बांग्लादेश का चुनाव और उसके बाद
हसीन को खालिदा से बात करनी ही चाहिए
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2014-01-14 11:35
एक साथ दोस्ती भी और संघर्ष भी। यह देखने को मिल रहा है बांग्लादेश में। पिछले 5 जनवरी को वहां सरकार के गठन के लिए चुनाव हुए। उस चुनाव का मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने बहिष्कार किया। बांग्लादेश की एक अन्य विपक्षी पार्टी जातीय पार्टी उस चुनाव में सत्तारूढ़ अवामी लीग की सहयोगी पार्टी थी। फिलहाल वह वहां की मुख्य विपक्षी पार्टी है और उसकी नेता रौशन इर्शाद विपक्ष की नेता हैं। लेकिन बात इतनी तक ही सीमित नहीं है कि पहले मिलकर चुनाव लड़े और अब विपक्ष में हैं। बात इससे कुछ ज्यादा है और वह यह है कि रौशन के पति प्रधानमंत्री के विशेष दूत के रूप में नियुक्त किए गए हैं और उन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है। यानी पति सत्ता में हैं, तो पत्नी विपक्ष में।