Loading...
 
Skip to main content

View Articles

केन्द्रीय मंत्रालयों में सीमा सुरक्षा पर जंग

सेना असम रायफल्स को हटाना नहीं चाहती
बरुण दास गुप्ता - 2011-08-09 11:35
कोलकाताः दो केन्द्रीय मंत्रालयों में पूर्वात्तर सीमा की सुरक्षा को लेकर जंग छिड़ी हुई है। के’न्द्रीय गृह मंत्रालय और केन्द्रीय प्रतिरक्षा मंत्रालय अपने अपने तरीके से भारत म्यान्मार सीमा की सुरक्षा के बारे में सोचते हैं। फिलहाल इस सीमा पर असम रायफल्य तैनात है, जो रक्षा मंत्रालय के अधीन काम करता है। पर गृह मंत्रालय चाहता है कि इस सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल के हवाले कर दी जाए। गौरतलब है कि सीमा सुरक्षा बल केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अध्ीन काम करता है। यह विवाद रक्षा पर बनी कैबिनेट समिति के विचाराधीन है।

क्या उत्तर प्रदेश विधानसभा भंग होगी?

समय से पहले ही चुनाव होने की अटकलें
प्रदीप कपूर - 2011-08-08 13:25
लखनऊः राजनैतिक क्षेत्र में चर्चा गर्म है कि क्या मुख्यमंत्री मायावती विधानसभा भंग कर समय से पहले ही इसका आमचुनाव करवा देगी?

शीला दीक्षित की कुर्सी कितनी सलामत?

सारा दारोमदार सोनिया गांधी पर
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-08-06 18:05
कैग की ताजा रिपोर्ट आने के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित का अपने पद पर बने रहना मुश्किल हो गया है। दिल्ली में मुख्य विपक्ष भारतीय जनता पार्टी है और उसने कर्नाटक में यदुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाकर अपने को नैतिकता के उस धरातल पर खड़ा कर दिया है, जहां से वह शीला दीक्षित पर गंभीर चोट कर सकती है। भाजपा की यह चोट न केवल शीला दीक्षित पर होगी, बल्कि इसके दायरे मंे कांग्रेस भी होगी। अगले साल दिल्ली में नगर निगम का चुनाव भी होना है। इस चुनाव का सामना कांग्रेस यदि शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री बनाकर करती है, तो उसके लिए आक्रामक भाजपा का सामना करना लगभग असंभव होगा। यही कारण है कि इस बार शीला दीक्षित की कुर्सी पर खतरा वास्तविक हो गया है।

अन्ना टीम और केन्द्र सरकार का टकराव

इस बार अनशन उलटा असर कर सकता है
कल्याणी शंकर - 2011-08-05 19:18
अन्ना के नेतृत्व वाला सिविल सोसायटी सरकार द्वारा पेश किए गए लोकपाल विधेयक का विरोध कर रहा है। इस टकराव का आखिर क्या नतीजा होगा? क्या सरकार अन्ना की मांग के सामने झुक जाएगी और उसके अनुसार विधेयक के प्रावधानों में बदलाव कर देगी? यदि वह ऐसा करती है, तो फिर अन्य विवादास्पद विधेयकों का भविष्य क्या होगा?

चौहान को मिली कोर्ट से क्लीन चिट

कांग्रेस करेगी अपील
एल एस हरदेनिया - 2011-08-04 11:16
भोपालः पिछले 31 जुलाई को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सिंगरौली में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की एक बैठक को संबोधित कर रहे थे। वे कह रहे थे कि भाजपा के अंदर भ्रष्ट लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। वे प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रभात झा को भाजपा के भ्रष्ट नेताओं और कार्यकर्त्ताओं की एक सूची बनाने के लिए कह रहे थे। खासकर उन भाजपा कार्यकर्त्ताओं की सूची माग रहे थे, जो जनवितरण प्रणाली के अंतर्गत डीलर के रूप में काम कर रहे हैं और भ्रष्ट हैं।

जयललिता का केन्द्र से टकराव

करुणानिधि की नई सक्रियता
एस सेतुरमण - 2011-08-03 10:50
चेन्नईः मुख्यमंत्री जयललिता ने एकाएक केन्द्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज तेज कर दी है। विधानसभा चुनाव के पहले वह मनमोहन सिंह सरकार को बचाने की पेशकश तक कर रही थीं, ताकि वह डीएमके के भ्रष्ट मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकें। अब मुख्यमंत्री बनने के दो महीने के बाद उन्होंने केन्द्र सरकार पर ही हमले तेज कर दिए है और हमले का निशाना खुद मनमोहन सिंह को भी बना दिया गया है।

बसपा नेताओं का पार्टी से भगदड़ शुरू

अधिकांश नेता समाजवादी पार्टी का रुख कर रहे हैं
प्रदीप कपूर - 2011-08-02 11:53
लखनऊः जैसे जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, समाजवादी पार्टी मजबूत होती जा रही है। बसपा को छोड़ने वाले अधिकांश नेता समाजवादी पार्टी में ही शामिल हो रहे हैं, क्योंकि उन्हें लग रहा है कि सपा में शामिल होकर ही वे अपना भविष्य सुरक्षित कर पाएंगे। दूसरे शब्दों में कहें, तो बसपा को छोड़ने वाले उन नेताओं को लगता है कि सपा ही बसपा को चुनावी शिकस्त दे सकती है।

वस्तु एवं सेवा कर: भारत के लिए एक नया अनुभव

उपेन्द्र प्रसाद - 2011-08-01 20:47
भारत में वस्तु सेवा कर की व्यवस्था हमारी कर व्यवस्था में अब तक किया गया सबसे बड़ा सुधार होगा और इसके साथ अप्रत्यक्ष करों की उगाही का स्वरूप भी बदल जाएगा। इस बदलाव को एक क्रांति कहना गलत नहीं होगा। यही कारण है कि जब जीएसटी को लागू करने की बात हो रही है, तो अनेक राज्यों द्वारा इसके खिलाफ आशंका व्यक्त की जा रही है।

लोकपाल कानून पर छिड़ा संग्राम

अन्ना को रामदेव समझने की भूल नहीं करे सरकार
उपेन्द्र प्रसाद - 2011-07-31 05:37
लोकपाल कानून के मसले पर देश में बन रहा तनाव दुर्भाग्यपूर्ण है। एक तरफ अन्ना हजारे केन्द्र सरकार द्वारा तैयार किए गए विधेयक के मसौदे से असंतुष्ट होकर 16 अगस्त से आमरण अनशन पर जाने के लिए प्रतिबद्ध दिखाई पड़ रहे हैं, तो दूसरी तरफ केन्द्र सरकार उनके साथ उसी तरह का सलूक करने की सोच रही है, जैसा उसने स्वामी रामदेव के साथ किया।

बेसब्री से इंतजार है जनता को मानसून सत्र का

एस एन वर्मा - 2011-07-30 16:03
नई दिल्ली। एक अगस्त से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से आम आदमी को काफी उम्मीदें है। लोकपाल बिल और भूधिग्रहण विधेयक इसी सत्र में पारित होने हैं। बहुप्रतिक्षित खाद्य सुरक्षा विधेयक भी इसी सत्र में रखा जाएगा। लेकिन सत्र निर्विध्न रूप से चल पाएगा इसको लेकर भी आशंका जतायी जा रही है। विपक्ष सरकार को घेरने के लिए पूरी तैयारी कर चुका है। मंहगाई और ,भ्रष्टाचार और आतंरिक सुरक्षा जैसे विषयों पर जोरदार बहस हो सकती है। अन्ना हजारे और बाबा रामदेव ने क्रमशः भ्रष्टाचार और कालाधन को लेकर दिल्ली में आंदोलन किए हैं,उसके नतीजे भी इसी सत्र में दिखने मिल सकते हैं।