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ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

राष्ट्रपति चुनाव से उभरे सवाल

सांसदों और विधायकों के मत
System Administrator - 2007-10-20 06:54
कुछ मतदान प्रक्रिया से अलग रहे और कुछ ने मानसिक दिवालियेपन का परिचय दिया
भारत में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपन्न हो गये परन्तु इसने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर सांसदों और विधायकों की भी मति क्यों मारी गयी? वे मतदान करने और नहीं करने के अपने मौलिक अधिकार की बात तो करते रहे, लेकिन क्या लोकतंत्र में मतदान करना उनका मौलिक कर्तव्य नहीं था? अनेक सांसदों और विधायकों ने मानसिक दिवालियेपन की हद तक जाकर उन कारणों के आधार पर मत क्यों दिया जिनका राष्ट्रपति चुनाव से कोई लेना देना नहीं? ऐसे और भी अनेक सवाल हैं जो जवाब मांगते हैं।
ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से

जेल और अपराध ...

System Administrator - 2007-10-20 06:51
इस समय दुनिया एक विशेष तरह की वीभत्स पूंजीवादी अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रही है जिसमें जीवन के अधिकांश पक्षों की योग्यता, श्रेष्ठता और वांछनीयता के लिए पूंजी या धन को ही सर्वोच्च मानदंड माना जा रहा है। इस समाज ने अधिकांश कार्यों के लिए न्यूनतम धन का निर्धारण किया है जिससे कम धन वालों को अयोग्य करार दिया जाता है –
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दिल्ली का संकट ...

System Administrator - 2007-10-20 06:49
दिल्ली की बदहाली के लिए बाहर से आने वाले लोगों, विशेषकर बिहार और उत्तर प्रदेश से, को दोषी ठहराने वाले अपने बयान पर मुख्य मंत्री शीला दीक्षित ने माफी मांग ली, लेकिन इससे मूल मुद्दा खत्म नहीं होता। लोक सभा में उनके बयान पर हंगामा होने और सदन में उन्हें तलब किये जाने के बाद उनके पास माफी मांगने के अलावा कोई चारा नहीं रह गया था, लेकिन दिल्ली की बदहाली के लिए उनकी सरकार को माफ नहीं किया जा सकता।
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बीस रुपये से भी कम पर गुजारा

System Administrator - 2007-10-20 06:41
अर्थशास्त्री प्रधान मंत्री के कार्यकाल में भारत में गरीबों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे भी ज्यादा आश्चर्य यह कि डा. मनमोहन सिंह देश के विकास के नाम पर अभी भी अपनी पीठ थपथपाते हैं। कहते हैं कि उनकी आर्थिक नीतियां ही सही हैं। उधर करोड़ों लोग दाने - दाने को तरस रहे हैं।

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नांदीग्राम कांड ...

System Administrator - 2007-10-20 06:32
आम लोगों को सामाजिक और आर्थिक न्याय दिलाने के आंदोलन में हमारे पूर्वज वामपंथियों में से अनेकों के योगदान को नहीं भुलाया जा सकता, लेकिन इस आधार पर आज के नकली वामपंथियों पर भरोसा करना खतरे से खाली नहीं है।
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छत्तीसगढ़ में हिंसा और ...

System Administrator - 2007-10-20 06:19
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में बीजापुर जिले के रानीपोटली गांव स्थित सशस्त्र बल के एक शिविर पर माओवादियों के हमले में कल 54 लोगों की जानें गयीं जिनमें छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के 15 जवान भी शामिल थे। शेष मृतक स्थानीय आदिवासी युवा थे जिन्हें विशेष पुलिस अधिकारी का ओहदा देकर नक्सलियों का मुकाबला करने के लिए सल्वा जुडुम संगठन में शामिल किया गया था।
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बदलता उत्तर प्रदेश

मायावती, मुलायम और मनमोहन
System Administrator - 2007-10-20 06:14
क्या मायावती बहुस्तरीय अन्यायपूर्ण और शोषण पर आधारित प्रणाली बदल पायेंगी ?
उत्तर प्रदेश की सत्ता में अपने दम पर बहुमत से आने के बाद मायावती जाति, नस्ल, और धर्म से ऊपर उठकर विकास की राजनीति के रास्ते चल पड़ी हैं। यह अच्छी बात है। लेकिन इससे भी अच्छी बात यह कि हाल में उनके द्वारा उठाये गये साहसिक कदम के तहत अन्यायपूर्ण और शोषण पर आधारित अर्थव्यवस्था बदलने की कोशिश एक ऐसे समय में की गयी है जब मनमोहन सिंह के नेतृत्व में केन्द्र की सरकार उसका सम्पोषण करते हुए उसी गलत प्रणाली को बढ़ावा दे रही है और राज्य के पूर्व मुख्य मंत्री मुलायम सिंह ने भी ऐसा ही किया था। लेकिन सवाल है कि क्या वह सफल हो पायेंगी या फिर उसी दुश्चक्र में फंस जायेंगी?
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हरियाणा में पंचायती राज

System Administrator - 2007-10-20 05:59
सारे देश की तरह हरियाणा में भी पंचायती राज के मामले में सरकार असंवैधानिक तौर तरीकों से चल रही है और स्वसरकार (तीसरे तृणमूल स्तर की सरकार) का बंटाधार किया जा रहा है, लेकिन जनता को लुभाने के लिए आकर्षक घोषणाएं की जाती हैं और पत्रकार सम्मेलनों में उन्हें इस ढंग से पेश किया जाता है मानो सरकार ने तीर मार लिया।
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गरीब-विरोधी रेलवे ...

System Administrator - 2007-10-20 05:57
भारत के रेलवे स्टेशनों पर सामान बेचकर आजीविका चलाने वाले गरीब वेंडरों की गर्दनें अब बलि के खूंटे पर रख दी गयी हैं। उन्हें नीतिगत सुधारों के नाम पर धनी ठेकेदारों से मुकाबला करने को विवश किया जा रहा है। स्वाभाविक तौर पर गरीब वेंडरों को अपने काम और आजीविका से हाथ धोना पड़ेगा।

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सांसद और संसदीय आचार संहिता

System Administrator - 2007-10-20 05:54
गुरुवार को भारतीय संसद के पतन का एक और रिकार्ड उस समय बना जब जद (यू) नेता प्रभुनाथ सिंह और राजद नेता तथा रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव के बीच हाथापाई की नौबत आ गयी। फिर दोनों तरफ के सदस्यों द्वारा उत्पन्न किये गये गाली-ग्लौज और शोर-गुल के माहौल में प्रभुनाथ सिंह ने लोक सभा की सदस्यता से त्यागपत्र भी दे दिया।