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बिहार विधानसभा चुनाव: बुरे फंसे रामविलास

उपेन्द्र प्रसाद - 2020-09-21 09:31 UTC
बिहार में गठबंधन और महागठबंधन की कोशिशें जारी हैं। कौन पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी, यह तो स्पष्ट नहीं ही है और इसके साथ यह भी स्पष्ट नहीं है कि कुछ जाति आधारित छोटी पार्टियां किसी गठबंधन का हिस्सा हो भी पाएगी या नहीं। इन जाति आधारित छोटी पार्टियों में आज सबसे खराब दशा रामविलास पासवान की लोकजनशक्ति पार्टी की चल रही है। उसके सुप्रीमो रामविलास खुद अस्वस्थ होकर दिल्ली के एक पंचसितारा अस्पताल में भर्त्ती हैं। भर्त्ती हुए तीन सप्ताह से भी ज्यादा हो चुके हैं। उनके बेटे, जिसे उन्होंने पार्टी का अध्यक्ष बना दिया है, गठबंधन की राजनीति में अपनी ताकत बढ़ाने के लिए बयानबाजी कर रहे थे। रणनीति के तहत वे नीतीश कुमार की आलोचना पर आलोचना किए जा रहे थे। इस बीच वे ध्यान रखते थे कि कहीं गलती से भी उनके मुह से भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ कुछ निकल न जाय।

66 लाख सफेदपोश पेशेवर हुए बेरोजगार

यह पिछले 4 महीनों में ही हुआ
सात्यकी चक्रवर्ती - 2020-09-19 10:21 UTC
इंजीनियर, चिकित्सक, शिक्षक सहित अनुमानित 6.6 मिलियन सफेद कॉलर पेशेवर नौकरियां मई और अगस्त के बीच में समाप्त हो गईं। 2016 के बाद से रोजगार अपने न्यूनतम स्तर पर है। पिछले चार वर्षों में रोजगार के मोर्चे पर जो उपलब्धियां थीं, वे भी अब समाप्त हो चुकी हैं। सेंटर फॉर मानिटरिंग आफ इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट के अनुसार इसी अवधि में 50 लाख औद्योगिक मजदूर जॉब से बाहर हो गए। यानी कुल मिलाकर एक करोड़ 16 लाख लोग इस अवधि में बेरोजगार हो चुके हैं।

छोटे किसानों की कीमत पर खेती का कॉर्पोरेटीकरण

मोदी सरकार देश की खाद्य सुरक्षा खतरे में डाल रही है
प्रकाश कारत - 2020-09-18 10:10 UTC
जब से जून में कृषि और विपणन से संबंधित तीन अध्यादेशों को लागू किया गया था, किसान संगठन और किसान अपने अधिकारों पर गंभीर हमले का विरोध कर रहे हैं। संसद सत्र की पूर्व संध्या पर, हरियाणा, पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बड़े विरोध प्रदर्शन हुए हैं।

मध्यप्रदेश में उपचुनावों के लिए हो रहे हैं धुंआधार प्रचार

भाषा की मर्यादा का हो रहा है जमकर उल्लंघन
एल एस हरदेनिया - 2020-09-17 10:42 UTC
हालांकि मध्य प्रदेश में 27 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान की तारीखों का ऐलान होना बाकी है, लेकिन कांग्रेस और बीजेपी दोनों ने पूरे जोर शोर के साथ प्रचार अभियान शुरू कर दिया है। कांग्रेस प्रमुख कमलनाथ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उन निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं जहां उपचुनाव होंगे। इस मामले में ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उन दोनों से पीछे नहीं हैं। वे सभी कोरोना मानदंडों का पालन करते हुए जनसभाओं को संबोधित करने का दावा कर रहे हैं। पर जनसभाओं में जाने वाले लोगों को मास्क पहने और दूरी बनाए रखते नहीं देखा जाता है। अपने भाषणों के दौरान, वे अस्वाभाविक रूप से उत्तेजक भाषा का उपयोग कर रहे हैं। उदाहरण के लिए कमलनाथ ने सिंधिया को गद्दार बताया और सिंधिया ने कहा कि असली गद्दार कमलनाथ हैं जिन्होंने कांग्रेस के “वचन पत्र” में दिए गए वादों को लागू नहीं किया।

सीमा पर तनाव

आज चीन भारत से युद्ध करने की स्थिति में नहीं है
बरुन दास गुप्ता - 2020-09-16 15:31 UTC
किसी सेना की रक्षात्मक या आक्रामक क्षमता का निर्धारण न केवल उसके पास मौजूद सैनिकों की संख्या से, बल्कि उसके पास मौजूद हथियारों के प्रकार और सेना, नौसेना और वायु सेना में जवानों के पुरुषों के कौशल और सबसे अपने हथियार को संभालने की क्षमता से होता है। यह देश के औद्योगिक आधार पर भी निर्भर करता है, इसकी अर्थव्यवस्था (क्योंकि युद्ध किसी देश के संसाधनों पर भारी मांग करता है) और अंत में, लोगों के मूड पर भी निर्भर काता है कि युद्ध होने की स्थिति में वे अपनी सरकार का कितना उत्साह से समर्थन कर रहे हैं।

बिहार विधानसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन

तेजस्वी के लिए अकेला जाना ही होगा फायदेमंद
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-09-15 10:00 UTC
बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा कभी भी अब हो सकती है, लेकिन विपक्ष अभी तक गठबंधन की प्रक्रिया भी शुरू नहीं कर पाया है। पिछले चुनाव में राजद, जदयू और कांग्रेस ने एक गठबंधन किया था, जिसे महागठबंधन कहा गया था। अभी भी नाम वही है, लेकिन उसमे महागठबंधन जैसा कुछ भी नहीं है। जदयू उससे बाहर जा चुका है और पिछले लोकसभा चुनाव में राजद, कांग्रेस, हम, वीआईपी और आरएलएसपी ने आपस में गठबंधन किया था और उस गठबंधन को भी महागठबंधन कहा था। कथित महागठबंधन ने एक सीट सीपीआई(एमएल) के लिए छोड़ दी थी।

हिन्दी की इस रात की सुबह कब होगी?

भाषा की गुलामी बाकी तमाम गुलामियों में सबसे बडी है
अनिल जैन - 2020-09-14 11:05 UTC
भाषा की गुलामी बाकी तमाम गुलामियों में सबसे बडी होती है। दुनिया में जो भी देश परतंत्रता से मुक्त हुए हैं, उन्होंने सबसे पहला काम अपने सिर से भाषाई गुलामी के गट्ठर को उतार फेंकने का किया है। यह काम रूस में लेनिन ने, तुर्की में कमाल पाशा ने, इंडोनेशिया में सुकर्णो ने और एशिया, अफ्रीका तथा लातिनी-अमेरिकी देशों के दर्जनों छोटे-बडे देशों ने किया है। लेकिन भारत में जैसा भाषायी पाखंड जारी है, वैसा कहीं और देखने-सुनने में नहीं आता। बीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध तक गुलाम रहे देशों में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है, जो अपनी आजादी के सात दशक बीत जाने के बाद भी भाषा के स्तर पर किसी भी मौजूदा गुलाम देश से ज्यादा गुलाम है।

भारत के आर्थिक मोर्चे पर दो बड़े संकट

इस बीच मोदी सरकार लोकतंत्र पर संकट बढ़ा रही है
प्रकाश कारत - 2020-09-12 10:26 UTC
कुछ दिनों के अंतराल में महामारी और अर्थव्यवस्था से संबंधित दो घटनाएं घटी हैं, जो चिंताजनक हैं। भारत ब्राजील को पछाड़कर दुनिया में कोविद -19 मामलों की दूसरी सबसे बड़ी संख्या वाला देश बन गया। इससे पहले यह खबर आई थी कि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी में 24 फीसदी की कमी आई थी। यह दुनिया की 25 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में सबसे बड़ी गिरावट है।

प्रियंका ने प्रदेश में कांग्रेस को लड़ने लायक बना दिया है

कार्यकर्त्ता राहुल और प्रियंका में किसी एक को पार्टी अध्यक्ष के रूप में देखना चाहते हैं
प्रदीप कपूर - 2020-09-11 10:36 UTC
लखनऊः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपनी आक्रामक मुद्रा के साथ अपनी पार्टी को उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्ष बनाने में कामयाबी हासिल की है। महामारी के दौरान उनके जमीनी स्तर के काम ने पार्टी के मनोबल को बढ़ाने के साथ-साथ 2022 में होने वाले अगले विधानसभा चुनावों में पार्टी की चुनावी संभावनाओं को भी बढ़ाया है।

मोदी अपनी और देश की वाहवाही करने का मौका नहीं खोते

लेकिन समय और वक्त का ध्यान नहीं रखते
के रवीन्द्रन - 2020-09-10 10:26 UTC
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के भारत को दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्थान बनाने के जुनून की उनके आलोचकों द्वारा भी सराहना की जाती है। लेकिन कई बार, उनके संकल्प की अभिव्यक्ति अक्सर अजीब लगती है क्योंकि उसका समय गलत होता है। उनमें अपनी खुद की गलतियों को नहीं मानने की जबर्दस्त जिद भी है। दोनों को मिलकार उनका चरित्र विचित्र बन जाता है।