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उत्तर प्रदेश में छठे चरण के मतदान

पूर्वांचल में बसपा का समर्थन सपा के खिलाफ भाजपा को दे सकता है जीवनदान
प्रदीप कपूर - 2022-03-02 11:11
लखनऊः राष्ट्रवाद का भावनात्मक कार्ड खेलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश को सशक्त बनाने और बदलते विश्व परिदृश्य में मजबूत भारत के लिए 3 मार्च को होने वाले छठे चरण के मतदान के दौरान भाजपा के लिए वोट मांगा है। मजबूत नेतृत्व के लिए प्रधानमंत्री के भाषण का रूस-यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में महत्व है जो अभी जारी है।

जब राजनयिक सहयोगी लड़ते हैं, तो पक्ष चुनना नासमझी है

यूक्रेन मुद्दे पर भारत का सतर्कतापूर्वक चलना वांछनीय है
नन्तू बनर्जी - 2022-03-01 10:53
अमेरिकी नेतृत्व वाले नाटो और रूस से जुड़ी युद्ध जैसी स्थिति के सामने यूक्रेन संकट में पक्ष न लेकर भारतीय कूटनीति ने एक महान चरित्र और परिपक्वता दिखाई है। यूक्रेन पर अत्यधिक युद्ध की स्थिति पैदा करने में लगे सभी प्रमुख अभिनेता भारत के कुछ सबसे अच्छे दोस्त हैं। उनमें रूस, अमेरिका, नाटो के सदस्य और, जाहिर है, यूक्रेन शामिल हैं। भारत तनाव को कूटनीतिक रूप से कम करने की पूरी कोशिश कर रहा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहले ही राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बात कर चुके हैं। रूस और यूक्रेन के बीच उच्च तनाव को कूटनीति और चर्चा के माध्यम से तेजी से कम करने की जरूरत है। दोनों पक्षों को अग्नि शक्ति का त्याग करना चाहिए और एक संघर्ष विराम के लिए जाना चाहिए।

पंजाब की राजनीति में बड़ा बदलाव आया

कुछ मिथक टूटे हैं, कुछ और टूटेंगे
अनिल जैन - 2022-02-28 10:44
पंजाब में राजनीतिक और आर्थिक तौर बहुत कुछ बदल गया है। जिस तरह उत्तर प्रदेश के बारे में कहा जाता है कि केंद्र की सत्ता का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है या प्रधानमंत्री तो उत्तर प्रदेश से ही होता है वैसे ही पंजाब के बारे में कहा जाता है कि पंजाब देश का सबसे संपन्न राज्य है। लेकिन यह एक मिथक है। पंजाब अब देश के सबसे संपन्न राज्यों में नहीं रहा, बल्कि सबसे बड़ी गरीब आबादी वाले राज्यों में शामिल हो गया है।

विकास है पर रोजग़ार नहीं

रोजगार पर सरकार श्वेत पत्र जारी करे
कृष्णा झा - 2022-02-26 12:01
फरवरी 21, 2022 की बेरोजगारी दर का आंकड़ा इस नये साल के दूसरे महीने का सबसे अधिक का था, जो 7.89 तक पहंच चुका था। सीएमआईई का यह आंकड़ा तो एक संख्यात्मक अभिव्यक्ति है, हकीकत तो पूरी जिन्दगी को समेटती है, और वहां तो भुखमरी और महामारी से जूझती जनता के लिये शायद ही कोई उम्मीद दीखती हो। करीब -करीब सभी नौजवान, और वो भी जो अब नौजवान नहीं है, बेरोजगारी की चुनौती का सामना कर रहे है, किसी भी स्तर का रोजगार उन्हें मान्य है? चाहे उनकी शिक्षा कितनी ही अधिक हो। आज के किशोर, जो तरुणाई तक पहुंचे भी नहीं हैं, निराशा के गहरे अंधकार में डूबते जा रहे हें। यह दशा पूरे मध्यम और निम्न वर्ग की है। जिन्दगी का पूरा अर्थ ही बदलकर मात्र जीविका की खोज रह गया है। यह कोशिश भी अधिकतर विफल ही होती है। इस बार के बजट में घोषणा की गई कि अगले पाचं सालों में पचास लाख रोजगार की व्यवस्था होगी। इसमें कोई भी नई आशा की किरण नहीं दिखाई देती, वादा बहुत बार दुहराया गया एक छलावा ही लगता है, जिसके पूरा होने की कोई संभावना नहीं है।

प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश चुनावों में चौंका सकती हैं

चौथे चरण के अभियान में अधिक से अधिक महिलाएं भाग ले रही हैं
प्रदीप कपूर - 2022-02-23 09:35
लखनऊः उत्तर प्रदेश में 23 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में प्रियंका गांधी अपनी रणनीति, रोड शो और जनसभाओं से कांग्रेस पार्टी को चौंकाने वाले नतीजे दे सकती हैं। प्रियंका गांधी ने रायबरेली में नेहरू-गांधी के गढ़ को बचाने के लिए बहुत मेहनत की और स्थानीय मतदाताओं को परिवार से पुराने संबंध और विकास के लिए किए गए कार्यों की याद दिलाई. प्रियंका उत्तर प्रदेश में एआईसीसी महासचिव के रूप में चुनाव की प्रभारी हैं।

हिजाब पर विवाद

मुस्लिम पहचान की लड़ाई
उपेन्द्र प्रसाद - 2022-02-22 11:08
हिजाब विवाद का एकाएक उभरकर राष्ट्रीय स्वरूप प्राप्त कर लेना आश्चर्यजनक लग सकता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से मुस्लिम समुदाय जिस माहौल का सामना कर रहा है, उसमें यह अप्रत्याशित नहीं है। 2014 में नरेन्द्र मोदी के सत्ता में आने के बाद देश भर में मुस्लिमों के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है। गौरक्षण आंदोलन हो या लव जिहाद के खिलाफ चलाया गया अभियान, घर वापसी का अभियान हो या सीएए और एनआरसी, भारत के मुस्लिम वह सब कुछ देख रहे थे, जिसे उन्होंने आजादी के बाद कभी नहीं देखा था। अभी कुछ दिन पहले ही तथाकथित धर्म संसदों में तो मुसलमानों के खिलाफ साफ साफ हिंसा की अपील की गई थी। यह सच है कि अपील करने वाले कुछ लोग अभी जेल में बंद हैं। एक पर तो देशद्रोह का ही आरोप लगा हुआ है और कुछ और लोग भी सीखचों के पीछे डाल दिए गए हैं, लेकिन भारत राज्य का उनके खिलाफ जितना कठोर रुख होना चाहिए था, वैसा नहीं देखा गया। उलटे राज्य उनको संरक्षण देता भी दिखाई दे रहा है।

मोदी का यह दावा झूठा है कि वे आपातकाल में भूमिगत होकर काम कर रहे थे!

अपनी नाकामी छिपाने के लिए वे बार बार आपातकाल को याद करते हैं
अनिल जैन - 2022-02-21 15:28
सैंतालीस साल यानी करीब साढ़े चार दशक पुराने आपातकाल के कालखंड को हर साल 25-26 जून को याद किया जाता है, लेकिन पिछले सात-आठ साल से उस दौर को सत्ता के शीर्ष से कुछ ज्यादा ही याद किया जा रहा है। सिर्फ आपातकाल की सालगिरह पर ही नहीं बल्कि हर मौके-बेमौके याद किया जाता है। आपातकाल के बाद से अब तक देश में सात गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री हुए हैं, जिनमें से दो-तीन के अलावा शेष सभी आपातकाल के दौरान पूरे समय जेल में रहे थे (जेल में रहने वालों में अटल बिहारी वाजपेयी का नाम भी शामिल किया जा सकता है, हालांकि उन्हें कुछ ही दिन जेल में रहना पड़ा था। बाकी समय उन्होंने पैरोल पर रहते हुए बिताया था) लेकिन उनमें से किसी ने भी कभी आपातकाल को इतना ज्यादा और इतने कर्कश तरीके से याद नहीं किया जितना कि मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते रहते हैं।

उत्तर प्रदेश और केरल के तुलना करें फिर वोट डालें

केरल में क्या है, जो यूपी में नहीं है
बिनय विश्वम - 2022-02-19 11:04
जब से उत्तर प्रदेश में चुनावी लड़ाई की शुरुआत हुई तब से ही आरएसएस-भाजपा के बड़े नेता अपने राजनीतिक भविष्य के लिए चिंतित हैं। हालांकि उत्तराखंड, पंजाब, मणिपुर और गोवा में भी चुनाव हो रहे हैं, पर संघ परिवार के प्रमुख उत्तर प्रदेश के बारे में ज्यादा उत्कंठित हैं। उनका विश्वास है कि उत्तर प्रदेश के चुनावी नतीजों का असर 2024 के महासंग्राम पर पडे़गा। अतः वे संसाधनों, समय और ऊर्जा का बड़ा भाग उत्तर के विशाल राज्य को समर्पित कर रहे हैं। शुरुआत में मोदी-योगी-अमितशाह तिकड़ी ने सोचा कि उत्तर प्रदेश के चुनाव आसान है। उन्हें भारी जीत मिल जाएगी। जब उन्हांने देखा कि विपक्ष संगठित नहीं है तब संघ परिवार के खेमे का विश्वास आसमान की ओर था और वे योगी काल की निरंतरता की बात कर रहे थे।

मणिपुर विधानसभा चुनाव में कड़ी मेहनत कर रहा कांग्रेस-वाम गठबंधन

भाकपा कमजोर कांग्रेस से कुछ और सीटें ले सकती थी
सागरनील सिन्हा - 2022-02-18 10:43
मणिपुर विधानसभा चुनाव के लिए मतदान दो चरणों में 28 फरवरी और 5 मार्च को होना है। कांग्रेस ने चार वाम दलों के साथ एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर चुनावी गठबंधन के लिए समझौता किया है। अभियान तेज कर दिया गया है और वामपंथी कार्यकर्ता भाजपा की हार के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. दूसरी ओर, भाजपा ने इस 60 सदस्यीय विधानसभा में अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए भारी संसाधन जुटाए हैं।

यूपी में तीसरे चरण के मतदान में जाति समीकरण की अहम भूमिका

मूड अखिलेश के पक्ष में लेकिन बीजेपी के पास हैं संसाधन
प्रदीप कपूर - 2022-02-17 16:03
लखनऊः उत्तर प्रदेश में पहले दो चरणों के मतदान के दौरान समाजवादी पार्टी और गठबंधन को अपने पक्ष में गए रुझान का लाभ मिलेगा, लेकिन 20 फरवरी को होने वाले तीसरे चरण के मतदान में अखिलेश यादव को यादव भूमि और बुंदेलखंड में भाजपा से कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।