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पूर्वोत्तर भारत

उल्फा का लोगों के बीच प्रभाव घटा

केन्द्र के साथ निर्णायक वार्ता जल्द
बरुण दास गुप्ता - 2010-02-04 10:50
कोलकाताः यह पहला मौका था, जब बहुत सालों के बाद 26 जनवरी के दिन असम सहित पूरे पूर्वात्तर में किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं घटी। अन्यथा, प्रत्येक 26 जनवरी और 15 अगस्त को आतंकवादी संगठनों द्वारा उसके बहिश्कार का आवाहन किया जाता रहा है और कहीं न कहीं से अप्रिय घटना की खबर आती रही है। लेकिन ऐसा इस बार नहीं हुआ।

पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान: एक अभिनव योजना

विशेष संवाददाता - 2010-02-03 10:00
बच्चों, किशोरों और युवाओं के बहुमुखी विकास के लिये खेलों और शारीरिक शिक्षा पर विशेष जोर देने के इरादे से खेल और युवा मामलों के मंत्रालय ने पंचायत युवा क्रीड़ा और खेल अभियान नाम से एक अभिनव योजना शुरू की है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य किशोरों और युवाओं को हर स्तर पर खेलों और शारीरिक अभ्यास की गतिविधियों से जोड़ना है।

ग्रामीण परिवारों को बिजली की आपूर्ति कैसे और कब तक

विशेष संवाददाता - 2010-02-03 09:55
ग्रामीण विद्युतीकरण को ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण कार्यक्रम समझा जाता है। अब यह एक सर्वस्वीकृत तथ्य है कि बिजली मानव की मूलभूत आवश्यकताओं में एक है और हर परिवार को बिजली मिलनी चाहिए। ग्रामीण भारत में बिजली की आपूर्ति व्यापक आर्थिक एवं मानवीय विकास के लिए बहुत जरूरी है। वर्ष 2001 की जनगणना के मुताबिक देश में करीब एक लाख 20 हजार गांवों में बिजली नहीं पहुंच पायी है और करीब सात करोड़ 80 लाख परिवार बिजली की सुविधा से वंचित हैं।
भारत

कारसेवक बनाम शिवसैनिक

सेना और संघ का टकराव क्या गुल खिलाएगा?
अमूल्य गांगुली - 2010-02-03 09:49
सांप्रदायिकतावाद की तरह ही फासीवाद भी अपने अनुयाइयों को अपना भोजन बना लेता है। यह सभी हिंसक दर्शनों की नियति रहा है। जो हिंसा को बढ़ावा देते हैं, वे खुद उसी हिंसा के श्किार हो जाता है। एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है। जो दूसरे के लिए खाई खोदता है, वह खुद ही उसमें गिर जाता है। हम महाराष्ट्र में यही देख रहे हैं। शिवसेना और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वहां मुसलमानों के खिलाफ एकजुट होकर अभियान चलाया करते थे। आज मराठा क्षेत्रवाद के मसले पर वहां वे दोनों एक दूसरे के सामने खड़े हैं।
भारत: राजनीति

भाजपा-शिवसेना का संग्राम

क्या अलग होंगे दो पुराने दोस्त?
उपेन्द्र प्रसाद - 2010-02-02 11:41
अब भाजपा की शिवसेना के साथ ठन गई है। यह होना ही था, क्योंकि जिस तरह शिवसेना पिछले कुछ दिनों से क्षेत्रवाद की राजनीति को हवा देने में लगी है, उसके बाद भाजपा चुप रह ही नहीं सकती थी।

हिमालयी पर्यावरण बचाने की भारतीय नीति शीघ्र

विशेष संवाददाता - 2010-02-01 16:37
नई दिल्ली: भारत सरकार हिमालयी क्षेत्र के पर्यावरण को बचाने की नीति बनाने की प्रक्रिया में है और इस संबंध में हिमालयी क्षेत्र के राज्यों के साथ परामर्श किये जा रहे हैं। हिमालय सहित शिखरों को पर्यावरणीय संरक्षण कार्यक्रम में प्राथमिकता पर रखा गया है ।
भारत; राजनीति

ललन के त्याग से जद यू में सुकून का माहौल

एस एन वर्मा - 2010-02-01 11:40
नई दिल्ली। सांसद राजीव रंजन सिंह ‘ललन’ के पार्टी अध्यक्ष पद त्यागने से जद यू में सुकून का माहौल बन रहा है। असल में, ललन के रोज रोज के सरकारी और पार्टी के कार्यों में दखंलादाजी से मुख्यमंत्री नीतिश कुमार भी आजिज हो गए थे।
भारत

गौ हत्या पर प्रतिबंघ के पक्ष में करोड़ों हस्ताक्षरों का संग्रह राष्ट्रपति को सौंपा गया

रामदेव ने की गौ आधारित स्वास्थ्य नीति बनाने की मांग
एस एन वर्मा - 2010-02-01 10:50
नई दिल्ली। गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने, गाय को देश की सांस्कृतिक धरोहर घोषित करने, भारतीय नस्ल की गायों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए अलग से गोसंवर्धन मंत्रालय बनाने, गो सेवा आयोग गठित किए जाने तथा प्रत्येक राज्य में कामधेनु विश्वविद्यालयों की स्थापना किए जाने की मांगों को लेकर विश्व मंगल गो-ग्राम यात्रा समिति के एक प्रतिनिधिमंडल ने गोकर्णपीठ, कर्नाटक के शंकराचार्य स्वामी राघवेष्वर भारती के नेतृत्व में देश भर से कराए 8 करोड़ 35 लाख 67 हजार 41 हस्ताक्षरों के संग्रह को राष्ट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल को सौंपा।
भारत: राजस्थान

एक नए विवाद में फंसे अशोक गहलौत

अदालती आदेश के खिलाफ गैरकानूनी माइनिंग
अहतेशाम कुरेशी - 2010-02-01 10:30
जयपुरः राजस्थान की अशोक गहलौत की सरकार एक नए विवाद में फंस गई है। यह विवाद अलवर जिले में अरावली पहाड़ियों पर हो रही गैरकानूनी माइनिंग को लेकर है। सुप्रीम कोर्ट ने एक आदेश जारी कर वहां किसी प्रकार की माइनिंग पर रोक लगा रखी है। लेकिन उस रोक के बावजूद वहां माइनिंग हो रही है। माइनिंग निजी ठेकेदार कर रहे हैं।

तीर्थयात्रा बनाम पर्यटन

विजय कुमार - 2010-02-01 03:14
विश्व की समस्त नदियों में पवित्रतम है गंगा। यह वर्ष हरिद्वार में पूर्ण कुंभ का वर्ष है। लाखों भक्त अब तक गंगा में स्रान कर पुण्य कमा चुके हैं और करोड़ों अभी और पहुंचेंगे। प्रति १२ साल बाद होने वाला यह पर्व अनुपम है और अद्‌भुत भी।