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सोनिया से असंभव मांग कर रहे हैं सहयोगी

कांग्रेस में गुटबाजी समाप्त नहीं होगी
पी श्रीकुमारन - 2016-01-06 10:54 UTC
तिरुअनंतपुरमः कांग्रेस के सहयोगी संगठन मांग कर रहे हैं कि कांग्रेस की गुटबाजी समाप्त हो। इसके लिए वे सोनिया गांधी से गुहार लगा रहे हैं। लेकिन उनकी यह मांग पूरा करना सोनिया गांधी के लिए असंभव है। इसका कारण यह है कि वह गुटबाजी समाप्त ही नहीं हो सकती।

नीति आयोग की भूमिका पर अभी भी सवाल

सिफारिशें सिर्फ कागज पर ही हैं
दीपक राजदान - 2016-01-05 16:36 UTC
नई दिल्लीः एक जनवरी, 2015 को योजना आयोग बदलकर नीति आयोग हो गया। इसकी भूमिका भारत सरकार के थिंक टैंक की रह गई। लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि यदि यह अपनी सलाह को प्रभावी करने के लिए कोष का आबंटन नहीं कर सकता, तो फिर इसकी कोई ठोस भूमिका ही कहां रह जाती है?

झारखंड में भाजपा की लोकप्रियता ढलान पर

लोहरदग्गा जीत के बाद कांग्रेसी हौसले बुलंद
अरुण श्रीवास्तव - 2016-01-04 10:13 UTC
रांचीः लोहरदग्गा में भाजपा समर्थित आल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन की उम्मीदवार के बाद रघुबर दास पर उनकी पार्टी के कुछ प्रदेश नेताओं ने हमले तेज कर दिए हैं। हाल ही में हुई एक बैठक में पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने मुख्यमंत्री रघुबर दास से पूछा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति प्रदेश के लोगों का जो समर्थनभाव है, उसका लाभ भाजपा समर्थित उम्मीदवार को क्यों नहीं मिला। हार इसलिए और भी मारक हो रही है, क्योंकि जीतने वाला उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी का है। गौरतलब है कि भाजपा अध्यक्ष अमितशाह ने कुछ समय पहले ही कहा था कि झारखंड में कांग्रेस का अस्तित्व समाप्त हो गया है।

पिछले साल मोदी जादू उतरता दिख पड़ा

क्या नया साल में यह जारी रहेगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-01-03 08:29 UTC
पिछले साल ने दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनावों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जादू को उतरते देखा है। सवाल उठता है कि क्या नये साल में भी क्या यह उतार जारी रहेगा या नरेन्द्र मोदी अपने जादू को फिर स्थापित करने में सफल हो पाएंगे?

तमिलनाडु में वोट और सांड़ की लड़ाई

जलीकट्टु बनी लड़ाई का हथियार
कल्याणी शंकर - 2016-01-01 10:59 UTC
जलीकट्टु तमिलनाडु के गांवों का एक लोकप्रिय त्यौहार है। वह एक बार फिर मीडिया की सुर्खियों में है, लेकिन इस बार इसका कारण राजनैतिक है। बाढ़ से त्रस्त तमिलनाडु में जनजीवन अभी तक सामान्य नहीं हुआ है, लेकिन वे लोग जलीकट्टु के लिए आपस में भिड़ गए हैं। जलीकट्टु स्पैनिश बुल फाइट का भारतीय संस्करण है। तमिलनाडु का चुनाव नजदीक है और स्वाभाविक है कि वहां की पार्टियां वोटों पर अपनी नजर गड़ाए हुए हैं और उसके कारण जलीकट्टु को लेकर फिर विवाद खड़ा हो गया है।
भारत

नये साल की आर्थिक चुनौतियां

वस्तु सेवा कर पर रहेगी सबकी नजर
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-12-31 11:26 UTC
अगला साल इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि उसके बीतने के साथ ही नरेन्द्र मोदी की सरकार अपना आधा कार्यकाल तय कर लेगी और आर्थिक सुधारों के मोर्चे पर सरकार ने कितनी सफलता पाई है, वह भी लगभग स्पष्ट हो जाएगा। इसका कारण यह है कि कोई भी सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम चरण वैसी आर्थिक नीतियां नहीं लाती और वैसे आर्थिक सुधार कार्यक्रमों की ओर नहीं बढ़ती, जिनसे लोगों को दिक्कतें हों। इसलिए साल 2016 नरेन्द्र मोदी सरकार के लिए सभी अलोकप्रिय आर्थिक सुधार कार्यक्रमों को अंजाम देने का सबसे बेहतर साल है।

सीपीएम में नेतृत्व को लेकर बहस

इस बहस से हो सकता है पार्टी को नुकसान
पी श्रीकुमारन - 2015-12-30 13:38 UTC
तिरुअनंतपुरमः लगता है कि सीपीएम अपने खिलाफ ही गोल करने की मानसिकता के दौर से गुजर रही है। अगले कुछ ही महीने में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और पिछले दिनों हुए स्थानीय निकायों के चुनावों मे भारी जीत हासिल करने के बाद पार्टी के लिए अच्छा माहौल बना हुआ है। इसी माहौल मे चुनाव के बाद मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी में बहस छिड़ गई है। यह बहस असामयिक है और इसके कारण पार्टी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

भगवा एजेंडे पर एक बार फिर राम मन्दिर

क्या अयोध्या से भाजपा को लाभ मिल पाएगा?
अमूल्य गांगुली - 2015-12-29 12:45 UTC
इसकी उम्मीद की जा रही थी कि बिहार की हार के बाद भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर मंदिर मुद्दे को उठाना शुरू करेगी और वही देखने को मिल रहा है। राम मंदिर का मुद्दा उस एक विश्वसनीय मुद्दा लगता है।

डीडीसीए का तूफान जेटली का कर सकता है स्थाई नुकसान

न कीर्ति शांत होंगे और न ही केजरीवाल
हरिहर स्वरूप - 2015-12-28 12:47 UTC
अरुण जेटली को एक बहुत ही व्यावहारिक नेता माना जाता है। वे एक बहुत ही तीक्ष्ण वकील रहे हैं। लेकिन उनके जैसा व्यक्ति भी एक के बाद एक गलतियां कर सकता है। यह कोई भी सवाल कर सकता है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के दफ्तर पर छापेमारी की जरूरत क्या थी? कहने को तो वह छापेमारी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार के दफ्तर पर थी, लेकिन मुख्यमंत्री के दफ्तर से राजेन्द्र कुमार के दफ्तर का अंतर कर पाना आसान नहीं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बिना समय गंवाए पहले प्रधानमंत्री पर निजी हमला कर डाला और उसके बाद मौके का लाभ उठाते हुए उन्होंने उस छापे को डीडीसीए में अरुण जेटली के कार्यकाल में हुए घोटाले से जोड़ दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के एक दफ्तर में डीडीसीए घोटाले से संबंधित एक फाइल थी, जिसमें जेटली फंसते दिखाई दे रहे थे और उसी फाइल को हासिल करने के लिए उनके दफ्तर में सीबीआई का छापा पड़वाया गया।

2016 मोदी सरकार के लिए बहुत ही कठिन साल होगा

पांच राज्यों के चुनाव बहुत ही निर्णायक होंगे
कल्याणी शंकर - 2015-12-26 10:53 UTC
अगला साल नरेन्द्र मोदी के लिए कैसा रहेगा? यह साल मोदी सरकार के लिए निर्णायक साल होगा। उसे एक साथ कई मोर्चे पर चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यह साल इस बात का निर्णय करेगा कि मोदी का जादू वास्तव में काम कर रहा है या पूरी तरह से उतर गया है। भाजपा के लिए ही नहीं, बल्कि अन्य पार्टियों के लिए भी नये साल में चुनौतियों का पहाड़ खड़ा है।