Loading...
 
Skip to main content

View Articles

शीतलहर का वैश्विक सितम

ग्लोबल वार्मिंग की आहट है यह
अनिल जैन - 2019-02-07 09:53
आधी से ज्यादा दुनिया इन दिनों भीषण सर्दी की चपेट में है। यह सर्दी का पलटवार है जो अपने पूरे शीत प्रभाव के साथ लोगों को हैरान-परेशान कर रहा है। न सिर्फ यूरोप और अमेरिका बल्कि भारत समेत समूचा उत्तरी गोलार्ध कडाके की सर्दी से ठिठुर रहा है और जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। मौसम वैज्ञानिक इस असाधारण सर्दी के लिए पोलर वॉर्टेक्स (ध्रुवीय तूफान) को जिम्मेदार मान रहे हैं। आर्कटिक क्षेत्र में ध्रुवीय तूफान से हवाओं में उतार-चढाव के कारण ही बीते दिसंबर से लेकर अब तक दुनिया का उत्तरी हिस्सा ठंड से कंपकपा रहा है। वैज्ञानिक इस वैश्विक शीतलहर को ग्लोबल वार्मिंग के आसन्न खतरे की चेतावनी के तौर पर देख रहे हैं।

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां

दुनिया बचाने में अमीर देशों को बड़ी भूमिका निभानी ही होगी
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-12-21 12:04
पोलैंड में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्रसंघ का कान्फ्रेंस पिछले सप्ताह संपन्न हुआ। यह कान्फ्रेंस सफल रहा या विफल इसके बारे में कोई दावे से कुछ भी नहीं कह सकते। आशावादी इसके सफल होने की बात कर रहे हैं तो संशयवादियों को लगता है कि यह विफल रहा है। सफलता और विफलता की एक कसौटी तो अमेरिका का वह रुख है, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति बनने के बाद वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस में हुई सहमति से अपने देश का अलग कर देने की घोषणा की थी। और अमेरिका के अलग होने का वर्ष 2020 है। इसके पहले वह अलग नहीं हो सकता।

चीनी कर्जजाल से व्यापारिक उपनिवेशवाद का खतरा

कर्जदार देशों की मार्फत भारत पर भी प्रभाव
सुब्रत मजूमदार - 2018-10-27 11:34
चीन के बेल्ट और रोड पहल, जिसे बाद में बीआरआई के नाम से बदल दिया गया, विकासशील और उभरते देशों के लिए ऋण जाल में फंसने का खतरा पैदा कर रहा है। चीन बुनियादी ढांचे के लिए छोटे और कमजोर देशों को कर्ज देता है और जब उनके कर्ज का भुगतान नहीं किया जाता, तो यह इन देशों की भूमि और संसाधनों पर कब्जा करने लगता है। चीनी ऋण की शर्तो के तहत ऋण राहत के लिए बहुत कम जगह है। अभी तक आठ देश उसके कर्ज जाल के शिकार हो चुके हैं। सेंटर फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट के एक अध्ययन के मुताबिक वे देश जिबूती, ताजिकिस्तान, किर्गिस्तान, लाओ, मालदीव, मंगोलिया, पाकिस्तान और मोंटेनेग्रो हैं।

पाक का ताज अपने आप में एक राज

फिर भी नये दौर का स्वागत
डाॅ. भरत मिश्र प्राची - 2018-07-30 13:35
पड़ोसी राष्ट्र पाकिस्तान में हुये आम चुनाव में जो परिणाम सामने आये है जिसमें 26/11 के हमले के मास्टर माइंड आतंकी हाफिज सईद की पार्टी मुस्लिम लिग को वहां की अवाम ने बिल्कुल नकार कर यह साबित करने का भरपूर प्रयास किया है कि वह भी खून खराबे से दूर रहकर अमन चैन चाहती है। गौरतलब हो कि हाफिज ने पाक के आम चुनाव में अपने 265 उम्मीदवार मैदान में उतारे थे।

विज्ञान और विकास ने जीती जिंदगी की जंग

कामयाब हुआ जिंदगी को बचाने का मिशन
प्रभुनाथ शुक्ल - 2018-07-12 10:58
थाईलैंड में इंसानी जिंदगी बचाने का चमत्कारिक मिशन पूरा हो गया। थाईलैंड की थैम लुआंग गुफा में फंसे 12 जूनियर फुटबाॅलर और कोच को सुरक्षित निकाल लिया गया। मिशन पर पूरी दुनिया की निगाह टिकी थी। दुनिया भर में मासूम खिलाड़ियों के लिए दुआएं हो रहीं थीं। घटना पूरी दुनिया के लिए चुनौती बनी थी। सभ्यता के विकास और आधुनिक जीवन शैली की अकल्पनीय वारदात थी। मौत की गुफा से 18 दिन की इंसानी जद्दोजहद के बाद सभी को सुरिक्षत बाहर निकाल लिया गया। विज्ञान के साथ तकनीकी विकास की यह बड़ी जीत साबित हुई।

दुनिया में बढ़ती भूख की चुनौती

भूखमरी हमारे लिए एक सामाजिक कलंक है
प्रभुनाथ शुक्ल - 2018-07-05 16:45
घर के ठंडे चूल्हे पर खाली पतीली है, बताओ कैसे लिख दूं धूप फागुन सी नशीली है, मशहूर शायर अदम गोंडवी की भूख से सराबोर यह शेर हमें सोचने पर मजबूर करता है। जबकि सपने बेंच कर सिंहासन हासिल करने वाली जमात सिर्फ भाषण बेंचती है। भारत और दुनिया भर में भूख आम समस्या बन गयी है। राजनीति गरीबी और भूखमरी मिटाने में सालों से लगी है, लेकिन भूखे लोगों की भूख नहीं मिट पायी।

सीरिया और तुर्की में असुरक्षित अभिव्यक्ति

वैश्विक स्तर पर सिकुड़ती प्रेस की आजादी
प्रभुनाथ शुक्ल - 2018-05-03 16:07
अभिव्यक्ति की आजादी का सीधा सवाल प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़ा है। जिस मुल्क में वैचारिक आजादी की स्वतंत्रता नहीं, वहां कभी सच्चे लोकतंत्र की स्थापना नहीं की जा सकती है। अभिव्यक्ति की स्वाधीनता न सिर्फ बोलने, लिखने की आजादी देता है बल्कि समता, समातना की स्थापना कर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा में अहम भूमिका निभाती है। वैश्विक स्तर पर बदलते हालता प्रेस की आजादी पर सवाल खड़े करते हैं। मीडिया संस्थानों में अब निष्पक्ष तौर से काम करना जोखिम भरा हो गया है।

भारत के लिए आसियान क्यों महत्वपूर्ण है?

दक्षिण पूर्व एशिया से प्र्र्रगाढ़ संबंध हमारे हित में है
निलंजन बनिक - 2018-01-29 09:49
जब कभी विश्व अर्थव्यवस्था में प्रतिस्पर्धा करने की बात आती है, तो चीनी अजगर हमेशा भारतीय हाथी के खिलाफ हाथ जीत जाता है। विश्व व्यापार में भारत का हिस्सा 2011 से करीब 1.8 प्रतिशत पर है, जबकि चीन के लिए यह करीब 12 प्रतिशत है। 2020 तक चीन से आधा होने के लिए भी भारत का निर्यात आंकड़ा की सालाना वृद्धि दर 30 प्रतिशत से अधिक करने की जरूरत है। यह एक कठिन काम प्रतीत होता है, लेकिन भारत को आसियान में एक सच्चा दोस्त मिल गया है। हम उसकी दोस्ती का लाभ उठाकर असंभव को भी संभव कर सकते हैं।

दिशाहीनता और मुकदमेबाजी से ग्रस्त विश्व व्यापार संगठन

जी श्रीनिवासन - 2017-12-19 11:14
व्यापार की बहुपक्षीय बातचीत की भाषा में वार्तालाप का टूटना, गतिरोध या आम सहमति का अभाव जैसे शब्द सीधे तौर पर यही बताते हैं कि विश्व व्यापार संगठन (डब्लूटीओ) के, 164 देशों के बीच संवाद स्थापित करने वाली व्यवस्था बेतरतीब हो चुकी है। यह सिर्फ एक बातचीत की दुकान बनकर रह गया है क्योंकि विकसित तथा उभरती हुई व्यवस्था के कुछ प्रभावशाली सदस्य अपनी राष्ट्रीय प्राथमिकताओं तथा विकास के मुद्दों पर झुकने को तैयार नहीं हैं।

पाकिस्तान के निजी जेलों में कैद हिंदु बंधुआ मजदूर

पाकिस्तान में गुलामी की संख्या काफी ज्यादा
जय भगवान - 2017-12-18 10:05
पाकिस्तान के सिंध तथा बलूचिस्तान प्रांतों में हजारों हिंदु वहां के जमींदारों के बंधुआ हैं जो खेती, इंट के भट्टों तथा मछली पालन में काम करते हैं और रात में ‘निजी जेलों’ में बंद कर दिया जाते हैं। पिछले बुधवार को पुलिस ने सिंध के एक जमींदार के यहां 13 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया।