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हरियाणा की राजनीति में बड़ा बदलाव, लोकसभा और विधानसभा चुनावों पर असर

भाजपा के लिए अशुभ, लेकिन त्रिकोणीय मुकाबले में इंडिया ब्लॉक और राज्य की पार्टियां
डॉ. ज्ञान पाठक - 2024-05-11 11:46 UTC
25 मई को छठे चरण में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए 9 मई को नामांकन वापस लेने से पहले हरियाणा की राजनीति में काफी बदलाव आया। चुनाव की पूर्व संध्या पर भाजपा के मुख्यमंत्री के बदले जाने की पृष्ठभूमि में चुनाव प्रचार शुरू हो गया है। 12 मार्च को एनडीए में फूट पड़ गयी, जिससे सहयोगी दल भाजपा और जेजेपी अलग हो गये, और दो महीने से भी कम समय में राज्य में नायब सिंह सैनी सरकार अल्पमत में आ गयी, जब 7 मई को तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन वापस ले लिया। यह निश्चित रूप से भाजपा के लिए अशुभ है, क्योंकि पार्टी का लक्ष्य राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतना है, जो उसने 2019 के लोकसभा चुनाव में जीती थी। प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार सत्ता चाह रहे हैं इसलिए वह किसी भी सीट का नुकसान बर्दाश्त नहीं कर सकते।

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की जिम्मेदारी त्याग रहा है चुनाव आयोग

सर्वोच्च न्यायालय संस्थान की गरिमा बहाल करने के लिए कदम उठाये
पी. सुधीर - 2024-05-10 10:34 UTC
लोक सभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान 7 मई को समाप्त होने के साथ ही सदन की आधी सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुका है। इससे यह आकलन करने के लिए पर्याप्त अनुभव और समय मिला है कि चुनाव आयोग (ईसी) स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के संचालन की निगरानी कैसे कर रहा है। इस मामले में फैसला तो यही हो सकता है कि यह बुरी तरह विफल रहा है।

हर चरण के मतदान के साथ बढ़ी है आरएसएस और भाजपा के बीच दरार

मोदी खो रहे हैं भाषण की शालीनता पर पकड़ और शाह चुनावी रणनीतियों पर
अरुण श्रीवास्तव - 2024-05-09 11:30 UTC
लोक सभा चुनाव में मतदान के हर चरण के बीतने के साथ आरएसएस और पारंपरिक भाजपा कार्यकर्ताओं और समर्थकों की पीड़ा और अधिक स्पष्ट होती जा रही है, भले ही आरएसएस के शीर्ष नेताओं ने उनकी पीड़ा रहने और भाजपा उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने की कोशिश की हो।

उड़ीसा में राजनीति एक दिलचस्प मोड़ पर

पीएम ने की सरकार गठन के तारीख की घोषणा, पर सीएम भी पीछे नहीं
सुशील कुट्टी - 2024-05-08 10:46 UTC
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन राजनेताओं पर भी हंसते हैं जिनके बारे में आप कभी सोच भी नहीं सकते। उदाहरण के लिए, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, जो गोलार्ध के सबसे शांत राजनेता हैं, और मोदी को दूर-दूर तक उनसे कोई ख़तरा नहीं। लेकिन प्रधान मंत्री मोदी को वह एक प्रतिद्वंद्वी दिखाई देते हैं, तब भी जब वह अपने काम से काम रखते हैं और बड़े पैमाने पर काम कर रहे होते हैं।

बंगाल के राज्यपाल छेड़छाड़ मामले से पल्ला झाड़ने को बेताब

मणिपुर, रेवन्ना पर प्रधान मंत्री के मौन से उनका दोहरा मापदंड उजागर
अरुण श्रीवास्तव - 2024-05-07 11:43 UTC
समसामयिक राजनीति और भारत के विचार में भारी परिवर्तन आया है। ईमानदारी, पारदर्शिता और नैतिकता के सिद्धांतों ने मूल्य और प्रासंगिकता खो दी है। लोकसभा चुनाव के बीच पश्चिम बंगाल में जो हो रहा है, वह उस गिरावट का ही संकेत है। सबसे पहले, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने राजभवन के कर्मचारियों को महिला कर्मचारियों से छेड़छाड़ के मामले में पुलिस पूछताछ का जवाब नहीं देने का निर्देश दिया है। दूसरे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी योजनाबद्ध तरीके से सांप्रदायिक उन्माद भड़का रहे हैं और पीड़ित हिंदू महिला कार्ड खेल रहे हैं। बोस ने राजभवन के कर्मचारियों से बंगाल पुलिस के किसी भी संचार को नजरअंदाज करने के लिए कहा है और उन्हें किसी भी रूप में इस संबंध में बोलने से रोक दिया है।

अप्रत्याशित रुप से राहुल गांधी का मनोबल बढ़ा रहे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी

प्रधान मंत्री पद की दौड़ में एकमात्र विश्वसनीय प्रतिद्वंद्वी के रूप में कर रहे हैं पेश
के रवीन्द्रन - 2024-05-06 10:58 UTC
भले ही प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा की पहचान की राजनीति के एक नये चरण के साथ तालमेल बिठाते हुए, राहुल गांधी पर अपने हमले की तीव्रता बढ़ा दी है, वह गांधी परिवार पर एक बड़ा उपकार कर रहे हैं। ऐसा लगता है कि मोदी ने विपक्षी इंडिया गुट के प्रधानमंत्री पद के चेहरे के मुद्दे को राहुल के पक्ष में सुलझा लिया है।

न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी 2024 के चुनावों में एक बड़ा मुद्दा

केंद्र की भ्रमित नीति से भाजपा प्रत्याशियों को हो रही परेशानी
तीर्थंकर मित्र - 2024-05-04 10:36 UTC
भारत अपने गांवों में बसता है। यद्यपि महात्मा गांधी की कई अन्य बातों की तरह इसे भी अक्सर ध्यान में नहीं रखा जाता है, केंद्र में मौजूद सरकारों ने अब तक गांवों के निवासियों, विशेषकर किसानों के प्रति अपनी दिखावटी सेवा को ही प्रस्तुत किया है, जिसके कारण किसानों और गांववासियों की वास्तविक भलाई नहीं हो पायी है। वे अभी भी दुर्दिन में अपना जीवन यापन करने को विवश हैं।

आंध्र प्रदेश में चुनावी लड़ाई त्रिकोणीय बनाने की कांग्रेस की कोशिश

चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी को दे रही टक्कर
सुशील कुट्टी - 2024-05-03 10:39 UTC
आंध्र प्रदेश में चुनावी बिगुल बज चुका है। 13 मई को विधानसभा और लोकसभा दोनों के लिए मतदान होगा। मुख्य चुनावी लड़ाई मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआरसीपी और पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी के बीच है, जो भारतीय जनता पार्टी और अभिनेता पवन कल्याण की जन सेना के साथ गठबंधन में है। पिछले विधानसभा चुनाव में वाईएसआरसीपी ने लगभग 50 प्रतिशत मत पाया था और 151 सीटें जीती थीं। क्या यह पकड़ बरकरार रहेगी? नायडू की टीडीपी का मानना है कि ऐसा नहीं होगा।

चुनाव की पूर्वसंध्या पर राजनीतिक गिरफ़्तारियों को जायज ठहराने में व्यस्त एजंसियां

सर्वोच्च न्यायालय ने कार्यपालिका द्वारा जीवन और स्वतंत्रता के उल्लंघन का किया उल्लेख
के रवीन्द्रन - 2024-05-02 10:49 UTC
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा राजनीतिक हस्तियों की गिरफ्तारी के समय के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के सवाल ऐसे कार्यों के औचित्य और निहितार्थ के बारे में बढ़ती चिंताओं को उजागर करते हैं, खासकर जब इसे चुनावी कैलेंडर के साथ जोड़ा जाता है। शीर्ष अदालत की चिंताएं राजनीतिक प्रभाव के साधन के रूप में केंद्रीय एजंसियों के संभावित दुरुपयोग की आशंका जताती हैं, जो निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनावों के लोकतांत्रिक लोकाचार को कमजोर कर सकता है।

अमीरों पर कर की बात कर रहे राहुल पर प्रधान मंत्री ने क्यों खड़ा किया बवाल

बढ़ती असमानता पर बहस से बचाव के लिए कांग्रेस घोषणापत्र की विकृत आलोचना
नित्य चक्रवर्ती - 2024-05-01 11:40 UTC
इसपर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अभी भी आम लोगों, विशेषकर हिंदुओं से उनके सोने, अचल संपत्ति और अन्य कड़ी मेहनत से कमायी गयी संपत्ति को कांग्रेस पार्टी द्वारा लूटने और उसे पुनर्वितरण करने की योजना का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी के खिलाफ अपना अभियान जारी रखे हुए हैं। प्रधान मंत्री उस बात के आधार पर आरोप लगा रहे हैं जो कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में नहीं है।