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संधवाद पर हो रहा है कुठाराघात

मौजूदा सरकार देश को एकात्मक राज्य की ओर ले जा रही है
प्रभात पटनायक - 2020-10-03 10:06 UTC
संघवाद भारतीय संविधान की मूल विशेषताओं में से एक है। संविधानसभा में प्रोफेसर केटी शाह ‘फेडरल’ शब्द को ‘सेक्युलर’ शब्द के साथ ही प्रस्तावना में शामिल करना चाहते थे, लेकिन डॉ अंबेडकर ने इसे इस आधार पर खारिज कर दिया कि गणतंत्र के संघीय और धर्मनिरपेक्ष चरित्र तो संविधान में अंतर्निहित था। सातवीं अनुसूची में संविधान ने केंद्र और राज्यों के अधिकार क्षेत्र को दो सूचियों में और सामान्य क्षेत्राधिकार के क्षेत्रों को एक तीसरी सूची में शामिल किया। तब से केंद्र ने हमेशा राज्यों के डोमेन का अतिक्रमण करने की कोशिश की है, लेकिन इस प्रवृत्ति ने अब एक ताकत हासिल कर ली है, जहां दावा किया जा सकता है कि देश को एकात्मक राज्य की ओर धकेला जा रहा है और यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है।

गांधीजी के कुछ विचार जो आज भी प्रासंगिक हैं

‘क्लब’ कांग्रेस को उन्होंने एक ताकतवर संगठन बना दिया था
एल एस हरदेनिया - 2020-10-01 16:28 UTC
वर्ष 2019, 2 अक्टूबर से वर्ष 2020, 2 अक्टूबर तक सारे देश क्या, सारी दुनिया को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनानी थी। जयंती मनाने के लिए जबरदस्त तैयारियां हो चुकी थीं। परंतु कोरोना के हमले के कारण ये सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। यदि सब कुछ सामान्य रहा होता तो 2 अक्टूबर को सारे देश में जयंती के आयोजनो का समापन अनेक कार्यक्रमों से होता।

कांग्रेस ने भाजपा के दलबदलुओं को भी टिकट दिया

बीजेपी ने संगठनात्मक फेरबदल में प्रदेश के एससी और एसटी नेताओं को महत्व दिया
एल एस हरदेनिया - 2020-09-30 10:13 UTC
भोपालः कांग्रेस सरकार को गिराने के लिए दलबदल और दलबदलुओं को दोष देने के बावजूद कांग्रेस ने आगामी उपचुनाव के लिए दलबदलुओं को अपने उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है। उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा करते हुए कांग्रेस ने उपचुनाव के लिए चार दलबदलुओं को अपने टिकट आवंटित किया। भाजपा छोड़ने के बाद चारों उम्मीदवार कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

उत्तर प्रदेश में बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रहे हैं विपक्षी दल

प्रियंका इस मांग को सबसे ज्यादा सशक्त तरीके से उठा रही हैं
प्रदीप कपूर - 2020-09-29 09:37 UTC
लखनऊः उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में विपक्षी नेताओं को बेरोजगारी के मुद्दे की संभावना का एहसास हो गया है।

कोविड नियंत्रण पर सरकार का झूठा दावा खतरनाक

भारत में कोरोना का प्रसार दुनिया में सबसे तेज
के रवीन्द्रन - 2020-09-28 11:15 UTC
कोविड -19 पर नकारात्मक खबरों से बचने के लिए विपक्षी दल मोदी सरकार की आलोचना कर रहे हैं। लेकिन पार्टियों से ज्यादा, खासकर राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से इस मसले पर पॉइंट स्कोर करने की कोशिश कर रहे हैं। इस मुद्दे ने अब वैश्विक पेशेवर संस्थाओं का भी ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है।

कोरोना काल का बिहार विधानसभा चुनाव

क्या मोदी-नीतीश के खिलाफ असंतोष का लाभ उठा पाएंगे तेजस्वी?
उपेन्द्र प्रसाद - 2020-09-26 16:16 UTC
भारत के निर्वाचन आयोग ने बिहार विघानसभा के आमुचनाव की तारीखों की घोषणा कर दी है। एक अक्टूबर से शुरू होकर 10 नवंबर तक चुनाव की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और 10 नवंबर को ही पता चल जाएगा कि वहां फिर किसकी सरकार बननी है। चूंकि यह चुनाव कोरोना काल में हो रहा है और लोगो में इस महामारी का खौफ बिहार के मतदाताओं के ऊपर भी है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि मतदान का प्रतिशत कितना होता है। वैसे यदि आंकड़ों को देखा जाय, तो बिहार में कोरोना का संक्रमण राष्ट्र के औसत संक्रमण से कम है। हालांकि कुछ लोग इस बात पर आश्चर्य कर रहे हैं कि जब पड़ोसी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बंगाल में कोरोना का संक्रमण बहुत ज्यादा है, तो बिहार में यह कम क्यां है?

संसदीय पाप को उपवास के नाटक से छुपाने का प्रयास

उनका समाजवादी होने का दावा भी गलत है
अनिल जैन - 2020-09-25 10:12 UTC
राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश नारायण सिंह का राष्ट्रपति को लिखा पत्र और उनका एक दिन का उपवास ‘ऐतिहासिक घटना’ के तौर पर मीडिया में छाया हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हरिवंश नारायण के पत्र और उपवास की मुक्त कंठ से तारीफ की और कहा कि सभी देशवासियों को यह पत्र पढना चाहिए।

सोना अंडरवर्ल्ड का सर्वमान्य करेंसी है

राजनयिक चैनल से इसकी तस्करी खूब होती है
के रवीन्द्रन - 2020-09-24 09:44 UTC
राजनयिक चैनल के माध्यम से सोने की तस्करी के सनसनीखेज मामले में चल रही जांच सोने, ड्रग्स, गंदे पैसे और हवाला के बीच सांठगांठ का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करती है। सभी प्रारंभिक निष्कर्ष एक मानक संचालन प्रक्रिया की ओर इशारा करते हैं, जो अंडरवर्ल्ड द्वारा दुनिया भर में अमल किया जाता है, जिसे फिनसेन फाइलों के रूप में हाइलाइट किया गया है, जिसे हाल ही में इंटरनेशनल कंसोर्टियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स द्वारा प्रकाशित किया गया है।

बिहार विधानसभा चुनाव: तीन जातिवादी नेता पड़े हैं सांसत में

उपेन्द्र प्रसाद - 2020-09-23 10:07 UTC
इस बार बिहार विधानसभा चुनाव में एक दिलचस्प बात देखने को आ रही है और वह है गठबंधन के दौर में जाति आधारित पार्टियों की पूछ का कम हो जाना। बिहार में चार पार्टियां ऐसी हैं, जिनका आधार उनके नेता की जाति है। वे नेता अपनी जाति का आंकड़ा बताकर और उसके एकछत्र नेता का दावा करते हुए गठबंधन में अपनी पार्टी के नाम पर ज्यादा से ज्यादा टिकट मुख्य दलों से ले लेते हैं और उनमें से कुछ सीटें बेचकर मालामाल भी हो जाते हैं। इस बार जब चुनाव नजदीक आया, तो इन पार्टियों ने भी अपना दबाव बढ़ा दिया और अपने लिए ज्यादा सीटों की माग करने लगे। लेकिन इस बार उन्हें महत्व नहीं दिया जा रहा है, इसलिए वे परेशान हैं।

भारतीय अर्थ व्यवस्था में विकास का नया ट्रेंड शुरू होगा

उद्योग क्षेत्र सेवा क्षेत्र की जगह लेने लगेगा
नंतू बनर्जी - 2020-09-22 09:52 UTC
सरकार वर्तमान आर्थिक चुनौतियों को नए विकास के अवसरों में बदलने के लिए कमर कस रही है। जारी आर्थिक स्थिति काफी विकट है। रेटिंग एजेंसियों और अर्थशास्त्रियों ने इस वित्त वर्ष में लगभग 10 प्रतिशत की नकारात्मक जीडीपी वृद्धि की भविष्यवाणी की है। 2021-22 और उसके बाद की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के लिए देश को गंभीर प्रयास करने होंगे।