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झारखंड में अहंकार और नफरत का एजेंडा खंड-खंड

धार्मिक ध्रुवीकरण की कोशिश काम नहीं आई
अनिल जैन - 2019-12-26 10:29
झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम एग्जिट पोल के अनुमान बता रहे थे विधानसभा त्रिशंकु रहेगी और भाजपा सबसे बडी पार्टी के रूप में उभरेगी। संभवतः यही अंदाजा भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी था। इसी आधार पर उम्मीद जताई जा रही थी कि जिस तरह पिछले दिनों हरियाणा में और उससे पहले गोवा में भाजपा ने सरकार बनाई थी, उसी तरह झारखंड में भी उसकी सरकार बन जाएगी। इसीलिए पार्टी की ओर से ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू) और झारखंड विकास मोर्चा के नेताओं से बातचीत शुरू हो गई थी। झारखंड के लिए भाजपा के केंद्रीय प्रभारी ओम माथुर और कुछ अन्य नेता भी मतगणना वाले दिन सुबह ही रांची पहुंच गए थे। मतगणना के दौरान शुरुआती दौर में टेलीविजन चैनलों पर भाजपा के तमाम प्रवक्ता कह भी रहे थे कि सबसे बडे दल के रूप में राज्यपाल की ओर से सबसे पहले सरकार बनाने का न्योता भाजपा को ही दिया जाएगा। लेकिन जब दोपहर बाद तस्वीर साफ हो गई और यह भी साफ हो गया कि झारखंड के मतदाताओं ने सूबे की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस कडाके की सर्दी में आधी रात तक जागने या तडके नींद से उठने की तकलीफ नहीं दी है। यानी झारखंड मुक्ति मोर्चा जेएमएम, कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल के महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत से ज्यादा सीटें मिल गईं और विधानसभा में अकेले सबसे बडा दल भी जेएमएम ही रहा।

कहाँ गया भाजपा का वसुधैव कुटुम्बकम

भूपेन्द्र गुप्ता - 2019-12-26 09:38
भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म के प्रतिनिधि श्लोक 'वसुधैव कुटुम्बकम' को हमेशा आदर के साथ दोहराया जाता रहा है। भारतीय संस्कृति और धर्म दर्शन की इससे अच्छी अभिव्यक्ति संभव नहीं है।
अयं निजः परो वैति गणना लघुचेतसाम्
उदारचरितानांतु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥

झारखंड में भाजपा की हार

बिना कुछ किए वोट पाने की मंशा पूरी नहीं हो सकी
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-12-24 10:12
इस लेखक ने झारखंड में भाजपा की हार की भविष्यवाणी बहुत पहले कर दी थी। इसका कारण यह था कि वहां का जाति समीकरण भाजपा के खिलाफ था। लगता है भाजपा नेताओं को भी इसका अहसास हो गया था और उन्होंने अपनी इस कमजोरी की ढकने के लिए सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति तेज कर दी और इस मोर्चे को खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संभाल रखा था। दोनों ने झारखं डमें नौ- नौ चुनावी सभाएं कीं और धारा 370 और राममंदिर पर अपनी सफलता का खूब बखान किया। अमित शाह ने तो 2024 के लोकसभा चुनाव के तक सारे घुसपैठियों को भारत से खदेड़ देने का एलान भी कर दिया। जब वे घुसपैठिया शब्द का इस्तेमाल करते हैं, तो उनका मतलब मुस्लिम होता है और इस तरह के बयानों और दावों से हिन्दुओं के सांप्रदायित तुष्टिकरण की कोशिश होती है। ऐसा कर अमित शाह हिन्दुओं का दिल जीतना चाहते थे। लेकिन लगता है कि इसका उलटा ही असर हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमित शाह ने जिस 18 विधानसभा क्षेत्रों में चुनावी सभाओं को संबोधित किया, उनमें से 16 में भाजपा के उम्मीदवार हार गए।

कामल नाथ ने माफियाओं के खिलाफ धावा बोला

सहकारी समितियां और बिल्डर निशाने पर
एल एस हरदेनिया - 2019-12-23 11:09
भोपालः मध्य प्रदेश सरकार ने विभिन्न संप्रदायों के माफियाओं के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया है। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने घोषणा की है कि वह मध्य प्रदेश को पूर्ण रूप से माफिया मुक्त बनाने के लिए दृढ़ हैं। दिलचस्प यह है कि ऐसा ही एक माफिया ग्रुप एक अर्ध सरकारी संगठन द्वारा चलाया जा रहा है। इस संगठन को सांची दुग्ध संघ के नाम से जाना जाता है- एक सहकारी संगठन, जो व्यक्तिगत ग्राहकों को दूध की आपूर्ति करता है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध हुआ विश्वव्यापी

सहनशील राष्ट्र की भारत की छवि को झटका
सात्यकी चक्रवर्ती - 2019-12-21 13:19
देश भर में नागरिकता संशोधन कानून (नासंका) के खिलाफ जारी विरोध प्रदर्शनों ने अब बड़ी संख्या में शिक्षाविदों, छात्रों और अन्य सार्वजनिक बुद्धिजीवियों की भागीदारी ने एक वैश्विक आयाम प्राप्त कर लिया है। इन प्रदर्शनों में सिर्फ मुस्लिम शामिल नहीं हैं, बल्कि सभी धर्मो के लोग शामिल हैं, हालांकि उस कानून में भेदभाव मुसलमानों के साथ ही किया गया है। भारत की छवि वैश्विक समुदाय में एक धर्मनिरपेक्ष और धार्मिक रूप से सहिष्णु देश की रही है, लेकिन अब उसे अचानक पता चल रहा है कि सत्तारूढ़ भाजपा के शासन में सांप्रदायिकता और कट्टरता का राज है और महान भारतीय राष्ट्र को हिंदुराष्ट्र के कार्यक्रम के अनुसार बदल दिया जा रहा है।

असम में एनआरसी की कसरतें विफल रहीं

फिर देश भर में उसे दुहराने का पागलपन क्यों?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-12-20 13:33
राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी को तैयार कर घुसपैटियों की पहचान करने की कोशिश असम में हो चुकी है। जो लोग उस कोशिश के प्रति बहुत आशावान थे, वे आज निराश हैं और उसे एक विफल प्रयास मान रहे हैं। उन्हें उम्मीद थी कि कम से कम एक करोड़ लोग घुसपैठिये के रूप में सामने आएंगे और कुछ अपवादों को छोड़कर वे सारे के सारे बांग्लादेशी मुसलमान होंगे। लेकिन जब यह कसरत समाप्त हुई, तो पता चला कि मात्र 19 लाख लोग ही ऐसे पाए गए हैं, जिनकी भारतीय नागरिकता संदिग्ध है और उनमें से 70 फीसदी तो हिन्दू ही ही हैं। और जो घुसपैठियों के रूप में पहचान लिए गए हैं, उन्हें भारत से निकाला ही नहीं जा सकता। उन्हें भारत में ही रखना होगा, भले उनके लिए अलग से डिटेंशन कैंप बनाकर उन्हें उनमें रखा जाय, लेकिन इस समाधान के भयानक खतरे हैं।

मनमोहन सिंह ने की कमलनाथ की तारीफ

सिंधिया ने आधिकारिक आयोजन से बनाई दूरी
एल एस हरदेनिया - 2019-12-19 18:18
भोपालः भाजपा नेता और कार्यकर्ता कमलनाथ सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे, वहीं मप्र कांग्रेस एक साल का शासन पूरा होने का जश्न मना रही थी। पार्टी के पदाधिकारियों और नागरिकों को संबोधित करते हुए, कमलनाथ ने एक वर्ष की उपलब्धियों को विस्तार से बताया। उत्सव का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह था कि यह पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की उपस्थिति में आयोजित किया गया था, जिन्होंने बाद में अपने भाषण के दौरान उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए कमलनाथ की प्रशंसा की।

पायल रोहतगी की गिरफ्तारी

कांग्रेसी सरकारों को एक्शन में आना ही चाहिए
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-12-18 09:49
बाॅलीवुड की फ्लाॅप फिल्म एक्ट्रेस पायल रोहतगी अब जेल में है। उसे राजस्थान पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। वह सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर झूठ फैला रही थीं। देश के महान नेताओं का चरित्र हनन कर रही थी। अपना विडियो बनाकर वह नेट पर डालती थी और अंटशंट बातें फैलाती थीं। उनकी अनेक बातें सामाजिक सद्भावना को बिगाड़ने वाली भी होती थीं। जिस मामले में वे जेल में है वह जवाहरलाल नेहरू और उनके पिता मोतीलाल नेहरू से संबंधित है।

सवाल तो तसलीमा की नागरिकता का भी कम महत्वपूर्ण नहीं

आखिर उन्हें स्थायी नागरिकता क्यों नहीं दी जा रही?
अनिल जैन - 2019-12-18 09:44
बहुचर्चित और बहुविवादित नागरिकता संशोधन कानून सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि भारत के बाहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी खासी चर्चा का विषय बना हुआ है। इस कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक आधार पर प्रताडना का शिकार हो रहे गैर मुस्लिम धर्मावलंबियों को भारतीय नागरिकता दी जा सकेगी। नागरिकता संशोधन विधेयक पर संसद में बहस के दौरान कुछ विपक्षी सदस्यों के सवालों का जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अगर इन देशों का कोई मुस्लिम नागरिक भी धार्मिक आधार पर प्रताडना के चलते भारत की नागरिकता लेना चाहेगा तो सरकार उसके आवेदन पर भी विचार करेगी। गृह मंत्री के इस आश्वासन के मद्देनजर बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन का जिक्र किया जाना लाजिमी हो जाता है, जिन्होंने लंबे समय से भारत की नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर रखा है।

भोपाल में नागरिकता कानून के खिलफ जबर्दस्त विरोध

सिंधी समुदाय के अलावा अन्य सभी ने कानून का विरोध किया
एल एस हरदेनिया - 2019-12-18 09:41
भोपाल में प्रस्तावित राष्ट्रव्यापी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता (संशोधन) कानून (नासंका) के खिलाफ कई विरोध कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। 12 दिसंबर को विरोध प्रदर्शनों के के दौरान मूसलाधार बारिश होती रही पर उसका सामना करते हुए एक जनसभा में पाँच हजार से अधिक लोग शामिल हुए। बैठक का आह्वान कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने दिया था। कई संगठनों से संबंधित वक्ताओं ने दोनों को विभाजनकारी बताया, जो देश को धार्मिक और सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकृत करने की कोशिश करते हैं। वक्ताओं ने अखिल भारतीय धर्मनिरपेक्ष मंच, ज्ञान विज्ञान समिति, सीपीएम, सीपीआई आदि का प्रतिनिधित्व किया।