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कांग्रेस का आधार सुरक्षित करने के लिए कमलनाथ का समय से संघर्ष

लोक सभा चुनावों की गर्मी से मध्यप्रदेश तपा
हरिहर स्वरूप - 2018-12-27 11:10
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ एक कुशल राजनीतिक रणनीतिकार हैं। उन्हें पता है कि उनके पास 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए ज्यादा समय नहीं है। जिस तीव्रता के साथ सीएम ने नई सरकार के दो फैसलों की उन्होंने घोषणा की, उसने बीजेपी को चैंका दिया। पहली घोषणा तो किसानों की कर्जमाफी की घोषणा है और दूसरी घोषणा निजी उद्योगों के 70 फीसदी रोजगार स्थानीय लोगों को दिए जाने से संबंधित है।

कोलेबिरा उपचुनाव में कांग्रेस की जीत

क्या कांग्रेस हिन्दी क्षेत्र में अपना जनाधार वापस पा रही है?
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-12-26 13:57
एक उपचुनाव के नतीजे को ज्यादा महत्व नहीं दिया जाना चाहिए। इसलिए यदि झारखंड के कोलेबिरा विघानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की जीत से कोई खास निष्कर्ष नहीं निकाला जाना चाहिए। लेकिन यह उपचुनाव एक विशेष माहौल में हुआ था। इस उपचुनाव के मतदान के कुछ दिन पहले ही तीन हिन्दी प्रदेशों के विधानसभा चुनावों के नतीजे आए थे और तीनों में भारतीय जनता पार्टी पराजित हुई थी और कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।

सांता क्लाॅज कौन है और कहां से आता है?

बच्चों को उपहार क्यों बांटता है सांता?
योगेश कुमार गोयल - 2018-12-24 12:13
क्रिसमस का नाम सुनते ही बच्चों के मन-मस्तिष्क में सफेद तथा लंबी दाढ़ी वाले लाल व सफेद रंग के वस्त्र तथा सिर पर फुनगी वाली टोपी पहने पीठ पर खिलौनों का झोला लादे बूढ़े बाबा ‘सांता क्लाॅज’ की तस्वीर उभरने लगती है। क्रिसमस (25 दिसम्बर) के दिन तो बच्चों को सांता क्लाॅज का खासतौर से इंतजार रहता है क्योंकि इस दिन वह बच्चों के लिए ढ़ेर सारे उपहार और तरह-तरह के खिलौने जो लेकर आता है। ईसाई समुदाय के बच्चे तो सांता क्लाॅज को एक देवदूत मानते रहे हैं क्योंकि उनका विश्वास है कि सांता क्लाॅज उनके लिए उपहार लेकर सीधा स्वर्ग से धरती पर आता है और टाॅफियां, चाॅकलेट, फल, खिलौने व अन्य उपहार बांटकर वापस स्वर्ग में चला जाता है। बच्चे प्यार से सांता क्लाॅज को ‘क्रिसमस फादर’ भी कहते हैं।

चौहान के हिंदू तुष्टिकरण की नीति विफल हुई

पक्षपातपूर्ण कार्यक्रमों के लिए सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल हुआ
एल एस हरदेनिया - 2018-12-22 20:24
भोपालः मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे स्पष्ट रूप से संकेत देते हैं कि हिंदुत्व की अपील की नीति ने शिवराज सिंह को फायदा नहीं पहुंचाया। वास्तव में, उन्होंने मध्यप्रदेश को हिन्दू राष्ट्र के रूप में बदलने के लिए सभी प्रयास किए। सबसे पहला कदम तो सरकारी कर्मचारियों पर आरएसएस की गतिविधियों में भाग लेने वाले प्रतिबंध को उठाना था। शायद मध्य प्रदेश ऐसा करने वाला पहला राज्य था।

जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां

दुनिया बचाने में अमीर देशों को बड़ी भूमिका निभानी ही होगी
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-12-21 12:04
पोलैंड में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्रसंघ का कान्फ्रेंस पिछले सप्ताह संपन्न हुआ। यह कान्फ्रेंस सफल रहा या विफल इसके बारे में कोई दावे से कुछ भी नहीं कह सकते। आशावादी इसके सफल होने की बात कर रहे हैं तो संशयवादियों को लगता है कि यह विफल रहा है। सफलता और विफलता की एक कसौटी तो अमेरिका का वह रुख है, जिसकी घोषणा राष्ट्रपति बनने के बाद वहां के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने की थी। उन्होंने जलवायु परिवर्तन पर पेरिस में हुई सहमति से अपने देश का अलग कर देने की घोषणा की थी। और अमेरिका के अलग होने का वर्ष 2020 है। इसके पहले वह अलग नहीं हो सकता।

मायावती को भाजपा से दूर रखने को अखिलेश बेकरार

पर बसपा अन्य पार्टियों के प्रति नहीं दिखा रहीं उदारता
प्रदीप कपूर - 2018-12-20 09:32
लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव केंद्र से बीजेपी को हटाने के लिए बीएसपी नेता मायावती को जरूरत से ज्यादा महत्व दे रहे हैं और उनके पिछलग्गू तक बन गए हैं। तीन राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजों से उत्साहित, अखिलेश यादव 2019 के लोकसभा चुनावों में मायावती के लिए और सीटें छोड़ने को तैयार हैं।

क्यों छाये हैं एटीएम पर संकट के बादल?

इसका समाधान संभव है
योगेश कुमार गोयल - 2018-12-19 14:02
एटीएम उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ‘कैटमी’ (कन्फेडरेशन आॅफ एटीएम इंडस्ट्री) ने गत दिनों चेतावनी देते हुए स्पष्ट किया है कि चालू वित्त वर्ष के अंत तक अर्थात् मार्च 2019 तक देश के करीब 50 फीसदी एटीएम बंद हो जाएंगे। इस चेतावनी के बाद से ही बैंकिंग क्षेत्र में चिंता का माहौल है। हालांकि बंद होने वाले अधिकांश एटीएम गैर शहरी क्षेत्रों के ही होंगे किन्तु अगर ऐसा होता है तो गैर शहरी क्षेत्रों में भी इससे आमजन के लिए परेशानियां बढ़ जाएंगी, जिसका असर सरकार की ओर से दी जाने वाली विभिन्न सब्सिडी को एटीएम के जरिये खातों से निकालने पर पड़ेगा। ग्रामीण अंचलों में बहुत बड़ी संख्या जन-धन खाताधारकों तथा मनरेगा, विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन सरीखी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की है और नोटबंदी के बाद हर प्रकार के खाताधारकों और एटीएम का इस्तेमाल करने वालों की संख्या में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में एटीएम बंद होने का सीधा असर ऐसे बैंक उपभोक्ताओं और एटीएम धारकों पर पड़ना तय है। अगर एटीएम बंद होते हैं तो नकदी निकालने के लिए बैंकों में फिर से लंबी-लंबी लाइनें नजर आ सकती हैं।

अखिलेश पर माया का साया

उत्तर प्रदेश में महागठबंधन की संभावना धूमिल
उपेन्द्र प्रसाद - 2018-12-18 13:38
अब इसकी संभावना बहुत बढ़ गई है कि उत्तर प्रदेश के सपा-बसपा गठबंधन में कांग्रेस को शामिल नहीं किया जाएगा। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में कांग्रेसी मुख्यमंत्रियों के शपथग्रहण समारोह में न जाकर मायावती और अखिलेश ने स्पष्ट कर दिया है कि वे कांग्रेस से दूरी बनाए रखना चाहते हैं। मध्यप्रदेश में बिना मांगे कांग्रेस सरकार का समर्थन करने वाले सपा-बसपा नेता द्वारा अपनी ही समर्थित मध्यप्रदेश सरकार के शपथग्रहण समारोह में नहीं जाना विशेष राजनैतिक महत्व रखता है।

कांग्रेस मुख्यमंत्रियों के चयन में एक परिवार की भूमिका

लोकतंत्र पर परिवारतंत्र का हावी होना राष्ट्रहित में कदापि नहीं
डाॅ. भरत मिश्र प्राची - 2018-12-17 13:25
पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में तेलंगाना को छोड़ सत्ता विरोधी लहर के कारण राजस्थान छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश एवं मिजोरम राज्यों में सत्ता परिवर्तन तो हो गया पर राजस्थान, छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश में जहां कांग्रेस के पक्ष में जनमत आया वहां लोकतांत्रिक ढंग से नेतृृत्व का चयन न हो पाना लोकतंत्र पर परिवारतंत्र का हावी होना दर्शाता है, जिसे राष्ट्रहित में कदापि नहीं कहा जा सकता। राजस्थान, छत्तीसगढ़ , मध्यप्रदेश में दल के नेता चुनने की प्रक्रिया में बुलाई गई विधायकों की बैठक में एक नाम पर सहमति नहीं बन पाने के कारण दल के नेता तय करने का मामला कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के पास पहुंच गया जहां इस मसले पर निर्णय लेने में गांधी परिवार की भूमिका उभरती नजर आई।

मायावती की अधूरी हसरतों का अंत

विधानसभा चुनावों में लगा करारा झटका
अनिल जैन - 2018-12-15 16:38
मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ के विधानसभा चुनाव नतीजों से बसपा सुप्रीमो मायावती की हसरतों को झटका लगा है। मध्य प्रदेश और राजस्थान में बसपा चुनावी गठबंधन की कांग्रेस की पेशकश को ठुकरा कर अकेले बूते चुनाव मैदान में उतरी थी, जबकि छत्तीसगढ में उसने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की नवगठित पार्टी ‘जनता कांग्रेस छत्तीसगढ’ के साथ गठबंधन किया था। लेकिन उसे कहीं उम्मीद के मुताबिक कामयाबी नहीं मिली। यही नहीं, तीनों राज्यों में वह न तो सीटों के लिहाज से और न ही प्राप्त वोट-प्रतिशत के लिहाज से पिछले चुनावों के अपने प्रदर्शन को दोहरा सकीं। राजस्थान में उसे 3.0 फीसद वोटों के साथ छह सीटें, छत्तीसगढ में 3.9 फीसद और दो सीटें और मध्य प्रदेश में 5 फीसद वोटों के साथ दो सीटें हासिल हुई हैं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में यह उसका अब तक का सबसे कमजोर प्रदर्शन है।