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भाजपा उम्मीदवारों की सूची का बड़ा दिखावा कर रही मोदी-शाह की जोड़ी

परन्तु 370 सीटों का मोदी का सपना पूरा होगा या नहीं अभी कहना असंभव
सुशील कुट्टी - 2024-03-15 10:44
क्या केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इन पांच वर्षों में भाजपा के सभी लोकसभा सांसदों पर नजर रख रहे थे? हमारे यशस्वी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में क्या ख़याल है, जो हर 24/7 में 17-18 घंटे काम कर रहे हैं? क्या उन्होंने भाजपा सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों के पीछे भी खोजी कुत्ते लगाये थे जो 2019 के आम चुनावों के लिए चुने गये उम्मीदवार थे? अब, पांच साल बाद, मोदी-शाह की जोड़ी 2024 की सूची से मौजूदा सांसदों को हटा रही है और उनके लिए प्रतिस्थापन ढूंढ रही है। प्रधानमंत्री मोदी को भरोसा है कि '370' का उनका सपना नये और पुराने नामों के मिश्रण से पूरा होगा।

महाराष्ट्र में राजनीतिक परिदृश्य उम्मीद से अधिक जटिल

सीट-बंटवारे के सौदे में गड़बड़ी से हो सकती है महाराष्ट्र की चुनावी लड़ाई प्रभावित
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-03-14 11:32
लोकसभा सीटों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद भारत का दूसरा सबसे बड़ा राज्य महाराष्ट्र, एनडीए गठबंधन (महायुति) और इंडिया ब्लॉक (महा विकास अघाड़ी या एमवीए) के बीच एक जटिल चुनावी लड़ाई की ओर बढ़ रहा है, और इसलिए परिणाम आश्चर्य होने की संभावना है। एनडीए और इंडिया दोनों गुटों को कई बाधाओं के कारण सीट-बंटवारे की व्यवस्था को अंतिम रूप देने में देर हो रही है। राज्य 48 लोकसभा सदस्य भेजता है और दोनों पक्षों के लिए दांव बहुत ऊंचे हैं।

बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा के बीच भीषण चुनावी लड़ाई संभव

उम्मीदवारों की घोषणा के बाद टीएमसी को अभियान में शुरुआती बढ़त
तीर्थंकर मित्र - 2024-03-13 11:32
दस्ताने उतर गये हैं और चुनावी पंजे बाहर आ गये हैं। कांग्रेस के साथ चुनावी गठबंधन की संभावनाओं को खारिज करते हुए, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपनी पार्टी के सभी 42 उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की, जिससे भाजपा, सीपीआई (एम) और कांग्रेस, सभी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर बढ़त हासिल कर ली गयी।

लोकसभा चुनाव में धन खर्च का बन सकता है रिकार्ड

चुनाव आयोग आधिकारिक खर्च सीमा की समीक्षा करे
नन्तू बनर्जी - 2024-03-12 10:49
भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) भले ही संदिग्ध चुनाव प्रचार प्रथाओं, जो पिछले कुछ वर्षों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया को तेजी से भ्रष्ट कर रहा है, को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हो, सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी के व्यवहार को प्रभावित करना या निर्देशित करना उसके लिए आसान नहीं है।

2024 के आम चुनाव नजदीक आते ही हंगामा और भ्रम

उन्मादी भीड़ से दूर सोनिया गांधी ने एक नया रास्ता अपनाया
हरिहर स्वरूप - 2024-03-11 11:32
राज्यसभा चुनाव ने भारत में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, न केवल क्रॉस-वोटिंग के कारण, जैसा कि अतीत में अक्सर होता रहा है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि भाजपा हर संभव सीट हासिल करने की कोशिश कर रही है और हिमाचल प्रदेश में आधिकारिक कांग्रेस उम्मीदवार और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवारों की हार को लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर निराश एवं हतोत्साहित विपक्ष को और अधिक हतोत्साहित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

भाजपा ने अपने अलग हुए सहयोगी पार्टियों के लिए खोले दरवाजे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानते हैं कांग्रेस मुक्त भारत संभव नहीं
अरुण श्रीवास्तव - 2024-03-09 11:45
ठीक 13 महीने पहले, 10 फरवरी, 2023 को, नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में दुस्साहसिक दावा किया था, "एक अकेला सब पर भारी"। उन्होंने यहां तक कहा था कि "एक व्यक्ति कई लोगों के लिए बहुत ज्यादा साबित हो रहा है"। उन्हें अपनी क्षमताओं, निपुणता और राजनीतिक शक्ति पर इतना भरोसा है कि उन्हें आम लोगों को "मोदी की गारंटी" की पेशकश करते हुए सुना गया था।

चुनावी बांड विवरण पर समय सीमा बढ़ाने की एसबीआई की याचिका अनुचित

भाजपा को बचाना मूल उद्देश्य, सर्वोच्च न्यायालय को अनुमति नहीं देनी चाहिए
पी. सुधीर - 2024-03-08 10:44
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से मनमाना बताते हुए रद्द कर दिया था। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि मोदी सरकार को यह फैसला अरुचिकर लगा, इस तथ्य की पृष्ठभूमि में कि चुनावी बांड योजना राजनीतिक भ्रष्टाचार को वैध बनाने के लिए बनायी गयी थी।

चुनावी वायदे: राजनीतिक दलों के दिखावे के खेल को रोकने की प्रणाली चाहिए

आ गया है घोषणापत्रों और उनमें किये गये वायदों की पूर्ति की जांच करने का समय
के रवीन्द्रन - 2024-03-07 11:36
भारतीय चुनाव का मौसम एक जीवंत तमाशा है। रैलियाँ ऊर्जा से भरी होती हैं, रंग-बिरंगे झंडे लहराते हैं, और घोषणापत्र भविष्य के लिए भव्य दृष्टिकोण पेश करते हैं। फिर भी, जश्न के माहौल के नीचे एक परेशान करने वाला सवाल छिपा है: क्या ये वायदे महज़ बयानबाजी का खेल हैं, जिनके हकीकत में बदलने की बहुत कम संभावना है? शायद, अब चुनावी वायदों के लिए एक लोकपाल को संस्थागत बनाने का समय आ गया है - पार्टियों को व्यवहार्यता के लिए जवाबदेह बनाने और उनके वादों पर अमल करने के लिए एक तंत्र को अस्तित्व में लाने का।

सैन्य उपग्रहों की संख्या को लेकर भारत और चीन के बीच बड़ी प्रतिस्पर्धा

राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए भारत में नई संचार तकनीक अनिवार्य
गिरीश लिंगन्ना - 2024-03-06 11:33
तेजी से जटिल होते सुरक्षा परिदृश्य के बीच, चीन और भारत जैसे देश सहित एशिया के कई अन्य देश सम्पूर्ण क्षेत्र के भीतर सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए अपने उपग्रह नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की विश्व में शांति और सुरक्षा बनाये रखने में विफलता

केवल शीघ्र सुधार से ही संयुक्त राष्ट्र ‘लीग ऑफ नेशंस’ जैसी दुर्गति से बच सकेगा
नन्तु बनर्जी - 2024-03-05 10:52
पिछले वर्ष से चल रहे दो विनाशकारी युद्धों - एक यूक्रेन में और दूसरा गाजा पट्टी – में अब तक हजारों नागरिक मारे गये और घायल हुए हैं। कम से कम 10 अन्य देश और क्षेत्र हैं जहां गृह युद्ध, सशस्त्र हिंसा और आतंकवादी हमले वर्षों और यहां तक कि दशकों से मानवीय आपदाओं का कारण बन रहे हैं। इनमें अफगानिस्तान, बर्किना फासो और साहेल, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड और लेक चाड बेसिन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया और यमनी हौथी विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित लाल सागर शामिल हैं।