स्वामी रामदेव का उपयोग
बाघ और बकरी को एक साथ पानी नहीं पिला पाए बाबा
2011-06-09 10:13
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अन्ना हजारे का भ्रष्टाचार विरोधी अभियान ठीकठाक चल रहा था। 4 दिनों के अनशन के दबाव में केन्द्र सरकार कठोर लोकपाल विधेयक लाने को तैयार हो गई थी और अन्ना सहित 4 अन्य लोगांे को विधेयक का मसौदा बनाने वाली समिति में शामिल भी कर लिया था। पर उसके बाद बाबा रामदेव ने भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और मोर्चा खोल दिया। प्रभावी लोकपाल कानून बनाने के अन्ना के आंदोलन के दौरान बाबा रामदेव ने अपने आपको उपेक्षित पाया और उनकी प्रतिक्रियों में यह साफ देखा जा सकता था कि वे भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग में अन्ना को मुख्य भूमिका में आते देख विचलित थे। इसके कारण ही उन्होंने भ्रष्टाचार के व्यापक पहलुओं पर अपनी तरफ से एक बड़ा सत्याग्रह करने की घोषणा कर दी।