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जेएनयू में लेफ्ट की जीत के सबक

सीपीआई, सीपीआई(एम) और सीपीआई(एमएल) की एकता जरूरी
अरुण श्रीवास्तव - 2019-09-14 07:44 UTC
लेफ्ट यूनिटी अलायंस के उम्मीदवारों ने जेएनयू छात्र संघ चुनावों में जीत की झड़ी लगा दी। गठबंधन ने जेएनयूएसयू चुनावों के लिए सभी चार प्रमुख केंद्रीय पदों को जीता है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अदालत के आदेश के बाद 17 सितंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे, यह फैसला पहले से ही जेएनयू के सभी छात्रों को पता है।

मूर्ति विसर्जन में मौत के जिम्मेदार कौन

सुरक्षा की अनदेखी से होती है विसर्जन में मौत
राजु कुमार - 2019-09-14 07:41 UTC
भोपाल में गणपति विसर्जन के दरम्यान हुए हादसे में 11 लोगों की जान चली गई। इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों ने प्रशासनिक लापरवाही को बड़ा कारण बताया है। ऐसे हादसे जेहन में कुछ दिन रहते हैं और फिर ये स्मृतियों से गायब हो जाते हैं। मध्यप्रदेश सहित देश के कई राज्यों में ऐसी घटनाओं का न तो यह पहला मामला है और शायद न ही आखिरी होगा। ऐसे मामलों में प्रशासनिक लापरवाही के साथ-साथ विसर्जन में शामिल लोगों द्वारा सुरक्षा के हर इंतजाम का अनदेखी करना एक बड़ा कारण होता है, लेकिन हादसे के बाद सुरक्षा इंतजामों की अनदेखी पर कोई बात नहीं करता।

असम में एनआरसी संविधान के खिलाफ नहीं

वहां के लोगों की चिंता को हम नजरअंदाज नहीं कर सकते
सागरनील सिन्हा - 2019-09-13 09:25 UTC
जब से असम में नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स की अंतिम सूची प्रकाशित हुई है, जिसमें 19 लाख से अधिक लोगों को बाहर रखा गया है, इसकी काफी आलोचना हो रही है। विशेष रूप से, एनआरसी को ‘मोदी सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कसरत’ के रूप में बुद्धिजीवियों के एक वर्ग द्वारा लेबल किया गया है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इसकी अंतिम सूची त्रुटियों से मुक्त नहीं है, लेकिन इस प्रक्रिया को धार्मिक रंग देना गलत है।

कश्मीरियों को स्वास्थ्य सेवा पाने का पूर्ण अधिकार

अन्य राज्य से डॉक्टर चिकित्सा सहायता प्रदान कर सकते हैं
डॉ अरुण मित्रा - 2019-09-12 13:18 UTC
हेल्थकेयर कोई सीमा नहीं जानता है। बिना सीमाओं के रेड क्रॉस और डॉक्टरों के काम को विश्व स्तर पर स्वीकार किया जाता है। वे संघर्ष की स्थितियों में कई बार अपने जीवन को खतरे में डालकर काम करते हैं। द्वारकानाथ शांताराम कोटनिस का जन्म 10 अक्टूबर 1910 को महाराष्ट्र के सोलापुर में हुआ था, जिन्हें उनके चीनी नाम के दिहुआ ’के नाम से भी जाना जाता था। द्वितीय चीन-जापानी युद्ध के दौरान चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए चीन भेजे गए पांच भारतीय चिकित्सकों में से एक थे। वह 9 दिसंबर 1942 को 32 साल की उम्र में बीमार लोगों की सेवा करते हुए दुनिया से सिधार गये।

उत्तर प्रदेश में नहीं आ रहे हैं निवेशक

भारतीय प्रबंधन संस्थान ने योगी सरकार को कानून-व्यवस्था सुधारने को कहा
प्रदीप कपूर - 2019-09-11 12:27 UTC
लखनऊः वर्तमान परिदृश्य से हैरान भारतीय प्रबंधन संस्थान ने योगी सरकार को अधिक निवेश लाने के लिए उत्तर प्रदेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति में सुधार की सलाह दी है। यह सुझाव तब दिया गया, जब आईआईएम के विशेषज्ञों ने परिसर में सीएम योगी आदित्यनाथ और उनके मंत्रियों द्वारा आयोजित दिन भर के इंटरैक्टिव सत्र के दौरान यूपी के विकास के लिए रोड मैप तैयार किया।

क्या भाजपा में जाएंगे सिंधिया?

मध्यप्रदेश कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है
अनिल जैन - 2019-09-09 11:08 UTC
भीतरी कलह से ग्रस्त मध्य प्रदेश कांग्रेस की हालत संगीन है, जहां कांग्रेस चंद महीनों पहले ही पूरे डेढ दशक के अंतराल के बाद जैसे-तैसे सत्ता में आई है।पहले दिन से अल्पमत की सरकार करार देते हुए भाजपा के नेताओं ने उसकी बिदाई का गीत गाना शुरू कर दिया था। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस विधानसभा चुनाव का प्रदर्शन भी नहीं दोहरा सकी और उसका पूरी तरह सफाया हो गया। हालांकि भाजपा की ओर से न तो सरकार गिराने की कोशिश की गई और न ही उसके किसी नेता ने इस आशय का कोई बयान दिया। इसके बावजूद राजनीतिक हलकों में माना जाने लगा कि अब सूबे में कांग्रेस की सरकार के दिन करीब आ गए हैं।

मध्यप्रदेश कांग्रेस का गुटीय संघर्ष जारी है

भाजपा इसका फायदा उठाने की कोशिश कर रही है
एल एस हरदेनिया - 2019-09-07 08:43 UTC
भोपालः मध्यप्रदेश कांग्रेस में हर दिन गुटबाजी का दौर मुखर होता जा रहा है। मंत्री उमंग सिंगार ने मुख्यमंत्री कमलनाथ की कड़ी चेतावनी के बावजूद मप्र के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता दिग्विजय सिंह के खिलाफ बयानबाजी पर रोक नहीं लगाई है। नाथ ने उन्हें बुलाया और चुप रहने के लिए कहा।

कश्मीर पर भारत की राजनयिक मुश्किलें बढ़ रही हैं

पाबंदी लंबी होने से शुरुआती लाभ घट रहे है
नित्य चक्रवर्ती - 2019-09-06 08:33 UTC
पाकिस्तान को अलग-थलग करने में अपनी कूटनीतिक सफलता पर भारत को खुश होना स्वाभाविक है। लेकिन अब मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं और शायद यह खुशी गायब होने लगे। विदेशी मामलों की यूरोपीय संसद समिति ने जो कहा है, उससे तो ऐसा ही लगता है। समिति ने कहा है कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर में कर्फ्यू को तुरंत हटा लें। सदस्यों ने कहा कि यूरोपीय संघ और यूरोपीय संसद को जल्द से जल्द कश्मीर के हालात पर बयान जारी करना चाहिए।

फाइनल एनआरसी लिस्ट कानूनी पचड़ों में उलझेगी

सुप्रीम कोर्ट मोनिटरिंग में विफल
अमृतानंद चक्रवर्ती - 2019-09-05 11:23 UTC
असम में उन लाखों लोगों के लिए जो अपने नागरिकता के दावों के साथ राष्ट्रीय नागरिकता सूची में अपने नाम आने का इंतजार कर रहे थे, 31 अगस्त का दिन आखिरकार आ ही गया जब नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन (एनआरसी) की अंतिम सूची प्रकाशित हुई। 3,11,21,004 व्यक्ति एनआरसी में शामिल हैं, जबकि असम में रहने वाले 19,06,657 लोगों को उसमें शामिल नहीं किया गया है।यानी 95 फीसदी आबादी सूची में शामिल हैं और 5 फीसदी लोग उससे बाहर रह गए। जिन 5 व्यक्तियों को सूची से बाहर रखा गया है, वे असम के विदेशी ट्रिब्यूनल में अपील कर सकते हैं, और उन्हें अपना दावा साबित करने का एक और अवसर मिलेगा कि वे भारत के नागरिक हैं। इसके लिए उन्हें 120 दिनों का समय मिलेगा। जब जुलाई 2018 में एनआरसी सूची का मसौदा प्रकाशित किया गया था, तो 40 लाख से अधिक लोगों को छोड़ दिया गया था। उनकी संख्या अंतिम सूची में 50 फीसदी कम हो गयी है।

चीन हाँगकाँग में बैकफुट पर

मानव अधिकार का घोर उल्लधन
अरुण श्रीवास्तव - 2019-09-04 08:27 UTC
चीन का तीव्र दुष्प्रचार दुनिया को यह समझाने का कदम है कि प्रदर्शनकारी राष्ट्रविरोधी हैं और प्रत्यर्पण बिल को खत्म करने की उनकी मांग हांगकांग के हित के खिलाफ है। आंदोलन के समर्थकों अपमानित करना चीनी शासकों की ज्ञात रणनीति रही है। शुरुआती चरण में हफ्तों तक शासकों के निर्देश पर चीनी मीडिया ने हांगकांग के उथल-पुथल को नजरअंदाज किया। यह संदेश भेजने का एक रणनीतिक कदम था कि सरकार विरोध के प्रति सहिष्णु है।