ज्ञान पाठक के अभिलेखागार से
राष्ट्रपति चुनाव से उभरे सवाल
सांसदों और विधायकों के मत
2007-10-20 06:54
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कुछ मतदान प्रक्रिया से अलग रहे और कुछ ने मानसिक दिवालियेपन का परिचय दिया
भारत में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपन्न हो गये परन्तु इसने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर सांसदों और विधायकों की भी मति क्यों मारी गयी? वे मतदान करने और नहीं करने के अपने मौलिक अधिकार की बात तो करते रहे, लेकिन क्या लोकतंत्र में मतदान करना उनका मौलिक कर्तव्य नहीं था? अनेक सांसदों और विधायकों ने मानसिक दिवालियेपन की हद तक जाकर उन कारणों के आधार पर मत क्यों दिया जिनका राष्ट्रपति चुनाव से कोई लेना देना नहीं? ऐसे और भी अनेक सवाल हैं जो जवाब मांगते हैं।
भारत में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव संपन्न हो गये परन्तु इसने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिये हैं। सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर सांसदों और विधायकों की भी मति क्यों मारी गयी? वे मतदान करने और नहीं करने के अपने मौलिक अधिकार की बात तो करते रहे, लेकिन क्या लोकतंत्र में मतदान करना उनका मौलिक कर्तव्य नहीं था? अनेक सांसदों और विधायकों ने मानसिक दिवालियेपन की हद तक जाकर उन कारणों के आधार पर मत क्यों दिया जिनका राष्ट्रपति चुनाव से कोई लेना देना नहीं? ऐसे और भी अनेक सवाल हैं जो जवाब मांगते हैं।