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'नरसंहार की अर्थव्यवस्था' रिपोर्ट ने खोली इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध का राज

संयुक्त राष्ट्र के दस्तावेज ने उठायी वैश्विक कंपनियों की भूमिका पर उंगली
रैमज़ी बरौद - 2025-07-10 10:58 UTC
लंदन: अधिकृत फ़िलिस्तीन में मानवाधिकारों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र की विशेष रिपोर्टर, फ्रांसेस्का अल्बानीज़, सत्ता के सामने सच बोलने की अवधारणा की एक मिसाल हैं। यह "शक्ति" इज़राइल या संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा नहीं, बल्कि एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा विहित है जिसकी सामूहिक प्रासंगिकता गाजा में चल रहे नरसंहार को रोकने में दुखद रूप से विफल रही है।

केरल में राज्यपाल-सरकार टकराव में नया मोड़

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री के रुख का समर्थन किया
पी. श्रीकुमारन - 2025-07-09 11:22 UTC
तिरुवनंतपुरम: केरल के राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर द्वारा आयोजित समारोहों में भगवा ध्वज लिए भारत माता की छवि प्रदर्शित करने को लेकर राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच गतिरोध ने एक नया मोड़ ले लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि राजभवन में आयोजित आधिकारिक कार्यक्रमों के दौरान केवल राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रीय प्रतीक ही प्रदर्शित किये जायें।

भारत को रक्षा व्यय में पर्याप्त वृद्धि करने की आवश्यकता

रक्षा पर भारी खर्च कर रही हैं वैश्विक सैन्य शक्तियां
नन्तू बनर्जी - 2025-07-08 11:21 UTC
यह विश्वास करना कठिन है कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आधार पर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और एक प्रमुख सैन्य शक्ति भारत का रक्षा व्यय जीडीपी के प्रतिशत के रूप में कुवैत और ग्रीस जैसे छोटे-छोटे देशों से भी कम है। दक्षिण एशियाई क्षेत्र में चीन के साथ जटिल भू-राजनीतिक स्थिति के मद्देनजर कहा जा सकता है कि भारत अपनी रक्षा पर पर्याप्त खर्च नहीं कर रहा है, जबकि उसका नंबर 1 दुश्मन चीन लगातार बांग्लादेश, श्रीलंका, मालदीव, पाकिस्तान और नेपाल पर अपने बढ़ते आर्थिक और सैन्य नियंत्रण के साथ भारत को घेर रहा है, जिससे भारत पर चीन का खतरा बढ़ता जा रहा है।

9 जुलाई को अखिल भारतीय मज़दूर हड़ताल एक निर्णायक दौर होगा

विवादस्पद चार श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन का भाग्य दांव पर
डॉ. ज्ञान पाठक - 2025-07-07 11:02 UTC
देश भर के औद्योगिक क्षेत्रों से मिल रहे सभी संकेत बताते हैं कि 9 जुलाई, 2025 को अखिल भारतीय मज़दूर हड़ताल एक निर्णायक दौर होगा, जिसके परिणाम, चाहे अच्छे हों या बुरे, मज़दूर संघों और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार दोनों को ही भुगतने होंगे और उनसे निपटना होगा। इस आम हड़ताल की सफलता या विफलता चार विवादास्पद श्रम संहिताओं के क्रियान्वयन का भाग्य तय कर सकती है, जिन्हें फिलहाल रोक रखा गया है, लेकिन केंद्र उन्हें जल्द से जल्द लागू करना चाहता है।

आरएसएस और भाजपा ने 1975 के आपातकाल के खिलाफ लड़ाई नहीं लड़ी

नरेंद्र मोदी के 11 साल के शासन ने भी लोकतंत्र और मानवाधिकारों पर किया आघात
डॉ. राम पुनियानी - 2025-07-05 10:34 UTC
जून 2025 में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के अधीन देश ने आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ मनायी, जिसे इंदिरा गांधी ने 1975 में लगाया था। इस अवधि के बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, जब कई लोकतांत्रिक स्वतंत्रताएं निलंबित कर दी गयी थीं, हजारों लोगों को जेल में डाल दिया गया था और मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। इस अवधि को कुछ दलित नेता बहुत अलग तरीके से देखते हैं, जो पिछले दशक में इंदिरा गांधी द्वारा उठाये गये क्रांतिकारी कदमों जैसे बैंकों के राष्ट्रीयकरण और प्रिवी पर्स को खत्म करने को याद करते हैं। अब, जबकि बहुत कुछ लिखा जा चुका है, तब उसका नये सिरे से विश्लेषण किया जाना चाहिए।

मतदाता सूचियों का विशेष गहन पुनरीक्षण वर्तमान स्वरुप में अनुमति देने योग्य नहीं

चुनाव आयोग द्वारा की जा रही यह कवायद घुसपैठ के बहाने ध्रुवीकरण को बढ़ावा देगी
पी. सुधीर - 2025-07-04 10:36 UTC
संसदीय लोकतंत्र की आत्मा स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने की आवश्यक प्रक्रिया में निहित है - एक ऐसी प्रक्रिया जो सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर सुनिश्चित करती है। इस विशेषता के कारण, संसदीय लोकतंत्र को अक्सर चुनावी लोकतंत्र माना जाता है। यह अकारण नहीं है कि संविधान सभा, जिसने 26 जनवरी, 1950 को संविधान को अपनाने से पहले दो साल तक विचार-विमर्श किया था, ने विधान सभाओं और संसद के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के विभिन्न पहलुओं को अत्यंत विस्तृत तरीके से संबोधित किया था।

ट्रम्प के टैरिफ बम कारगर नहीं होते, नवीनतम 500% का भी होगा वही हश्र

अमेरिकी राष्ट्रपति की धमकियों का अंत टांय टांय फिस्स
के रवींद्रन - 2025-07-03 11:50 UTC
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा वैश्विक आर्थिक युद्ध के मैदान में नवीनतम हमला - रूस के साथ व्यापार करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत टैरिफ लगाने का प्रस्ताव है। यह एक पैटर्न की निरंतरता को दर्शाता है जो उनकी व्यापार कूटनीति को परिभाषित करता है: साहसिक, धमाकेदार घोषणाओं के बाद रणनीतिक रूप से पीछे हटना।

आपातकाल का सर्वाधिक निदंनीय पहलू था सेंसरशिप

अधिकारियों ने की प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के भाषण की रिपोर्टिंग पर भी आपत्ति
एल.एस. हरदेनिया - 2025-07-02 11:14 UTC
वर्ष 1975 के जून माह में देश में आपातकाल लागू कर दिया गया था। आपातकाल का सर्वाधिक निदंनीय पहलू सेंसरशिप था। आपातकाल के दौरान मैं अंग्रेजी समाचार पत्र ‘दैनिक हितवाद’ में राजनीतिक रिपोर्टिंग करता था। सेंसरशिप के कुछ अनुभवों तथा घटनाओं का विवरण पेश है।

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन वैश्विक दक्षिण में भारत की छवि चमकाने का अवसर

प्रधानमंत्री विकासशील देशों का नेतृत्व करने में अधिक सक्रिय भूमिका निभायें
नित्य चक्रवर्ती - 2025-07-02 10:42 UTC
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने 6 और 7 जुलाई को ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में होने वाली ब्रिक्स की बैठक में वैश्विक दक्षिण के हितों के रक्षक के रूप में भारत की छवि को बेहतर बनाने का कठिन काम है। इस बैठक में वे भाग लेंगे। 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन की मेज़बानी ब्राज़ील करेगा और इसका मुख्य विषय ‘अधिक समावेशी और सतत शासन के लिए वैश्विक दक्षिण सहयोग को मज़बूत करना’ होगा। इस व्यापक विषय के अलावा, चर्चाएँ आतंकवाद के विरुद्ध वैश्विक लड़ाई और गाजा में इज़रायली नरसंहार से संबंधित होंगी, जिसकी ब्रिक्स के अधिकांश सदस्यों ने कड़ी निंदा की है।

मोदी-भागवत मतभेद के कारण नये भाजपा अध्यक्ष के चयन में और देरी संभव

प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का अधिक ध्यान बिहार विधानसभा चुनाव जीतने पर
अरुण श्रीवास्तव - 2025-07-01 11:15 UTC
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ 2025 में दशहरा के दिन अपना शताब्दी वर्ष मनायेगा। हिंदुओं में सौ वर्ष की आयु प्राप्त करना सबसे शुभ उपलब्धि है। एक संगठन के रूप में आरएसएस तथा उसके हिंदू दर्शन और उसकी राजनीति के लिए भी इसका महत्व है। इस उपलब्धि को प्राप्त करना किसी संगठन के लिए वास्तव में ऐतिहासिक उपलब्धि है। अधिकांश संगठन तो अपनी शताब्दी के करीब पहुंचने से पहले ही पतन की ओर अग्रसर हो जाते हैं या यहां तक कि विघटित हो जाते हैं। परन्तु आरएसएस अपनी राजनीतिक शाखा भाजपा के माध्यम से भारत पर शासन कर रहा है।