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भारत

बजट से टूटा आम आदमी की मंहगाई कम होने के सपने

जेवरात मंहगी होने से गरीब दूल्हनियों के दिल को पंहुचेगी ठेस
एस एन वर्मा - 2010-02-26 13:14
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा आज संसद में पेश किए गए बजट ने आम आदमी के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। सोना और चांदी मंहगा होने की खबर ने तो शादी रचाने वाली गरीब दुल्हनियों के दिल को तोड़ दिया है। बजट में मंहगाई से राहत मिलने के उपाए किए जाने की बाट जोह रहे लोग हताश हैं।
भारत

माओवादियों के साथ बातचीत की पेशकश

सर्वसमावेशी विकास ही समस्या का निदान है
कल्याणी शंकर - 2010-02-26 11:41
क्या माओवादियों और सरकार के बीच कोई समझौता हो पाएगा? क्या दोनों के बीच बातचीत हो भी पाएगी? यदि ऐसा होता है तो यह बहुत ही अच्छा होगा, क्योंकि टकराव के कारण भारी हिंसा की आशंका है और सदि हम हिंसा से बचें तो इससे अच्छा और क्या हो सकता है?

भारत: आम बजट 2010-11 में खाद्य सुरक्षा और न्यायपूर्ण आर्थिक विकास हासिल करने के उद्देश्य का दावा

विशेष संवाददाता - 2010-02-26 08:40
नई दिल्ली: आज लोकसभा में पेश किए गए वर्ष 2010-11 के आम बजट में वित्त मंत्री श्री प्रणब मुखर्जी ने अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने और आम आदमी को न्याय दिलाने के उद्देश्य से कई उपायों का प्रस्ताव किया। हर चुनौती से वाकिफ वित्त मंत्री ने बताया कि आज भारतीय अर्थव्यवस्था एक वर्ष पहले की स्थिति के मुकाबले बहुत बेहतर स्थिति में है। इसका अर्थ यह नहीं है कि आज चुनौतियां नहीं हैं।

भारतीय सीमा पर बेहतर चौकसी हेतु बाड़ और तीव्र प्रकाश की व्यवस्था

रविन्दर सिंह - 2010-02-26 05:49
पड़ोसी देशों के साथ भारत की सीमायें काफी छिद्रिल यानी भेद्य (पोरस) हैं। सीमा के दोनों और भौगोलिक, प्रजातीय और सांस्कृतिक समानताओं के साथ-साथ भारतीय क्षेत्र में बेहतर आर्थिक अवसरों के कारण निहित स्वार्थी लोगों के लिये अवैध रूप से सीमा पार कर इस ओर आना हमेशा से आकर्षण का विषय रहा है। इन्हीं कारणों के चलते घुसपैठ, तस्करी और सीमाओं के उल्लंघन की घटनाएं, जब तब सुनने में आती रहती हैं। इन असामाजिक तत्वों से सीमा की सुरक्षा के लिये सरकार ने बहुकोणीय रास्ता अपनाया है। बाड़ लगाना और तेज रोशनी करना सीमा पर चौकसी बनाए रखने की व्यवस्था के प्रमुख घटक हैं।
भारत

कृषि में निवेश को बढा़ने तथा सक्षम खाद्य प्रबंधन पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत - आर्थिक समीक्ष

विशेष संवाददाता - 2010-02-25 13:14
नई दिल्ली: आज संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2009-10 में कहा गया है कि कृषि क्षेत्र में व्याप्त चुनौतियों का समाधान व्यापक तथा समन्वित प्रयासों से किए जाने की आवश्यकता है । कृषि उत्पादन तथा उत्पादकता में सुधार , कृषि निविष्टियों का बेहतर उपयोग, उपयुक्त विपणन बुनियादी ढांचा तथा सहयोग, पर्यावरणीय चिंताओं पर यथोचित जोर देकर कृषि में निवेश को बढा़ने तथा सक्षम खाद्य प्रबंधन पर नए सिरे से ध्यान देने की जरूरत है ।

वैश्विक आर्थिक मंदी से उबरी भारतीय अर्थव्यवस्था 9 प्रतिशत विकास दर की ओर अग्रसर

विशेष संवाददाता - 2010-02-25 11:00
नई दिल्ली: आज संसद में पेश आर्थिक समीक्षा 2009-10 के अनुसार अर्थव्यवस्था वैश्विक आर्थिक मंदी से उबर रही है और यह 9 प्रतिशत की विकास दर हासिल करने की ओर अग्रसर है।
भारत

आर्थिक समीक्षा 2009-10 की विशेषताएं - एक झलक

विशेष संवाददाता - 2010-02-25 10:55
नई दिल्ली: संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का दावा किया गया है। कहा गया कि वर्ष 2008-09 में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि दर की अपेक्षा वर्ष 2009-10 में वृद्धि दर 7.2 रहने की आशा है।


भारत

ममता की रेल बजट: वर्तमान ही नहीं, भविष्य पर भी नजर

उपेन्द्र प्रसाद - 2010-02-25 10:47
ममता बनर्जी द्वारा पेश किए गए दूसरे बजट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि पहली बार किसर रेलमंत्री ने रेल के संशाधनों को राष्ट्रीय संसाधन मानते हुए उनका इस्तेमाल सिर्फ लोगों को यात्रा करवाने और माल की ढुलाई तक ही सीमित नहीं रखा है, बल्कि देश के अन्य सेक्टरों के विकास के लिए भी समर्पित कर दिया है। ऐसा करते समय उन्होंने यह घ्यान रखा है कि रेल की संपत्ति निजी हाथों में नहीं जाए बल्कि निजी क्षेत्र रेल के साथ भागीदारी कर परियोजनाओं को आगे बढ़ाए और पूंजी लगाकर मुनाफे में भागीदारी करे।
भारत: रेल बजट 2010-2011

आश्वासनों और घोषणाओं से भरपूर है ममता का पश्चिम बंगाल केंद्रित रेल बजट

एस एन वर्मा - 2010-02-24 12:35
नई दिल्ली। रेल मंत्री ममता बनर्जी ने अपने दूसरे रेल बजट में भी यात्री भाड़े में कोई वृद्धि नहीं करके मंहगाई की मार से त्रस्त जनता को सकून पहुंचाया है।ममता ने रेलवे में निजीकरण को बढ़ावा देते हुए अनेक ऐसी लोकलुभावन घोषणाएं की हैं जो सहज ही पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनावों को प्रभावित करने वाली दिखती है।
भारत: रेल बजट 2010-2011

रेल का निजीकरण नहीं, सार्वजनिक-निजी भागीदारी से समग्र विकास

विशेष संवाददाता - 2010-02-24 12:30
नई दिल्ली: रेल मंत्री कुमारी ममता बनर्जी ने आज लोक सभा में वर्ष 2010-11 के लिए बजट अनुमान प्रस्तुत करते हुए कहा कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं किया जायेगा बल्कि इसके समग्र विकास के लिए महज निजी क्षेत्र को भी भागीदार बनाया जायेगा। करीब 8 महीने में कुमारी बनर्जी द्वारा सदन में प्रस्तुत यह दूसरा रेल बजट है, जिसमें उन्होंने लोकलुभाऊ नहीं बल्कि समाजवादी और समतामूलक कदम उठाये हैं।