संधवाद पर हो रहा है कुठाराघात
मौजूदा सरकार देश को एकात्मक राज्य की ओर ले जा रही है
-
2020-10-03 10:06 UTC
संघवाद भारतीय संविधान की मूल विशेषताओं में से एक है। संविधानसभा में प्रोफेसर केटी शाह ‘फेडरल’ शब्द को ‘सेक्युलर’ शब्द के साथ ही प्रस्तावना में शामिल करना चाहते थे, लेकिन डॉ अंबेडकर ने इसे इस आधार पर खारिज कर दिया कि गणतंत्र के संघीय और धर्मनिरपेक्ष चरित्र तो संविधान में अंतर्निहित था। सातवीं अनुसूची में संविधान ने केंद्र और राज्यों के अधिकार क्षेत्र को दो सूचियों में और सामान्य क्षेत्राधिकार के क्षेत्रों को एक तीसरी सूची में शामिल किया। तब से केंद्र ने हमेशा राज्यों के डोमेन का अतिक्रमण करने की कोशिश की है, लेकिन इस प्रवृत्ति ने अब एक ताकत हासिल कर ली है, जहां दावा किया जा सकता है कि देश को एकात्मक राज्य की ओर धकेला जा रहा है और यह कोई अतिशयोक्ति नहीं है।