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मुख्यभूमि भारत से पूर्वोत्तर का जुड़ाव

यह है भारत के हित में
आशीष बिश्वास - 2016-01-18 17:49 UTC
अगरतल्ला से अम्बासा के बीच एक रेल लिंक पर एक विशेष गाड़ी के चालन का सफल परीक्षण हुआ। यह ब्रोड गेज की लाइन है। इसके कारण भारत की मुख्यभूमि के साथ भारत का रेल जुड़ाव मजबूत हो गया है।

भाजपा को उत्तर प्रदेश में एक बड़े चेहरे की तलाश

क्या कल्याण सिंह को सौंपा जाएगा बागडोर?
प्रदीप कपूर - 2016-01-16 10:37 UTC
लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी एक विश्वसनीय चेहरे को सामने रखकर चुनाव लड़ना चाह रही है। बिहार चुनाव में मिली हार के बाद भारतीय जनता पार्टी को यह सोचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है कि नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा को विधानसभा चुनावों मे दांव पर लगाना कितना उचित है। इसी सोच के साथ भारतीय जनता पार्टी को लग रहा है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी पर निर्भर रहना उचित नहीं।

केजरीवाल सरकार का एक साल

नाटकबाजी के साथ कुछ ठोस शुरुआत भी
कल्याणी शंकर - 2016-01-15 09:23 UTC
पिछले साल फरवरी महीने में तीन साल पुरानी आम आदमी पार्टी दिल्ली के केन्द्र शासित प्रदेश में सत्ता में भारी बहुमत के साथ आई। एक साल के बाद यदि उसकी उपलब्धियों की चर्चा की जाय, तो कहा जा सकता है कि वे लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। अभी उनके पास चार और साल है, जिसमें वे लोगों की उम्मीदों को पूरा करने की कोशिश कर सकते हैं।

सऊदी ने मुस्लिम देशों को युद्ध की ओर धकेला

अमेरिका को जिम्मेदारी लेनी होगी
अरुण श्रीवास्तव - 2016-01-14 11:58 UTC
सऊदी अरब को पता था कि यदि उसने शिया के धर्मगुरू शेख निम्र को मौत की सजा दी, तो उसका परिणाम घातक होगा। उसके बावजूद ने उसने वैसा किया, तो इसके क्या कारण हो सकते हैं? यह मानने का कोई कारण नहीं है कि सऊदी को नहीं पता था कि उसका क्या परिणाम होगा। इसका मतलब है कि उसने जानबूझकर वैसा किया और उसके पीछे उसकी एक सोची समझी रणनीति थी। सऊदी सरकार जानबूझकर धार्मिक उन्माद पैदा करना चाहता था ताकि सऊदी लोगांे के बीच सत्तारूढ़ परिवार की स्थिति मजबूत बने। इस तरह का निर्णय सत्ताधारी लोग लेते रहते हैं। खासकर ऐसा वे तब करते हैं, जब देश में सामाजिक, राजनैतिक अथवा आर्थिक उथल पुथल का दौर रहता है।

मध्यप्रदेश भाजपा में गुटबाजी चरम पर

मैहर जीत के लिए चौहान ने लगाया पूरा जोर
एल एच हरदेनिया - 2016-01-14 04:11 UTC
भोपालः भाजपा शासित मध्यप्रदेश में विचित्र घटनाएं घट रही हैं। क्या यह कोई सोच भी सकता है कि एक ही मंत्रिमंडल के दो सदस्य एक पार्टी से बाहर के पद के लिए आपस में चुनाव लड़ सकते हैं? लेकिन मध्यप्रदेश में ऐसा हो रहा है। भारत स्काउट्स के लिए चुनाव हो रहे हैं। उसका सबसे महत्वपूर्ण पद है मुख्य आयुक्त। इस पद पर दो मंत्री चुनाव के लिए पर्चा दाखिल कर चुके हैं। एक मंत्री हैं दीपक जोशी, स्कूल शिक्षा के राज्य मंत्री हैं, तो दूसरे मंत्री हैं पारस जैन जो स्कूल शिक्षा के कैबिनेट मंत्री हैं। भाजपा नेतृत्व कोशिश कर रही है कि उन दोनों में से कोई एक अपना नाम वापस ले ले, लेकिन यह रिपोर्ट लिखे जाने तक सारी कोशिशें नाकाम साबित हुई हैं। अब तक स्कूल राज्यमंत्री ही मुख्य आयुक्त के पद पर रहा करते थे।

महाराष्ट्र नगरनिकाय चुनावों में भाजपा की हार

नरेन्द्र मोदी के लिए संदेश स्पष्ट है
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-01-12 10:00 UTC
पिछले साल हुए चुनावों में भारतीय जनता पार्टी लगातार हारती गई। सबसे पहले दिल्ली और नवंबर महीने में बिहार में उसे करारी हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली में तो उसका सूफड़ा ही साफ हो गया। बिहार मे जीत के सारे कारण उसके पास मौजूद थे, उसके बावजूद उसकी भारी हार हुई। उसके बाद हुए मध्यप्रदेश के एक लोकसभा उपचुनाव में भी उसकी हार हुई। फिर झारखंड के विधानसभा उपचुनाव में भी उसकी हार हुई। गौरतलब हो कि मध्यप्रदेश और झारखंड में जिन सीटों पर हार हुईं, वे सीटें उपचुनाव के पहले उसके पास ही थीं।

हिमालय से खिलवाड़ अब और नहीं

अदालतों के भरोसे हम बेफिक्र नहीं हो सकते
अनिल जैन - 2016-01-11 10:41 UTC
हाल ही में पूर्वोत्तर भारत में आए भूकंप के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय के आपदा प्रबंधन विभाग से जुडे वैज्ञानिकों ने हिमालय की तलहटी में इस वर्ष भीषण भूकंप की चेतावनी दी है। पिछले दिनों लगातार आए भूकंपों के अध्ययन के आधार पर भूगर्भ वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि आने वाले समय में 8.2 की तीव्रता वाला यह भूकंप समूचे उत्तर भारत में भारी तबाही मचा सकता है। इस चेतावनी का एक ही संकेत है कि हिमालय को लेकर अब हमें गंभीर हो जाना चाहिए। दुनिया के जलवायु चक्र में तेजी से हो रहे परिवर्तन के चलते हिमालय का मामला इसलिए भी बहुत ज्यादा संवेदनशील है कि यह दुनिया की ऐसी बड़ी पर्वतमाला है, जिसका अभी भी विस्तार हो रहा है। इस पर मंडराने वाला कोई भी खतरा सिर्फ भारत के लिए ही नहीं बल्कि चीन, नेपाल, भूटान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, म्यांमार आदि देशों के लिए भी संकट खड़ा कर सकता है।

बिहार की राजनीति में अहम का टकराव

लालू और नीतीश के बीच बढ़ता वाक्युद्ध
अरुण श्रीवास्तव - 2016-01-09 11:54 UTC
पटनाः लालू यादव जंगल राज के संरक्षक की अपनी छवि को बदलने के लिए बेचैन हैं। आम बिहारी की नजर में वे जंगल राज के संरक्षक माने जाते हैं और लालू का यह मंजूर नहीं कि उनकी यह छवि बनी रहे और नीतीश कुमार की छवि जंगल राज मिटाने वाले एक राजनेता की बने।

दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय सहयोग ले रहा है रूप

भारत और बांग्लादेश को होगा बहुत फायदा
आशीष बिश्वास - 2016-01-08 12:07 UTC
कोलकाताः दक्षिण एशिया में धीरे धीरे क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग रूप लेने लगा है। भारत और उसके पड़ोसी देशों के बीच हुए समझौते अब अमल भी किए जाने लगे हैं।

पठानकोट हमले के सबक

बातचीत से भारत-पाक समस्या का हल नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2016-01-07 12:01 UTC
पठानकोट सैनिक हवाई अड्डे पर हुए आतंकवादी हमले के बाद एक सवाल यह खड़ा हो गया है कि भारत को पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने के लिए बातचीत करनी चाहिए या नहीं। सत्ताधारी भाजपा जब कभी विपक्ष में होती है, तो उसके नेता कहते हैं कि बातचीत बंद कर पाक को करारा जवाब देना चाहिए। हालांकि सच यह भी है कि सत्ताा में आने के बाद वे बातचीत के लिए बेकरार हो जाते हैं।