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उत्तर प्रदेश में भी झाड़ू की हलचल

मुलायम और मायावती की चिंताएं बढ़ीं
प्रदीप कपूर - 2014-01-09 11:22
लखनऊः आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के अनेक हिस्सों में अपना पैर फैला रही है। उसके फैलने की गति भी बहुत तेज है। इस तेजी ने उत्तर प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं की नींद उड़ा रखी है।

प्रियंका के भरोसे कांग्रेस

क्या पार्टी का पतन इससे रुक जाएगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-01-08 12:42
राहुल गांधी के निवास पर कांग्रेस नेताओं की एक बैठक में प्रियंका गांधी के शामिल होने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है कि अब वह कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हो रही हैं। वैसे पहले से भी उनकी राजनैतिक सक्रियता रही है, लेकिन यह सक्रियता सिर्फ अमेठी और रायबरेली लोकसभा चुनाव क्षेत्रों तक ही सीमित है। वहां वह अपने भाई और अपनी मां के लिए चुनाव प्रचार करती हैं। वह समय समय पर वहां की यात्राएं भी करती है और लोगों से मिलती जुलती रहती हैं। शायद वह वहां के लोगों की समस्याओ को हल करने के लिए भी कुछ किया करती हों।

ओमन चांडी के पर कतर दिए गए

कैबिनेट में रमेश चेनिंथाला
पी श्रीकुमारन - 2014-01-07 10:53
तिरुअनंतपुरमः क्या केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रमेश चेनिंथाला को नाटकीय ढंग से मंत्रिमंडल में शामिल कर दिए जाने से आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के आसार बेहतर हो जाएंगे?

अनिश्चितता का साल होगा 2014

राजनैतिक चक्र तेजी से चलेगा
कल्याणी शंकर - 2014-01-03 12:17
साल 2014 एक अनिश्चितताओं का साल होगा। इनकी घटनाओं के बारे में अभी से दावे से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। सच तो यह है कि इसके बारे में अनुमान लगाना भी खतरे से खाली नहीं है। इसका कारण यह है कि राजनैतिक और आर्थिक मोर्चे पर आज अभूतपूर्व अनिश्चय बना हुआ है और उसके साथ विदेश नीति और विदेशों से हमारे संबंधों पर भी अनिश्चय के बादल मंडरा रहे हैं।

आप क्या तीसरा विकल्प बन सकती है?

हिंदी प्रदेशों में इसकी जमीन तैयार है
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-01-02 10:43
दिल्ली में अपनी सरकार बनाने के बाद आम आदमी पार्टी के नेता आगामी लोकसभा चुनाव मे ज्यादा से ज्यादा उम्मीदवार खड़ा करने की बातें कर रहे हैं। दिल्ली देश की राजधानी है और यहां घटी इस एक अभूतपूर्व घटना का असर देश भर में पड़ना स्वाभाविक है। यही कारण है कि देश भर में, खासतौर से हिंदी प्रदेशों मे आम आदमी पार्टी को लेकर खासा उत्साह बन गया है और इसमें शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग आॅनलाइन पंजीकरण कराने मे लगे हुए हैं।

अखिलेश पर भारी दबाव, पर मुख्यमंत्री विवश हैं

प्रदीप कपूर - 2014-01-01 12:14
लखनऊः अरविंद केजरीवाल के दिल्ली के मुख्यमंत्री बनने के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भारी दबाव में हैं। उन पर इस बात को लेकर भारी दबाव है के लोकसभा चुनाव के पहले कुछ कर दिखाएं।

कांग्रेस का गंदा खेल जारी

नहीं सुधरने की खा रखी है इस पार्टी ने कसम
नन्तू बनर्जी - 2013-12-31 10:26
पिछले विधानसभा चुनावों में हिंदी के चार प्रदेशों मे कांग्रेस का सूफड़ा साफ हो गया। दिल्ली, राजस्थान और मध्यप्रदेश में इसे भारी पराजय का सामना करना पड़ा। इसके बाद समझा जा रहा था कि कांग्रेस कुछ सीखेगी और अपने आपमें कुछ ऐसा सुधार करेगी, ताकि यह अपने भविष्य को सुरक्षित रख सके। पर हार के बाद उसने जो रवैया अपनाया है, उससे साफ लगता है कि उसने कसम खा रखी है कि वह न तो कुछ सीखेगी और न ही सुधरेगे।

देश की राजनीति में केजरीवाल का उदय

मोहभंग के माहौल में एक नये मोह का केन्द्र
उपेन्द्र प्रसाद - 2013-12-30 12:30
अरविंद केजरीवाल दिल्ली का मुख्यमंत्री बन चुके हैं और देश की राजनीति में वे क्या गुल खिलाएंगे, इसके बारे में तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। स्थापित नेताओं में अघिकांश ऐसे हैं, जो समझते हैं कि आम आदमी पार्टी का उदय जितनी तेजी से हुआ है, उसका अस्त भी उतनी ही शीघ्रता से होगा। पर वैसे लोग गलत भी हो सकते हैं।

क्या केजरीवाल लोगों की उम्मीदों को पूरा कर पाएंगे?

कल्याणी शंकर - 2013-12-27 12:43
दो दशक पहले जब वीपी सिंह की सरकार केन्द्र की सत्ता में आई थी, तो मेरी उस समय के वित्त मंत्री मधु दंडवते जी से एक दिलचस्प बातचीत हुई थी। वित्तमंत्री तब किसानों के 10 हजार करोड़ रुपये के लोन को माफ करने के लिए बजटीय गुना भाग करने में लगे हुए थे। उनके लिए वह काम बहुत ही मुश्किल साबित हो रहा था। अब चूंकि उनकी पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में कहा गया था कि उनकी पार्टी सत्ता में आने के बाद किसानों के लोन को माफ कर देगी, तो वैसा करना उनकी मजबूरी भी थी।

कांग्रेस और भाजपा की चिंताएं बढ़ी

आप ने तीसरे मोर्चे की आस बढ़ा दी है
अशोक बी शर्मा - 2013-12-27 12:40
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सफलता ने देश भर में तीसरे मोर्चे की सफलता की उम्मीदें बढा दी है। यह पार्टी मात्र एक साल नई है और यह दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है। उसे दिल्ली विधानसभा में 28 सीटें मिली, जबकि भाजपा को 31 सीटें और उसके सहयोगी अकाली दल को एक सीट मिली। कांग्रेस का तो सूफड़ा ही साफ हो गया, जिसे मात्र 8 सीटें ही मिल पाईं। गौरतलब है कि दिल्ली विधानसभा में मात्र 70 सदस्य होते हैं।