दक्षिण एशियाई देशों के लिए सावधानी और सहयोग से चलने का समय
भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश को उकसावे और संघर्ष से बचना चाहिए
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2025-11-24 11:01 UTC
पिछले कुछ समय से दक्षिण एशिया में एक के बाद एक तेज़ी से हो रही घटनाएं चिंता की बात हैं। हमने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में आतंकवादी हिंसा देखी, जिसमें 26 बेगुनाह लोग मारे गए। अब 10 नवंबर 2025 को दिल्ली में लाल किले के पास एक कार में हुए धमाके में 15 लोग मारे गए हैं। उसी दिन इस्लामाबाद में हुए धमाके में 10 लोग मारे गए। यह इस बात का इशारा है कि आतंकवादी जब चाहें कहीं भी लोगों को मार सकते हैं। इन घटनाओं ने इस इलाके में सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अंदरूनी सुरक्षा संकट से बाहरी तनाव पैदा हो सकता है, और भारत और पाकिस्तान भी एक-दूसरे पर इल्ज़ाम लगाने में देर नहीं लगाते। इन घटनाओं से तनाव बढ़ता है और बयानबाज़ी बढ़ती है, जिससे हथियारों की होड़ बढ़ जाती है। ऐसी घटनाओं से बाहरी ताकतों को भी फ़ायदा उठाने का मौका मिलता है।