भोपाल गैस त्रासदी के 34 साल
हवा में जहर अंदर भी और बाहर भी
श्वास रोगों से जूझते भोपाल गैस पीड़ित
2018-12-07 15:58
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मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अब हर 2-3 दिसंबर को एक रस्म अदायगी होती है। चारों ओर बस एक ही चर्चा भोपाल गैस त्रासदी का। लेकिन 34 साल बाद भी उस हादसे से जूझते लोगों और उनके लिए संघर्ष कर रहे संगठनों के लिए हर रोज संघर्ष का दिन होता है। एक ओर गैस पीड़ित परिवार बीमारियों से जूझते हुए लचर स्वास्थ्य व्यवस्था के शिकार बन रहे हैं, तो दूसरी ओर गैस पीड़ितों के लिए बने संगठन न्याय की आस में कानूनी लड़ाइयां रह रहे हैं। मुश्किल दौर से गुजर रहे गैस पीड़ितों को अब समाज के अन्य तबके से कम सहयोग मिल रहा है, ऐसे में उनका दर्द कम होने के बजाय बढ़ता जा रहा है।