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कोविशील्ड पर असमंजस में लोग

सरकार की सफाई ने भ्रम और भी बढ़ाया है
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-05-18 09:57 UTC
मोदी सरकार कोरोना संकट शुरू होने के साथ ही बहुत ही गैरजिम्मेदारान तरीके से इसे हैंडल कर रही है। शुरू में ही लॉकडाउन का जिम्मा उसे राज्य सरकारों को देना चाहिए था और जहां जरूरत थी, वहीं लॉकडाउन लगाना चाहिए था, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने एक साथ ही पूरे देश में लॉकडाउन घोषित कर दिया और उसके साथ जो समस्याएं आने वाली थी, उसके बारे में कुछ भी सोचना जरूरी नहीं समझा। केन्द्र सरकार ने गड़बड़ियों का एक लंबा सिलसिला शुरू किया, जो अभी भी जारी है। पांच राज्यों में चुनाव को लंबा खींचवाना और कुम्भ की इजाजत देना केन्द्र सरकार के ऐसे दो कदम हैं, जिनके कारण देश में कोरोना की दूसरी बहुत ही भयानक लहर उठी और उसमें करोड़ों परिवार तबाह हो गए। इसके लिए दुनिया भर में नरेन्द्र मोदी निंदा हो रही है। लापरवाही और गैरजिम्मेदारी यही तक सीमित नहीं है।

शर्म निरपेक्ष सत्ता की संवेदना के मरने का ऐलान करते बयान

भागवत अब मोदी के पिछलग्गू हो गए हैं
अनिल जैन - 2021-05-17 11:03 UTC
एक तरफ दुनिया के तमाम छोटे-बडे़ और अमीर-गरीब सभ्य देश हैं, जिन्होंने भारत में कोरोना महामारी के चलते अस्पतालों में मरीजों की भीड, ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं के अभाव में असमय दम तोड रहे लोगों, श्मशान में अंतिम संस्कार के लिए लगी कतारों, जलती चिताओं से उठती लपटों, नदियों में तैर रही इंसानी लाशों पर मंडराते चील-कौवों की तस्वीरे देख कर सच्ची संवेदना दिखाई है और मदद का हाथ आगे बढ़ाया है। तो दूसरी ओर भारत में केंद्र सरकार, सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ओर से लगातार मगरूरी भरे ऐसे बयान आ रहे हैं, जो लोगों के जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं।

यूपी पंचायत चुनाव के नतीजों के संदेश

अगले विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हराया जा सकता है
प्रदीप कपूर - 2021-05-15 10:14 UTC
लखनऊः पंचायत के नतीजों के बाद भाजपा की प्रमुख जिलों में अपमानजनक हार का सामना करने के बाद विपक्ष उत्साहित है।

एक ठोस डेटा संरक्षण प्रणाली की आवश्यकता है

भारत सही राह पर है, लेकिन धीमी गति से आगे बढ़ रहा है
आशीत कुमार श्रीवास्तव - 2021-05-13 09:50 UTC
यह 2017 था, जब सुप्रीम कोर्ट ने के.एस. पुट्टस्वामी केस में निजता के अधिकार को मौलिक अधिकारों के एक भाग के रूप में मान्यता दी। इसके अलावा, यह भी महसूस किया कि डिजिटल गोपनीयता स्थानिक गोपनीयता जितना ही हत्वपूर्ण है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और संजय किशन कौल सम्मानजनक उल्लेख के पीठ ने यह फैसला सुनाया था।

विश्वास मत खोने के बावजूद नेपाल के पीएम कुर्सी नहीं छोड़ रहे

राजनैतिक अस्थिरता जारी रहेगी
बरुन दास गुप्ता - 2021-05-12 10:26 UTC
जो अपरिहार्य था, वह हो गया है। नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली सोमवार को संसद में विश्वास मत को 93 मतों के खिलाफ 124 मतों से हार गए। लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया है जबकि न्याय की मांग यही थी कि वे गद्दी छोड़ देते। मतदान के तुरंत बाद, राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी ने संसद सत्र के अवसान की घोषणा कर दी। ओली ने संसदीय बहुमत खो दिया, क्योंकि पुष्पा कमल दहल उर्फ प्रचंड के नेतृत्व वाले नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के दूसरे गुट ने अपने गुट का समर्थन वापस ले लिया था।

कोविड-19 की दूसरी लहर रोजगार समाप्त कर रही है

आर्थिक सुधार तबाह हो गया है और जीडीपी सिकुड़ रहा है
ज्ञान पाठक - 2021-05-11 11:26 UTC
फरवरी 2021 से शुरू हुई कोविड 19 की दूसरी लहर न केवल भारत में आर्थिक सुधार को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है, बल्कि इससे जीडीपी में संकुचन का भी खतरा है और इसके परिणामस्वरूप बेरोजगारी में तेज उछाल आया है। एसएंडपी के मध्यम और गंभीर नकारात्मक परिदृश्य ने भारत के विकास के लिए 1.2 - 2.8 प्रतिशत अंक का अनुमान लगाया है, और नवीनतम सीएमआईई की 30-दिवसीय चलती औसत बेरोजगारी की दर 9 मई 2021 को 8.2 प्रतिशत है, जो 2.5 प्रतिशत की वृद्धि है पिछले महीने की तुलना में।

बाजार और कालाबाजार

क्या यही भारत की नियति है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-05-10 12:24 UTC
भारत में हम दो बड़ी घटनाओं के प्रत्यक्षदर्शी हैं। एक घटना तो कोरोना संकट है, जिसका सामना करने में सरकार न केवल विफल रही है, बल्कि इस संकट का समाधान करने की जगह उसने इस आपदा को अवसर के रूप में इस्तेमाल करने की नीति बनाई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इसे कई बार कह भी चुके हैं कि यह अपदा उनके लिए अवसर है। वे शब्दों का जाल फेंकते हुए वे कहते हैं कि इस आपदा का इस्तेमाल वे भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कर रहे हैं, लेकिन आत्मनिर्भर से उनका मतलब क्या है, इसे वे कभी भी स्पष्ट नहीं करते। वैसे एक आम समझ वाली व्यक्ति देश की आत्मनिर्भरता से यही अर्थ लगाता है कि हमारा देश अब विदेशों पर निर्भर नहीं रहेगा।

अगर विश्वसनीय विकल्प हो तो भाजपा को हराया जा सकता है

केरल ने भारी बहुमत से जीत दर्ज कर रास्ता दिखाया है
बिनॉय विश्वम - 2021-05-08 09:35 UTC
जब संघ परिवार के प्रचार तंत्र कोविड संकट के दौरान मोदी का महिमागान कर रहे थे, पांच भारतीय राज्यों के लोगों ने तब एक अलग कहानी लिखी। वे अपना फैसला लेकर आए। ये राज्य देश के दक्षिण, पूर्व और पूर्वोत्तर क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी प्रतिक्रिया भारत के समकालीन इतिहास पर समग्र रूप से निर्विवाद प्रभाव छोड़ती है। बेशक, चुनावी नतीजों की प्रकृति सभी पांच राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों में समान नहीं थी। लेकिन लोगों के फैसले का निष्कर्ष काफी हद तक भाजपा के लालची खेल योजना के लिए एक गंभीर झटका था। भाजपा को केरल, तमिलनाडु और बंगाल में एक स्पष्ट निहितार्थ का सामना करना पड़ा और उस आघात की भरपाई असम और पांडिचेरी में छोटी जीत से नहीं की जा सकती है। लोगों द्वारा भाजपा से जुड़े अजेयता टैग को फाड़ दिया गया।

पंचायत चुनावों में बीजेपी को तगड़ा झटका

अयोध्या, वारणसी और मथुरा - सभी जगह पार्टी हारी
प्रदीप कपूर - 2021-05-07 10:44 UTC
लखनऊः जिला पंचायत चुनाव में अयोध्या, वाराणसी (काशी) और मथुरा में हारने पर भाजपा को तगड़ा झटका लगा। सत्तारूढ़ पार्टी के लिए इससे ज्यादा चौंकाने वाली बात क्या हो सकती है कि वह इन तीन हिंदू गढ़ों में हार गई। बीजेपी ने अयोध्या के नाम पर हिंदुत्व की लहर पर सवार होकर इतने सारे चुनाव जीते, जहां एक भव्य मंदिर बनाया जा रहा है।

भाजपा की असली हार बंगाल में नहीं, यूपी में हुई है

किसान आंदोलन ने बीजपी के पैरों के नीचे की मिट्टी खिसका दी है
उपेन्द्र प्रसाद - 2021-05-07 06:00 UTC
बंगाल की अपनी हार को भी भाजपा जीत बता सकती है, क्योंकि उसने अपना आंकड़ा 3 से बढ़ाकर 77 कर लिया। लेकिन उत्तर प्रदेश के पंचायती राज चुनावों में भाजपा अपनी हार का विश्लेषण किस प्रकार करेगी? वहां ग्राम पंचायतों के प्रधानों और ब्लॉक विकास समितियों के सदस्यों का चुनाव पार्टी सिंबॉल पर नहीं होते, लेकिन जिला विकास परिषद के सदस्यों के चुनाव पार्टी के सिंबॉल पर ही होते हैं और भारतीय जनता पार्टी समेत सभी राजनैतिक दल जिला पंचायतों के चुनाव पार्टी के स्तर पर ही लड़ रहे थे।