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आईएसआईएस की चुनौती

नाटो को रूस के साथ सहयोग करना होगा
अशोक बी शर्मा - 2015-11-30 10:31 UTC
पेरिस में हुए आतंकवादी हमले ने आतंकवादियों को अच्छे आतंकवादी और बुरे आतंकवादी में विभाजन करने के खतरे को उजागर कर दिया है। इससे कोई फायदा तो हुआ नहीं है, उलटे इससे माहौल खराब ही हुआ है। इसके कारण कुछ को अच्छे आतंकवादी बताकर संरक्षण देने की जो परंपरा बनी हुई है, उससे निजात पाने की जरूरत पेरिस के आतंकी हमले ने रेखांकित कर दी है।

कब तक निभेगी लालू और नीतीश के बीच?

रामविलास की हताशा का जवाब नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-11-30 10:28 UTC
केन्द्रीय खाद्यमंत्री बिहार के स्वयंघोषित दलित नेता रामविलास ने कहा है कि लालू और नीतीश साथ दो साल से ज्यादा नहीं चल पाएगा और उनका गठबंधन टूटने के साथ बिहार में विधानसभा का मध्यावधि चुनाव हो जाएगा। श्री पासवान कोई राजनैतिक विश्लेषक नहीं हैं, बल्कि खुद एक राजनीतिज्ञ हैं। इसलिए उनके द्वारा इस तरह का बयान अस्वाभाविक नहीं है। पिछले विधानसभा चुनाव में वे भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रहे थे। उसमें उनकी पार्टी को 41 सीटें लड़ने को मिली थीं। 41 में मात्र दो ही उम्मीदवार जीत सके। यानी रामविलास पासवान वहां बुरी तरह पिटे। 2011 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लालू यादव के साथ गठबंधन किया था और तब उनकी पार्टी को 3 सीटें मिली थीं। जाहिर है, इस बार उनकी हालत और भी पतली रही। उन्होंने अपने दर्जन भर से ज्यादा परिवार जनों और रिश्तेदारों को पार्टी का उम्मीदवार बना दिया था। वे सभी के सभी पराजित हो गए। उन्होंने अपने भाई को दो विधानसभा क्षेत्रों से टिकट दिए थे। दोनों जगहों पर वे हार गए। उन पर आरोप लगे कि अपने परिवार और रिश्तेदार से बाहर उन्होंने पैसे लेकर टिकट दिए। अपराधियों को भी भारी संख्या में उन्होंने चुनाव मैदान में उतार दिया था। यानी जो कुछ राजनीति में गलत माना जाता है, सबकुछ उन्होंने किया।

मध्यप्रदेश में खेती एवं औद्योगिक सुधार के 10 साल

मुख्यमंत्री के रूप में शिवराज सिंह चौहान ने दी आर्थिक विकास को गति
विशेष संवाददाता - 2015-11-28 11:35 UTC
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रूप में 10 साल से ज्यादा के कार्यकाल का रिकाॅर्ड बना रहे शिवराज सिंह चौहान ने अपने कार्यकाल में प्रदेश को विकसित राज्यों की श्रेणी में लाकर खड़ा कर दिया है। सड़क और बिजली के मुद्दे पर 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर भाजपा ने दो-तिहाई बहुमत हासिल किया था। सुश्री उमा भारती एवं बाबूलाल गौर के बाद 29 नवंबर 2005 को प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद शिवराज सिंह चौहान ने संभाला था। अब वे अपने कार्यकाल का 10 साल पूरा कर लिए हैं। इन 10 सालों में सामाजिक विकास की योजनाओं के साथ-साथ उनका जोर प्रदेश में कृषि एवं औद्योगिक विकास पर ज्यादा रहा है। उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर किसान पुत्र की छवि भी बनाई है। लगातार कृषि कर्मण अवार्ड एवं प्रदेश में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट ने प्रदेश को आर्थिक विकास में आगे कर दिया है।
भारत: मध्य प्रदेश

शिवराज का 10 साल का राज

विशेष संवाददाता - 2015-11-28 11:31 UTC
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश की राजनीति में सबसे लंबे कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री के रूप में एक नया कीर्तिमान बनाने जा रहे हैं। इसके पहले यह कीर्तिमान कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नाम था। 7 दिसंबर 1993 से 7 दिसंबर 2003 तक मुख्यमंत्री के पद रहते हुए प्रदेश में 10 साल एक दिन का शासन दिग्विजय सिंह ने किया था। कांग्रेसी एवं गैर कांग्रेसी किसी भी मुख्यमंत्री ने अब तक इतने लंबे समय के लिए मुख्यमंत्री के पद पर नहीं रह पाए थे। यहां तक कि कोई गैर कांग्रेसी मुख्यमंत्री ने 5 साल तक का कार्यकाल अलग-अलग समय में मुख्यमंत्री रहते हुए भी पूरा नहीं किया था। 29 नवंबर 2005 को बाबूलाल गौर के बाद मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चैहान अब पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का रिकाॅर्ड तोड़ नया रिकाॅर्ड बना रहे हैं।

जम्मू और कश्मीर के इतिहास में एक नया अध्याय

महबूबा बन सकती हैं मुख्यमंत्री
कल्याणी शंकर - 2015-11-27 11:36 UTC
यदि सबकुछ योजना के अनुसार होता रहा तो, जम्मू और कश्मीर को उसकी पहली मुख्यमंत्री शीघ्र ही मिल सकती है। मुख्यमंत्री मुफ्ती मुहम्मद सईद ने साफ साफ संकेत दिया है कि अब वह अपना पद अपनी बेटी महबूबा के लिए छोड़ना चाहते हैं, क्योंकि उनका उम्र ज्यादा हो गई है और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा नहीं रहता है। उम्मीद की जा रही है कि आगामी जनवरी महीने तक वे अपना पद छोड़ देंगे और उनकी बेटी महबूबा उनकी जगह मुख्यमंत्री का पद संभाल लेंगी। कुछ दिन पहले उन्होंने कहा था कि महबूबा जिम्मेदारियों को संभालने के योग्य हो गई हैं। यह लोकतंत्र है और वह लोगों की समस्याओ को हल करने के लिए उनसे ज्यादा समर्थ हैं।
भारत: मध्य प्रदेश

रतलाम की हार चौहान के लिए एक बड़ा झटका

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव हुए मजबूत
एल एस हरदेनिया - 2015-11-26 10:58 UTC
भोपालः रतलाम लोकसभा क्षेत्र के हुए उनचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को करारा झटका लगा है। यह सीट पिछले लोकसभा आमचुनाव में भारतीय जनता पार्टी की झोली में गई थी। उसके उम्मीदवार दिलीप सिंह भूरिया ने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को पराजित कर दिया था।
भारत: मध्य प्रदेश

आदिवासी बहुल इलाकों में कमजोर हुए शिवराज

रतलाम लोकसभा सीट पर हार से भाजपा को झटका
राजु कुमार - 2015-11-25 18:50 UTC
भोपाल। मध्यप्रदेश के रतलाम लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने भाजपा उम्मीदवार निर्मला भूरिया को शिकस्त देते हुए 88 हजार 832 मतों से विजय हासिल की है। कांग्रेस को मिली जीत ने भाजपा के साथ-साथ मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान की आदिवासी इलाकों में कमजोर होती पकड़ की ओर इशारा किया है। भाजपा द्वारा पूरी ताकत लगा देने, मंत्रियों एवं भाजपा विधायकों के जमावड़ा और मुख्यमंत्री चैहान द्वारा दर्जनों सभाओं के बावजूद मिली हार ने भाजपा को निराश कर दिया है।

चुनाव के बाद म्यान्मार में समस्याएं ही समस्याएं

भारत को उसके साथ रिश्ते को लेकर सतर्क रहना होगा
बरुण दास गुप्ता - 2015-11-25 18:47 UTC
कोलकाताः म्यान्मार में हुए चुनाव में अंग सन सू की की नेशनल लीग फाॅर डेमोक्रेसी की जीत हुई। सैनिक शासकों ने भी एक पार्टी बना रखी थी और उस पार्टी की जबर्दस्त हार हुई। संसद के नीचले सदन प्रतिनिधि सभा में 330 चुनावी सीटें हैं। उनमें 225 पर अंग की पार्टी का कब्जा हो गया और सैनिक शासकों के हाथों सिर्फ 25 सीटें ही आईं। ऊपरी सदन में अंग की पार्टी को कुल 224 में से 136 में जीत मिली और सैनिक शासकों की पार्टी को मात्र 12 सीटें ही मिलीं।

लालू और केजरीवाल के गले मिलने पर राजनीतिक तूफान

क्या दिल्ली की जनता पर इसका असर पड़ता है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2015-11-24 11:42 UTC
नई दिल्लीः दिल्ली प्रदेश भाजपा ने पटना मे नीतीश सरकार के शपथग्रहण के दौरान केजरीवाल और लालू के गले मिलने को एक राजनैतिक मुद्दा बना दिया है। यह बहुत ही आश्चर्यजनक है कि जब लोगों से जुड़े अनेक मसले मौजूद हैं, तो फिर एक फालतू बहस को बढ़ावा दिया जा रहा है।
भारत: केरल

विधानसभा चुनाव के पहले वामपंथियों के हौसले बुलंद

कांग्रेस के नेतृत्व वाले मोर्चे में असंतोष और मायूसी
पी श्रीकुमारन - 2015-11-23 11:53 UTC
तिरुअनंतपुरमः पिछले दिनों हुए स्थानीय निकायों के चुनावों में मिली हार से कांग्रेस और उसके नेतृत्व वाला यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट लगातार आहत महसूस कर रहा है।