्ष बनते ही स्पष्ट कर चुके थे कि उनके लिए पश्चिम बंगाल बहुत महत्वपूर्ण है।
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झारखंड में एक बार फिर त्रिशंकु विधानसभा की संभावना

गठबंधन कर भाजपा ने अपना नुकसान कर लिया
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-11-26 11:29
झारखंड में पहले चरण का मतदान संपन्न हो गया है। 62 फीसदी हुए मतदान को प्रदेश के अपने मानदंड पर भारी मतदान कहा जा सकता है। पिछले लोकसभा में जितने मतदान हुए थे, उससे भी ज्यादा मतदान इस बार हो रहे हैं। हम कह सकते हैं कि पिछले लोकसभा चुनाव में ज्यादा मतदान मोदी लहर के कारण हुआ। तो क्या यह माना जाय कि विधानसभा चुनाव आते आते मोदी की यह लहर और भी तेज हो गई है, जिसके कारण मतदान का प्रतिशत और भी बढ़ गया है? यदि इसका जवाब हां में है, तो यह मानना पड़ेगा कि अगली सरकार भाजपा की हो होगी, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 14 में से 12 सीटों पर जीत हासिल की थी और यदि जिस मोदी लहर के कारण उसकी वह बड़ी जीत संभव हुई थी, वह अभी भी मौजूद है, तो झारखंड में भाजपा की सरकार बनने में किसी को संदेह नहीं होना चाहिए।