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कश्मीर के हालात: अब सौरा के लोगों के लिए धारा 370 महत्व नहीं रखता

अनिल जैन - 2019-10-10 10:08 UTC
नई दिल्ली (कश्मीर से लौटकर): श्रीनगर में डाउनटाउन के बाद दूसरा सबसे तनावपूर्ण इलाका है सौरा। श्रीनगर से नौ किलोमीटर दूर यह अर्ध शहरी इलाका सुरक्षाबलों के लिए भी बेहद चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और अनुच्छेद 35ए खत्म करने के केंद्र सरकार के फैसले के खिलाफ कश्मीर घाटी में पहला विरोध प्रदर्शन इसी इलाके में हुआ था। 9 अगस्त को हुए इस प्रदर्शन मे तकरीबन 10 हजार लोग शामिल थे।

दिल्ली में प्रदूषण की राजनीति

बढ़े प्रदूषण की जिम्मेदारी कौन लेगा?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-10-09 16:12 UTC
दिल्ली विधानसभा आम चुनाव के अब कुछ ही महीने बचे हुए हैं और चुनाव जीतने की राजनीति यहां तेज हो गई है। इसी राजनीति के तहत केन्द्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने एक प्रेस कान्फ्रेंस कर डाला और दिल्ली के प्रदूषण मुक्त हो जाने का दावा अपनी केन्द्र सरकार को देने लगे। उन्होंने एक से एक तर्क दिए और आंकड़े जारी किए। उन सबके द्वारा उन्होंने यह साबित करने की कोशिश की कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बना दिया गया है और यह काम उनकी सरकार के प्रयासों के कारण हुआ है न कि अरविंद के केजरीवाल की प्रदेश सरकार के कारण।

कश्मीर के हालात: पत्थरबाजी जारी है और बेगुनाहों का उत्पीड़न भी

अनिल जैन - 2019-10-07 14:18 UTC
नई दिल्ली (कश्मीर से लौटकर): पिछले दो महीने से वैसे तो कश्मीर घाटी में कोई इलाका ऐसा नहीं है जहां तनाव न पसरा हो या नौजवानों और सुरक्षाबलों के बीच टकराव की आशंका न रहती हो, मगर श्रीनगर के डाउनटाउन इलाके की बात ही कुछ और है। कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि पिछले तीस साल में इस इलाके के करीब दस हजार लोग सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा चुके हैं। हालांकि यह आंकडा आधिकारिक नहीं है और न ही इस दावे की किसी तरह पुष्टि की जा सकती है। जो भी हो, यह इलाका है बेहद तनावपूर्ण। इसीलिए यहां प्रशासन ने भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात कर रखा है। सुरक्षाबलों की यह तैनाती भी यहां तनाव की एक बडी़ वजह है, क्योंकि इस इलाके के लोग सुरक्षाबलों को अपना दुश्मन मानते हैं और उन्हें देखते ही भड़क उठते हैं।

कश्मीर घाटी के हालात

सरकारी दावे के बिल्कुल उलट हैं
अनिल जैन - 2019-10-05 08:32 UTC
नई दिल्ली (कश्मीर से लौटकर): ‘न्यू इंडिया’ में तरह-तरह की आशंकाओं, दुश्वारियों, गमों, उदासियों और तनाव से घिरे ‘न्यू कश्मीर’ को लेकर केंद्र सरकार और सूबे के राज्यपाल का दावा है, ‘‘वहां स्कूल-कॉलेज फिर से शुरू हो चुके हैं। सरकारी दफ्तर, बैंक और अस्पताल भी खुल रहे हैं। रेहड़ी-पटरी पर दुकानें लग रही हैं। सड़कों पर वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से जारी है और लोग भी अपने घरों से निकल रहे हैं। कुल मिलाकर कश्मीर घाटी के हालात पूरी तरह सामान्य है।’’

विशेष जांच दल में बार बार बदलाव रहस्य

अनिर्णय के कारण कमलनाथ की आलोचना
एल एस हरदेनिया - 2019-10-04 12:06 UTC
भोपालः मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) में लगातार बदलाव के पीछे के कारणों का रहस्य सुलझता है, जिसे हनी ट्रैप केस ’के रूप में जाना जाता है। एक हफ्ते से भी कम समय के भीतर, सरकार ने ओवरहालिंग टीम के प्रमुख को दो बार बदल दिया। प्रारंभ में, आईजी राजेंद्र कुमार को एसआईटी का प्रमुख नियुक्त किया गया था। 24 घंटों के भीतर उन्हें आईजी रैंक के ही संजीव शमी से बदल दिया गया। छह दिन बाद, उन्हें भी बाहर निकाल दिया गया और एडीजीपी रहे राजेंद्र कुमार ने उनकी जगह ले ली।

हवाईअड्डा ही नहीं, बल्कि पूरा कश्मीर ही डिफेंस का है

वहां दिख रही थी खामोशी भरी शांति
अनिल जैन - 2019-10-03 12:07 UTC
कभी धरती की जन्नत कहा जाने वाला कश्मीर फिलहाल धरती पर दोजख बना हुआ है। मौजूदा हालात में किसी आम आदमी का ही नहीं, बल्कि किसी मीडियाकर्मी का भी कश्मीर जाना बेहद जोखिम भरा है। इसकी दो अहम वजह है। एक तो सरकार और मुख्यधारा के मीडिया, खासकर सरकार के ढिंढोरची बन चुके टेलीविजन चैनलों के प्रति कश्मीरी नौजवानों का गुस्सा और दूसरी वहां कदम-कदम पर सुरक्षा बलों की तैनाती। इन दोनों वजहों से कश्मीर घाटी के माहौल में गहरा तनाव पसरा हुआ है। ऐसे ही चुनौती और जोखिम भरे माहौल में पिछले पखबारे हम दो मित्रों ने कश्मीर जाने का फैसला किया था। मेरे साथ थे न्यूज पोर्टल ‘जनचैक डॉटकॉम’ के संपादक महेंद्र मिश्र।

उपचुनावों के नतीजों से वामपंथियों को राहत

सीपीआई (एम) अब केरल में वापसी की उम्मीद कर सकती है
सागरनील सिन्हा - 2019-10-01 09:49 UTC
पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और केरल में लोकसभा चुनावों में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उपचुनाव के परिणाम वामपंथियों को बड़ी राहत प्रदान करता है। पाला निर्वाचन क्षेत्र, जो पिछले 54 वर्षों से पार्टी के संस्थापक केएम मणि की केरल कांग्रेस (मणि) का गढ़ रहा है, का प्रतिनिधित्व अब वामपंथी लोकतांत्रिक मोर्चे के एनसीपी के मणि सी कप्पन द्वारा किया जाएगा। दूसरी ओर, हालांकि माकपा भाजपा से ंत्रिपुरा की बदरघाट सीट जीतने में विफल रही, लेकिन यह राज्य में एक बार फिर मुख्य विपक्षी दल के रूप में उभरने में कामयाब रही। कांग्रेस को तीसरे स्थान पर धकेल दिया। इसमें कोई शक नहीं, केरल और त्रिपुरा की राजनीति में इन परिणामों का अपना महत्व है।

गांधी जी हर क्षेत्र के लिए आज भी प्रासंगिक

धर्मनिरपेक्षता पर हमले को हम गांधी के द्वारा ही रोक सकते हैं
एल एस हरदेनिया - 2019-09-30 11:07 UTC
यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि आज के समय में गांधीजी और उनके विचारों की प्रासंगिकता क्या है? वैसे तो समाज का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है जिसमें आज भी गांधी की प्रासंगिकता नहीं है। परंतु आज हमारे देश में गांधीजी की सर्वाधिक प्रासंगिकता उनके धर्मनिरपेक्षता संबंधी विचारों के कारण है।

क्या मायावती का खेल खत्म हो चुका है?

हमीरपुर विधानसभा के नतीजे
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-09-28 11:01 UTC
हमीरपुर विधानसभा के उपचुनाव के नतीजे आ गए हैं। आशा के अनुरूप भारतीय जनता पार्टी की वहां जीत हुई। उत्तर प्रदेश की वर्तमान राजनैतिक स्थिति को देखते हुए उसकी जीत तय मानी जा रही थी। देखना यह था कि समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी में दूसरे स्थान पर कौन आता है। 2917 में संपन्न विधानसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी दूसरे स्थान पर रही थी, लेकिन बसपा उम्मीदवार को उससे कुछ सौ कम वोट ही आए थे। इसके अलावा समाजवादी पार्टी का उस चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन था, जबकि इस बार कांग्रेस भी चुनाव लड़ रही थी।

हनी ट्रैप में मध्यप्रदेश प्रशासन

बड़े नौकरशाह हो रहे थे ब्लैकमेल
एल एस हरदेनिया - 2019-09-27 10:45 UTC
भोपालः पिछले 24 घंटों में मध्यप्रदेश को हिलाकर रख देने वाले हनी-ट्रैप कांड से संबंधित तीन महत्वपूर्ण घटनाएं घटीं। सबसे महत्वपूर्ण और सनसनीखेज घटना यह खुलासा है कि घोटाले में एक दर्जन से अधिक आईएएस अधिकारी शामिल हैं। शीर्ष पुलिस सूत्रों ने संकेत दिया कि जल्द ही एसआईटी द्वारा उन आईएएस अधिकारियों के नामों का खुलासा किया जाएगा। दूसरी महत्वपूर्ण घटना एसआईटी के प्रमुख को बदलने से संबंधित है। प्रारंभ में श्रीनिवास वर्मा को एसआईटी के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था, लेकिन सरकार ने 24 घंटे के भीतर, एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजीव शमी को यह असाइनमेंट दे दिया। शमी को एक सख्त और पेशेवर ऑफिसर माना जाता है। अपनी नियुक्ति के तुरंत बाद, उन्होंने इंदौर का दौरा किया।