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बांग्लादेश का चुनाव और उसके बाद

हसीन को खालिदा से बात करनी ही चाहिए
बरुण दास गुप्ता - 2014-01-14 11:35
एक साथ दोस्ती भी और संघर्ष भी। यह देखने को मिल रहा है बांग्लादेश में। पिछले 5 जनवरी को वहां सरकार के गठन के लिए चुनाव हुए। उस चुनाव का मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने बहिष्कार किया। बांग्लादेश की एक अन्य विपक्षी पार्टी जातीय पार्टी उस चुनाव में सत्तारूढ़ अवामी लीग की सहयोगी पार्टी थी। फिलहाल वह वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी है और उसकी नेता रौशन इर्शाद विपक्ष की नेता हैं। लेकिन बात इतनी तक ही सीमित नहीं है कि पहले मिलकर चुनाव लड़े और अब विपक्ष में हैं। बात इससे कुछ ज्यादा है और वह यह है कि रौशन के पति प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में नियुक्त किए गए हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। यानी पति सत्ता में हैं, तो पत्नी विपक्ष में।

कांग्रेसजनों को प्रियंका का नेतृत्व चाहिए

लोकसभा में उनकी सक्रिय भागीदारी हो सकती है
हरिहर स्वरूप - 2014-01-13 11:12
राजनैतिक हलकों में चर्चा है कि प्रियंका गांधी सक्रिय राजनीति में शामिल हो सकती हैं और आगामी लोकसभा का चुनाव भी लड़ सकती हैं। आम आदमी पार्टी की राजनीति में आने के बाद देश का माहौल बदल गया है और इस बदले माहौल में प्रियंका गांधी के राजनीति में सक्रिय होने के आसार बढ़ गए हैं। नरेन्द्र मोदी का राजनैतिक सितारा पहले से ही बुलंदियों को छू रहा था और उसके कारण कांग्रेस के सामने एक जबर्दस्त चुनौती आ खड़ी हुई थी। केजरीवाल ने कांग्रेस की चुनौती और भी बड़ी बना दी है। लेकिन दुर्भाग्य से राहुल गांधी इन चुनौतियों के सामने बौना दिखाई दे रहे हैं।

क्या लोगों की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे केजरीवाल

अगला एक महीना होगा निर्णायक
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-01-11 11:27
नई दिल्लीः कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार का गठन ही इसलिए करवाया है ताकि इस नई पार्टी और इसके नेताओं को लोगों की नजरों में गिराया जा सके। दिल्ली के एक कांग्रेस विधायक के अनुसार इसे ठिकाने लगाने के लिए पार्टी इसका समर्थन कर रही है।

आप की राष्ट्रीय नीति का पता नहीं

लेकिन मोदी को मिल रही है बड़ी चुनौती
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-01-10 11:30
आम आदमी पार्टी ने फैसला किया है कि वह आगामी लोकसभा चुनाव में ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को जबर्दस्त सफलता मिली थी। उसके बाद कांग्रेस के समर्थन से उसकी सरकार भी बन गई। उसके बाद तो उसने अपनी उस सफलता को राष्ट्रीय स्तर पर भुनाने का मन बना लिया है।

उत्तर प्रदेश में भी झाड़ू की हलचल

मुलायम और मायावती की चिंताएं बढ़ीं
प्रदीप कपूर - 2014-01-09 11:22
लखनऊः आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश के अनेक हिस्सों में अपना पैर फैला रही है। उसके फैलने की गति भी बहुत तेज है। इस तेजी ने उत्तर प्रदेश की सभी प्रमुख पार्टियों के नेताओं की नींद उड़ा रखी है।

प्रियंका के भरोसे कांग्रेस

क्या पार्टी का पतन इससे रुक जाएगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2014-01-08 12:42
राहुल गांधी के निवास पर कांग्रेस नेताओं की एक बैठक में प्रियंका गांधी के शामिल होने के बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया है कि अब वह कांग्रेस की राजनीति में सक्रिय हो रही हैं। वैसे पहले से भी उनकी राजनैतिक सक्रियता रही है, लेकिन यह सक्रियता सिर्फ अमेठी और रायबरेली लोकसभा चुनाव क्षेत्रों तक ही सीमित है। वहां वह अपने भाई और अपनी मां के लिए चुनाव प्रचार करती हैं। वह समय समय पर वहां की यात्राएं भी करती है और लोगों से मिलती जुलती रहती हैं। शायद वह वहां के लोगों की समस्याओ को हल करने के लिए भी कुछ किया करती हों।

ओमन चांडी के पर कतर दिए गए

कैबिनेट में रमेश चेनिंथाला
पी श्रीकुमारन - 2014-01-07 10:53
तिरुअनंतपुरमः क्या केरल प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष रमेश चेनिंथाला को नाटकीय ढंग से मंत्रिमंडल में शामिल कर दिए जाने से आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के आसार बेहतर हो जाएंगे?

भारतीय जनता पार्टी को नये साथी नहीं मिल रहे

अपने 182 सीट के रिकॉर्ड के पास पहुंचना भी उसे होगा कठिन
हरिहर स्वरूप - 2014-01-06 13:04
लोकसभा के आम चुनाव अब तीन महीने ही दूर हैं। उसके बाद क्या स्थिति होगी, कुछ कहा नहीं जा सकता। कांग्रेस की सरकार बनने के कोई आसार नहीं दिख रहे। भाजपा की सरकार बनने पर भी प्रश्न चिन्ह खड़े हो गए हैं। अब दोनों के बीच इस बात को लेकर मुकाबला होना है कि उनमें से कौन लोकसभा चुनाव के बाद सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरती है। यदि हम भारतीय जनता पार्टी को पिछले 4 लोकसभा चुनावों में मिली सफलता का आकलन करें, तो पाते हैं कि इस बार पार्टी को 1998 और 1999 में मिली 182 सीटों से ज्यादा सीटें मिल पाना आसान नहीं होगा।

जापानी प्रधानमंत्री की भारत यात्रा

परमाणु ऊर्जा पर समझौता हो सकता है
नित्य चक्रबर्ती - 2014-01-04 10:57
इसी महीने जनवरी में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे की भारत यात्रा हो रही है। भारत इस यात्रा को खास महत्व दे रहा है। इसका खास महत्व भी है। सबसे पहली बात तो यह है कि परमाणु ऊर्जा सहयोग पर दोनों देशों के बीच सहमति की उम्मीद है। दूसरी बात यह है कि इस दौरे के कारण भारत में जापानी निवेश को जबर्दस्त बढ़ावा मिलेगा। खासकर इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर काफी लाभान्वित होंगे और उनमें भी सड़क और रेल परिवहन को खास फायदा होगा। दोनों पक्षों के बीच बातचीत चल रही है और भारतीय अधिकारियों को उम्मीद है कि भारत और जापान की जनवरी, 2014 की घोषणा ऐतिहासिक होगी।

अनिश्चितता का साल होगा 2014

राजनैतिक चक्र तेजी से चलेगा
कल्याणी शंकर - 2014-01-03 12:17
साल 2014 एक अनिश्चितताओं का साल होगा। इनकी घटनाओं के बारे में अभी से दावे से कुछ भी नहीं कहा जा सकता। सच तो यह है कि इसके बारे में अनुमान लगाना भी खतरे से खाली नहीं है। इसका कारण यह है कि राजनैतिक और आर्थिक मोर्चे पर आज अभूतपूर्व अनिश्चय बना हुआ है और उसके साथ विदेश नीति और विदेशों से हमारे संबंधों पर भी अनिश्चय के बादल मंडरा रहे हैं।