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कैब का पारित होन लोकतंत्र के विरुद्ध

भारतीय ईथ़्ाॅास् और हेरिटेज स्टॉक में हैं
कृष्ण झा - 2019-12-13 10:45
क्या हम अपनी विरासत को नकार सकते हैं? क्या हम रहीम खानखाना, और गालिब, और फिर हसरत मोहानी, फैज अहमद फैज, सज्जाद जहीर, मौलाना अबुल कलाम आजाद और इतने सारे लोगों के योगदान को नकार सकते हैं, जिन्होंने भारत में अपना योगदान दिया है? हमारी बहुलता हमारी एकता की जड़ है। यही हमारी ताकत है।

कमलनाथ सरकार का एक साल

यूरिया संकट से किसान परेशन
एल. एस. हरदेनिया - 2019-12-12 10:17
कमलनाथ सरकार के एक वर्ष पूरा होने पर कई आंदोलन हो रहे हैं। उनमें किसानों द्वारा आंदोलन, कॉलेज और स्कूल के शिक्षकों द्वारा आंदोलन और भाजपा द्वारा महिलाओं के लिए प्रभावी सुरक्षा की मांग के लिए एक आंदोलन शामिल है।

कैब पूर्वोत्तर में भाजपा का वाटरलू साबित हो सकता है

पूर्वोत्तर है पूर्ण उबाल पर
बरुन दास गुप्ता - 2019-12-11 11:41
जैसे ही केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) पेश किया, पूरे पूर्वोत्तर में गुस्सा, आक्रोश और विश्वासघात की भावना पैदा हो गई। विश्वासघात, क्योंकि 1985 के जिस असम समझौते में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने हस्ताक्षर किए थे, उसमें पूर्वी पाकिस्तान यानी बांग्लादेश के प्रवासियों को नागरिकता देने के लिए कट-ऑफ तारीख के रूप में 24 मार्च, 1971 तय की गई थी। लेकिन इस विधेयक में यह तारीख 31 दिसंबर 2014 तय कर दी गई है। दूसरे शब्दों में पिछले 44 वर्षों के दौरान बांग्लादेश से असम और पूर्वोत्तर राज्यों में आकर प्रवास करने वाले सभी लोगों को नागरिकता दी जाएगी। इन राज्यों में डर यह है कि उनका जनसांख्यिकीय पैटर्न बदल जाएगा क्योंकि इनमें से अधिकांश प्रवासी इस क्षेत्र में रह रहे हैं। कैब के पास होने से वे नागरिक बन जाएंगे।

तो क्या अब इसी तरह ‘इंसाफ’ और ‘फैसले’ होंगे?

हैदराबाद की पुलिस मुठभेड़ में चार आरोपितों की हत्या
अनिल जैन - 2019-12-10 10:50
बात 1990 के दशक की है। अविभाजित मध्य प्रदेश और अब छत्तीसगढ़ के दल्ली राजहरा में श्रमिक नेता शंकर गुहा नियोगी जहां उस इलाके के मजदूरों और उनके परिवारजनों के बीच काफी लोकप्रिय थे। इसी वजह से वे वहां के भ्रष्ट उद्योगपतियों, शराब माफिया और उनकी संरक्षक मध्य प्रदेश सरकार (कांग्रेस और भाजपा दोनों ही) की आंखों की किरकिरी बने हुए थे। इसी नाते हमेशा पुलिस के भी निशाने पर रहते थे। शराब माफिया नियोगी को इसलिए अपना दुश्मन मानता था कि उन्होंने अपनी यूनियनों से जुडे 70 हजार से अधिक मजदूरों की शराब छुड़वा दी थी, जिसकी वजह से उनका शराब का कारोबार प्रभावित हो रहा था। मजदूरों के एक प्रदर्शन के सिलसिले में जिले की पुलिस ‘शांति भंग’ के आरोप में नियोगी को गिरफ्तार कर दल्ली राजहरा से भिलाई ला रही थी। घने जंगलों से गुजरते हुए खुली जीप जब रास्ते में कुछ मिनटों के लिए रुकी तो नियोगी से एक पुलिस वाले ने कहा कि मौका अच्छा है, भाग जाओ, हम कह देंगे कि नियोगी पुलिस को चकमा देकर भाग निकला।

एससी, एसटी और क्रीमी लेयर

सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश से एतराज क्यों?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-12-09 11:21
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में केन्द्र और राज्य सरकारों से कहा कि वह अनुसूचित जातियों और जनजातियों को दिए जा रहे आरक्षण में क्रीमी लेयर का प्रावधान डाले। सुप्रीम कोर्ट इन समुदायों के लिए आरक्षण में प्रमोशन के मामले की सुनवाई कर रही थी। सुनवाई प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्र की अध्यक्षता वाले एक बेंच में हो रही थी। आरक्षण में प्रमोशन को सही मानते हुए कोर्ट ने कुछ शर्ते रख दीं और उसके साथ ही सभी प्रकार के एससी-एसटी के आरक्षण में इन वर्गों के क्रीमी लेयर को बाहर रखने को कहा। लेकिन केन्द्र और राज्य सरकारें सुप्रीम कोर्ट को उस आदेश को मानने को तैयार नहीं हैं। इस बीच सरकारी सेवाओं में नियुक्तियों और शैक्षिक संस्थाओं में प्रवेश के लिए कई बार विज्ञापन आए, लेकिन एससी और एससी उम्मीदवारों के लिए क्रीमी लेयर नहीं लगाया गया। क्रीमी लेयर लगाना तो दूर अभी तक एसएसी और एसटी के लिए क्रीमी लेयर का क्राइटेरिया तक तय नहीं किया गया है।

उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने किया विद्रोह

पार्टी से निष्कासित नेता सोनिया गांधी से मिलेंगे
प्रदीप कपूर - 2019-12-07 09:33
लखनऊः उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व का सामना करने के लिए ताकत दिखाने के लिए कमर कस रहे हैं। पार्टी से निष्कासन से हैरान कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी 28 दिसंबर को लखनऊ में पार्टी के बड़े नेताओं का सम्मेलन आयोजित करने का फैसला किया है ताकि भविष्य में कार्रवाई की रूपरेखा तय की जा सके। पूर्व सांसदों और विधायकों से अपेक्षा की जाती है कि वे कार्यकर्ता सम्मेलन में पैदा हुई असाधारण स्थिति पर चर्चा करेंगे।

'हैदराबाद के बलात्कारियों को त्वरित सजा'

एनकाउंटर तो अदालती व्यवस्था का भी हुआ है
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-12-06 11:12
देश के लोग बहुत खुश हैं कि हैदराबाद के बलात्कारियों के साथ पुलिस ने त्वरित न्याय कर डाला। एक मुठभेड़ में उन चारों को मौत के घाट उतार डाला। लोग इसी तरह की मांग कर रहे थे। कोई उन्हें जल्द से जल्द फांसी पर लटकता हुआ देखना चाहता था, तो कोई चाहता था कि जिस जगह उन्होंने अपराध को अंजाम दिया, उसी जगह ले जाकर उन्हें गोली से उड़ा दिया जाना चाहिए। एक कथित बलात्कारी की मां का तो यहां तक कहना था उनके बेटे और अन्य तीन बलात्कारियों को उसी स्थान पर ले जाकर जलाकर मार डालना चाहिए, जिस तरह से उन्होंने उस महिला डाॅक्टर को जलाकर मारा था।

भोपाल के गैस पीड़ितों ने 4 दिसंबर को याद किया

बचे हुए लोग अभी भी उपेक्षा के शिकार हो रहे हैं
एल. एस. हरदेनिया - 2019-12-05 09:34
भोपालः आंखों में आंसू लेकर केंद्र और राज्य सरकार और यूनियन कार्बाइड के खिलाफ नारेबाजी करते हुए हजारों गैस पीड़ितों ने भोपाल की सड़कों पर मार्च किया, मानव श्रृंखला बनाई और विभिन्न गैर सरकारी संगठनों द्वारा 4 दिसंबर को भोपाल में हुई आपदा को याद करते हुए आयोजित सार्वजनिक बैठकों में भाग लिया।

सख्त सजा के प्रावधान से नहीं रुकेंगे बलात्कार

जरूरत शीघ्र सजा के प्रावधान की है
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-12-04 11:25
हैदराबाद के एक पशु चिकित्सक के बलात्कार और हत्या के बाद एक बार फिर देश भर में बलात्कार के खिलाफ उबाल है। निर्भया ज्योति सिंह के साथ जब 2012 में बलात्कार हुआ था, उस समय भी देश भर में उबाल आया था। उस समय बलात्कार को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने के लिए एक वर्मा कमिटी बनी थी। उसने कुछ सिफारिशें की थी। उन सिफारिशों के आधार पर कानूनों को कड़े किए थे, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हुआ। बलात्कार बदस्तूर जारी हैं। कभी कभी मीडिया के खास ध्यान के कारण या बलात्कार के साथ जुड़ी मौत और उसके पहले की गई पाशविकता के कारण बलात्कर हमारे सभ्य समाज को झकझोरने लगता है और समाज से आवाज उठने लगती है कि कानून को और कठोर करो। बलात्कारियों को फांसी दे दो। भावनाओं का एक बड़ा ज्वार उठता है और कुछ दिन के बाद शांत हो जाता है, लेकिन बलात्कार की घटनाएं नहीं थमतीं। सच तो यह है कि इस तरह की घटनाएं दिनों दिन बढ़ती जा रही हैं। अब रेप नहीं होते, बल्कि गैंग रेप होते हैं और वर्मा कमिटी की अनुशंसा पर कड़े किए गए कानूनों कारण रेप पीड़िताओं की हत्या कर देने की घटना अब ज्यादा होने लगी है। यानी जिस कानून को महिलाओं की रक्षा के लिए कड़े किए गए थे, वे कानून अब पीड़िताओं की मौत का कारण भी बनने लगे हैं।

भाजपा शिवसेना से डरती रहेगी

शरद पवार की भूमिका महत्वपूर्ण बनी रहेगी
अमूल्य गांगुली - 2019-12-03 11:19
भाजपा के सभी विरोधियों में से, जिस पार्टी से नरेंद्र मोदी- अमित शाह की जोड़ी बेहद चैकस होगी, वह शिवसेना है। कारण यह है कि सेना आलोचना में असामान्य रूप से तेज है। यह विशेषता उसने वर्षों में सड़क छाप राजनीति करते हुए हासिल की है।