Loading...
 
Skip to main content

View Articles

खत्म नहीं हो रही मध्यप्रदेश कांग्रेस की गुटबंदी

सरकार राहत की सांस ले रही है
राजु कुमार - 2010-03-31 09:30
भोपालः मध्यप्रदेश में कांग्रेस पिछले सात सालों में कभी भी मजबूत विपक्ष की भूमिका में नहीं आ सकी। बीच-बीच में ऐसा लगा कि अब कांग्रेस मजबूती के साथ गुटबंदियों को दरकिनार कर एक हो गई है, पर वास्तव में आंतरिक रूप से कभी ऐसा नहीं हो पाया। मध्यप्रदेश में कुछ समय पहले कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में दौरा कर युवाओं को राजनीति में आने के लिए प्रेरित किया था। उसी दरम्यान उन्होंने प्रदेश कांग्रेस की बैठक में वरिष्ठ नेताओं को नसीहत दी थी कि खेमेबाजी को छोड़कर मिलकर काम करें और कांग्रेस को मजबूत बनाएं। पर लगता है कि प्रदेश में कांग्रेसियों को उनकी नसीहतें रास नहीं आई। पिछले दिनों मध्य्ाप्रदेश के कई वरिष्ठ अधिकारियों के यहां आयकर के छापे और लगातार उठ रहे भ्रष्टाचार के प्रकरणों के बावजूद सरकार को घेरने में कांग्रेस नाकाम रही है।

मायावती फिर दलितों की शरण में

ब्राह्मणों को किनारे लगाने का काम शुरू
प्रदीप कपूर - 2010-03-30 14:06
लखनऊः बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो एक बार फिर अपने दलित एजेंडे की ओर वापस आ रही हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी सफलता को राजनैतिक पंडितों ने उनकी सोशल इेजीनियरिंग का नतीजा बताया था। उस चुनाव में मायावती ने उच्च जाति के लोगों- खासकर ब्राह्मणों को भारी संख्या में टिकट बांटे थे। उनमें से कई जीतकर आए भी। प्रशासन में भी उच्च जाति के लोगों को तवज्जो दिया गया। प्रशासन के मुख्य पदों पर अनेक ब्राह्मण अधिकारियों को बैठा दिया गया।

कोलकाता की आग

पूरा प्रशासन पंगु था
आशीष बिश्वास - 2010-03-29 10:04
कोलकाताः संभवतः पश्चिम बंगाल देश के सबसे खराब प्रशासन वाला राज्य है। कोलकाता के पार्क स्ट्रीट इलाके में लगी आग पर काबू पाने में प्रशासन की विफलता ने इस तथ्य को बखूबी रेखांकित किया है। लगता है कि वोट पाने के लिए कानून के राज्य को तिलांजली दे दी गई है।

संसद की रिपोर्टिंग में लगे ‘कथित’ पत्रकारों से है लोकतंत्र को खतरा!

निशिकान्त - 2010-03-28 09:33
नई दिल्ली: राजनीति की तरह मीडिया संस्थानों की भी प्रतिष्ठा खतरे में है, खासकर संसद में रिपोर्टिंग करने वाले कथित पत्रकारों के समूह से न केवल पत्रकारिता को खतरा है बल्कि संसद की सुरक्षा में भी सेंध लगने की संभावना बनी रहती है।

शत्रुघ्न सिन्हा का विद्रोह

आखिर क्या चाहते हैं बिहारी बाबू
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-03-28 09:20
भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी के नेत्त्व को फिलहाल सबसे ज्यादा चुनौती बिहार से मिल रही है। बिहार से मिल रही चुनौती का सामना करने के लिए उन्होंने भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी का विस्तार तक कर डाला और बिहार से दो अतिरिक्त सदस्य उसमें शामिल कर डाले, लेकिन बिहार से चुनौतियां मिलना जारी है। पटना साहिब के सांसद और वरिष्ठ पार्टी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने तो उन्हें पार्टी से निकाल देने की चुनौती तक दे डाली है।

बाबा रामदेव का राजनैतिक हनीमून

क्या सफल हो पाएंगे योगगुरू
कल्याणी शंकर - 2010-03-28 09:16
योगगुरू बाबा रामदेव ने राजनीति में प्रवेश की औपचारिक घोषणा कर दी है। उन्होंने अपनी पार्टी का नामकरण भी कर लिया है। उनकी पार्टी होगी- भारत स्वाभिमान पार्टी। संक्षेप में इसे भी मायावती की बहुजन समाज पार्टी की तरह बीएसपी कहा जा सकता है। सवाल उठता है कि क्या बाबा रामदेव राजनीति में सफल हो पाएंगे या राजनीति में आकर कुछ कर दिखाने का ख्वाब पालने वाले अन्य बाबाओं के हश्र का सामना उन्हें भी करना होगा।

तकनीक के साथ अब प्रबंधन का भी पाठ पढ़ाएगा एन.आइ.टी.टी.टी.आर.

इस साल प्रवेश परीक्षा संस्थान स्तर पर ही आयोजित करनी पड़ेगी
राजु कुमार - 2010-03-28 09:11
पिछले तीस सालों से तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार के लिए अपनी पहचान रखने वाला राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान (एन.आइ.टी.टी.टी.आर.), भोपाल अब प्रबंधकीय शिक्षा यानी एम.बी.ए. का कोर्स चलाने की तैयारी कर चुका है। अब सिर्फ इंतजार है अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद् से मान्यता की।

मायावती केन्द्र के साथ मुठभेड़ की मुद्रा में

विपक्ष ने माला प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की
प्रदीप कपूर - 2010-03-28 09:04
लखनऊः मुख्यमंत्री मायावती एक तरफ कांग्रेस के साथ, तो दूसरी तरफ केन्द्र की यूपीए सरकार के साथ टकराव की राजनीति की ओर बढ़ रही है। रुपयों की माला के लिए हो रही आलाचना और उस पर आयकर विभाग की जांच के बाद रुपयों की दूसरी माला पहनकर मुख्यमंत्री ने यह संकेत दे दिया है कि वह आलोचनाओं से डरने वाली नहीं हैं।

एसआईटी से कौन डरता है

इसे टालना मोदी के लिए आसान नहीं होगा
अमूल्य गांगुली - 2010-03-28 03:14
जब भाजपा के नेता वोट पाने के लिए दंगा भड़काते हैं, तो उस समय वे भूल जाते हैं कि उन्हें उसकी कीमत भी कभी चुकानी पड़ सकती है। जब वे उसके लिए कानूनी फंदे मे फंसने लगते हैं और जांच के लिए बुलावा आता है, तो वे बगलें झांकने लगते हैं। नरेन्द्र मोदी आज यही कर रहे हैं। बाबरी मस्जिद विध्वंस की जा्रच कर रहे लिब्राहन आयोग ने जब लालकृष्ण आडवाणी को समन जारी किया था, तो उन्होंने भी वैसा ही किया था। पहले तो वे कमीशन के सामने हाजिर होने में टाल मटोल करते रहे और जब वहां हाजिर हुए तो भाषणबाजी शुरू कर दी।

महंगाई के खिलाफ बीजेपी ने अभी तक जुटाए ढाई करोड़ हस्ताक्षर

एस एन वर्मा - 2010-03-23 03:14
नई दिल्ली। बीजेपी ने महंगाई के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन की अपनी तैयारी के तहत अभीतक ढाई करोड़ हस्ताक्षर जुटा लिए हैं। बीजेपी 21 अप्रैल को दिल्ली में विशाल प्रदर्शन करने वाली है। इसके लिए वह सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रही है। उसका लक्ष्य पांच करोड़ से भी ज्यादा हस्ताक्षर एकत्र करना है जिसे वह 21 अप्रैल केा राष्ट्पति को सौंपा जाएगा और मनमोहन सरकार से इस्तीफा मांगा जाएगा। उस दिन मूल्यवृद्धि के विरोध में 10 लाख से भी अधिक लोग संसद की ओर कूच करेंगे।