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भारत

राजनैतिक पार्टियों में वंशवादी बुखार जोरों पर

कांग्रेस सूची में सबसे ऊपर
हरिहर स्वरूप - 2014-03-31 17:04 UTC
जिस तरह से देश के कोने कोने में सभी पार्टियों मंे वंशवाद का प्रचलन इस तरह बढ गया है कि अब हम भारतीय लोकतंत्र को वंशवादी लोकतंत्र भी कह सकते हैं। हमारी राजनीति में वंशवाद कोई नई चीज नहीं है, लेकिन अब इसने अपनी गिरफ्त में लगभग सभी पार्टियों को ले लिया है। उत्तर प्रदेश इस वंशवादी राजनीति की राजधानी कहा जा सकता है, जहां 26 उम्मीदवार इस समय वंशवादी राजनीति के कारण टिकट पा सके हैं। कांग्रेस में वैसे 10 उम्मीदवार हैं। समाजवादी पार्टी ने 7 वैसे उम्मीदवार खड़े किए हैं। बहुजन समाज पार्टी के 6 और भारतीय जनता पार्टी के 4 उम्मीदवार भी इस श्रेणी में हैं।
रूस यूक्रेन

रूस यूक्रेन संकट का कूटनीतिक हल चाहते हैं : अमेरिका

विशेष संवाददाता - 2014-03-30 02:29 UTC
राष्ट्रपति ओबामा ने सुझाव दिया है कि रूस लिखित रूप में ठोस प्रतिक्रिया दे, व्हाइट हाउस के प्रवक्ता जे कार्नी ने कहा है। यह प्रस्ताव अमेरिकी विदेश मंत्री ने रूसी विदेश मंत्री सरजेई लावरोव को इस सप्ताह हेग में दिया था।

भारत

दिल्ली में त्रिकोणात्मक संघर्ष

कांग्रेस की मुख्य मुकाबले में वापसी
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-03-29 15:19 UTC
नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 10 अप्रैल को मतदान होंगे और उसके पहले चुनावी सरगर्मी अपने उत्कर्ष पर पहुंच गई है। परंपरागत रूप में कांग्रेस और भाजपा के बीच मुकाबला होता रहा है। पिछले कई चुनावो से दिल्ली में लोकसभा चुनाव में या तो कांग्रेस का उम्मीदवार जीतता है या भारतीय जनता पार्टी का। 1989 में पिछली बार एक गैर कांग्रेसी गैर भाजपा उम्मीदवार की जीत हुई थी। जिस उम्मीदवार की जीत हुई थी, उनका नाम था राज सिंह मान। लेकिन उनकी जीत भी इसलिए हुई थी, क्यांेकि उन्हें भाजपा का समर्थन हासिल था।
भारत

राजनीति में वंशवाद की बल्ले बल्ले

एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी के कब्जे में जा रही ही पार्टियां
कल्याणी शंकर - 2014-03-28 14:50 UTC
देश की राजनैतिक पार्टियों में वर्तमान पीढ़ी द्वारा अगली पीढ़ी को उत्तराधिकार देने का प्रचलन तेज होता जा रहा है। 2014 के लोकसभा चुनावों को देखा जाए, तो साफ हो जाता है कि यह और भी तेज हो रहा है। इस सिलसिले में 2013 का साल बहुत ही महत्वपूर्ण था। पिछले साल जनवरी महीने में राहुल गांधी को जयपुर सत्र में कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया। उसके 9 महीने बाद भारतीय जनता पार्टी ने नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया।

पश्चिम बंगाल में भी भाजपा का बढ़ रहा है समर्थन

ममता बनर्जी ने मोदी पर हमले तेज किए
आशीष बिश्वास - 2014-03-27 14:46 UTC
कोलकाताः पश्चिम बंगाल में चुनाव लड़ रहे मुख्य पार्टियों के अधिकांश नेता चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों को गलत बता रहे हैं। वे इन्हें बोगस कहते हैं। सिर्फ भारतीय जनता पार्टी ही इसे सही मान रही है, लेकिन अन्य पार्टियों के व्यवहार से साफ लगता है कि उन्हें भी कहीं न कहीं लगता है कि ये सर्वे सही हैं। और अपनी रणनीति बनाते समय इन सर्वेक्षणों के नतीजों को गंभीरता से ले रहे हैं।

मोदी हैं भाजपा के नये रैम्बो

पार्टी के शीर्ष पर संघर्ष और होगा तेज
अमूल्य गांगुली - 2014-03-26 11:07 UTC
जब शिवसेना पते की बात करे, तो उसे गंभीरता से लेना चाहिए। उसने अभी कुछ दिन पहले कहा है कि भारतीय जनता पार्टी में मोदी युग की शुरुआत हो गई है, लेकिन आडवाणी युग अभी भी समाप्त नहीं हुआ है। इससे पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी में अभी सत्ता संघर्ष समाप्त नहीं हुआ है।

बाहरी लोगों को थोपा जा रहा है मध्यप्रदेश में

भाजपा और कांग्रेस के कार्यकत्र्ता आलाकमान से नाराज
एल एस हरदेनिया - 2014-03-25 15:30 UTC
भोपालः आगामी लोकसभा चुनाव के लिए टिकटों का वितरण कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के लिए आसान नहीं था और यह सुगमता पूर्वक संपन्न भी नहीं हुआ। दोनों पार्टियों में आंतरिक विद्रोह की स्थिति बनी हुई है।

रामपुर में आजम की प्रतिष्ठा दांव पर

मुस्लिम बहुमत वाल सीट पर जीत के लिए पार्टी ने कसी कमर
प्रदीप कपूर - 2014-03-24 11:39 UTC
लखनऊः रामपुर लोकसभा सीट पर जीत हासिल करने के लिए समाजवादी पार्टी ने कमर कस ली है। यह मुस्लिम बहुल सीट है और समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले मोहम्मद आजम खान इसी इलाके से आते हैं। यह सीट खासकर उनके लिए निजी प्रतिष्ठा की सीट बन गई है।

लोक सभा चुनाव 2014: बिहार में त्रिकोणीय मुकाबला

गठबंधन कर भाजपा ने किया अपना नुकसान
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-03-22 10:55 UTC
लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच बिहार का राजनैतिक संग्राम अब त्रिकोणात्कम हो चुका है। पिछले एक महीने में घटी राजनैतिक घटनाओं ने संघर्ष की दिशा और दशा दोनों को बदल डाला है। एक समय था, जब लग रहा था कि बिहार में नरेन्द्र मोदी और लालू यादव के बीच सीधा मुकाबला होने जा रहा है। मोदी विरोधी लोग लालू के पाले में और लालू विरोधी मोदी के पाले में जाएंगे और इस तरह के ध्रुवीकरण में नीतीश कुमार का कहीं अता पता भी नहीं रह पाएगा। बिहार की राजनीति का नब्ज टटोलने वालों को यही लग रहा था और इन पंक्तियों के लेखक को भी कुछ वैसा ही लग रहा था।

चुनाव परिदृश्य अभी भी है अनिश्चित

भाजपा और कांग्रेस दोनों को चाहिए और सहयोगी
कल्याणी शंकर - 2014-03-21 16:24 UTC
राजनैतिक दलों द्वारा अपने उम्मीदवारों की घोषण के बाद जो कुछ दिखाई पड़ रहा है वह बहुत ही दिलचस्प है। गठबंधन भी बन रहे हैं। वे अबतक पूरे भी हो चुके हैं। चुनाव अभियान भी तेज हो गया है और बड़े नेता देश भी का दौरा कर रहे हैं। 7 अप्रैल से 12 मई तक होने वाले मतदान में 81 करोड़ से भी ज्यादा मतदाता भाग लेंगे। यह आबादी यूरोप की कुल सम्मिलित आबादी से भी ज्यादा है।