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लोकसभा चुनाव में धन खर्च का बन सकता है रिकार्ड

चुनाव आयोग आधिकारिक खर्च सीमा की समीक्षा करे
नन्तू बनर्जी - 12-03-2024 10:49 GMT-0000
भारत का चुनाव आयोग (ईसीआई) भले ही संदिग्ध चुनाव प्रचार प्रथाओं, जो पिछले कुछ वर्षों में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया को तेजी से भ्रष्ट कर रहा है, को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा हो, सत्तारूढ़ राजनीतिक पार्टी के व्यवहार को प्रभावित करना या निर्देशित करना उसके लिए आसान नहीं है।

2024 के आम चुनाव नजदीक आते ही हंगामा और भ्रम

उन्मादी भीड़ से दूर सोनिया गांधी ने एक नया रास्ता अपनाया
हरिहर स्वरूप - 11-03-2024 11:32 GMT-0000
राज्यसभा चुनाव ने भारत में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, न केवल क्रॉस-वोटिंग के कारण, जैसा कि अतीत में अक्सर होता रहा है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि भाजपा हर संभव सीट हासिल करने की कोशिश कर रही है और हिमाचल प्रदेश में आधिकारिक कांग्रेस उम्मीदवार और उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) के उम्मीदवारों की हार को लोकसभा चुनाव की पूर्व संध्या पर निराश एवं हतोत्साहित विपक्ष को और अधिक हतोत्साहित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।

भाजपा ने अपने अलग हुए सहयोगी पार्टियों के लिए खोले दरवाजे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जानते हैं कांग्रेस मुक्त भारत संभव नहीं
अरुण श्रीवास्तव - 09-03-2024 11:45 GMT-0000
ठीक 13 महीने पहले, 10 फरवरी, 2023 को, नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में दुस्साहसिक दावा किया था, "एक अकेला सब पर भारी"। उन्होंने यहां तक कहा था कि "एक व्यक्ति कई लोगों के लिए बहुत ज्यादा साबित हो रहा है"। उन्हें अपनी क्षमताओं, निपुणता और राजनीतिक शक्ति पर इतना भरोसा है कि उन्हें आम लोगों को "मोदी की गारंटी" की पेशकश करते हुए सुना गया था।

चुनावी बांड विवरण पर समय सीमा बढ़ाने की एसबीआई की याचिका अनुचित

भाजपा को बचाना मूल उद्देश्य, सर्वोच्च न्यायालय को अनुमति नहीं देनी चाहिए
पी. सुधीर - 08-03-2024 10:44 GMT-0000
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने चुनावी बांड योजना को असंवैधानिक और स्पष्ट रूप से मनमाना बताते हुए रद्द कर दिया था। यह आश्चर्य की बात नहीं है कि मोदी सरकार को यह फैसला अरुचिकर लगा, इस तथ्य की पृष्ठभूमि में कि चुनावी बांड योजना राजनीतिक भ्रष्टाचार को वैध बनाने के लिए बनायी गयी थी।

चुनावी वायदे: राजनीतिक दलों के दिखावे के खेल को रोकने की प्रणाली चाहिए

आ गया है घोषणापत्रों और उनमें किये गये वायदों की पूर्ति की जांच करने का समय
के रवीन्द्रन - 07-03-2024 11:36 GMT-0000
भारतीय चुनाव का मौसम एक जीवंत तमाशा है। रैलियाँ ऊर्जा से भरी होती हैं, रंग-बिरंगे झंडे लहराते हैं, और घोषणापत्र भविष्य के लिए भव्य दृष्टिकोण पेश करते हैं। फिर भी, जश्न के माहौल के नीचे एक परेशान करने वाला सवाल छिपा है: क्या ये वायदे महज़ बयानबाजी का खेल हैं, जिनके हकीकत में बदलने की बहुत कम संभावना है? शायद, अब चुनावी वायदों के लिए एक लोकपाल को संस्थागत बनाने का समय आ गया है - पार्टियों को व्यवहार्यता के लिए जवाबदेह बनाने और उनके वादों पर अमल करने के लिए एक तंत्र को अस्तित्व में लाने का।

सैन्य उपग्रहों की संख्या को लेकर भारत और चीन के बीच बड़ी प्रतिस्पर्धा

राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा के लिए भारत में नई संचार तकनीक अनिवार्य
गिरीश लिंगन्ना - 06-03-2024 11:33 GMT-0000
तेजी से जटिल होते सुरक्षा परिदृश्य के बीच, चीन और भारत जैसे देश सहित एशिया के कई अन्य देश सम्पूर्ण क्षेत्र के भीतर सैन्य गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए अपने उपग्रह नेटवर्क का विस्तार कर रहे हैं।

संयुक्त राष्ट्र की विश्व में शांति और सुरक्षा बनाये रखने में विफलता

केवल शीघ्र सुधार से ही संयुक्त राष्ट्र ‘लीग ऑफ नेशंस’ जैसी दुर्गति से बच सकेगा
नन्तु बनर्जी - 05-03-2024 10:52 GMT-0000
पिछले वर्ष से चल रहे दो विनाशकारी युद्धों - एक यूक्रेन में और दूसरा गाजा पट्टी – में अब तक हजारों नागरिक मारे गये और घायल हुए हैं। कम से कम 10 अन्य देश और क्षेत्र हैं जहां गृह युद्ध, सशस्त्र हिंसा और आतंकवादी हमले वर्षों और यहां तक कि दशकों से मानवीय आपदाओं का कारण बन रहे हैं। इनमें अफगानिस्तान, बर्किना फासो और साहेल, मध्य अफ्रीकी गणराज्य, चाड और लेक चाड बेसिन, कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य, सोमालिया, दक्षिण सूडान, सूडान, सीरिया और यमनी हौथी विद्रोहियों द्वारा नियंत्रित लाल सागर शामिल हैं।

भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है लेकिन चुनाव पूर्व जारी आंकड़ों पर संदेह

सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि विकास का लाभ वंचितों को भी मिले
अंजन रॉय - 04-03-2024 12:14 GMT-0000
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को जारी सकल घरेलू उत्पाद में चौथी तिमाही में 8.4% की वृद्धि दर्शाकर अर्थशास्त्रियों, विशेषज्ञों और वित्तीय बाजारों को भ्रमित कर दिया है। इन जीडीपी आंकड़ों के जारी होने से अर्थशास्त्रियों और टिप्पणीकारों के बीच यह साबित करने के लिए एक-दूसरे को मात देने का दौर शुरू हो गया है कि वे सांख्यिकीय बाजीगरी और कमियां ढूंढने में कितने अच्छे हैं।

चुनाव की पूर्व संध्या पर विपक्ष से भाजपा में पूर्ण दलबदल का आयोजन

हिंदुत्व-कारपोरेट-भगवा गठजोड़ के खिलाफ अभियान समय की मांग
पी सुधीर - 02-03-2024 12:03 GMT-0000
भाजपा ने कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों से दलबदल कराने के लिए एक पूर्ण अभियान शुरू किया है। नीतीश कुमार की जद (यू) और जयंत चौधरी की रालोद को भाजपा में शामिल करने के बाद, विभिन्न राज्यों में कांग्रेस के कुछ चुनिंदे नेताओं, विधायकों और पूर्व विधायकों के दलबदल की बाढ़ आ गयी है।

भाजपा ने आया-राम-गया-राम राजनीति में हासिल की महारत

भगवा पार्टी दलबदल के माध्यम से नष्ट कर रही है राजनीति के नैतिक तंतु
के आर सुधामन - 01-03-2024 11:25 GMT-0000
भारत में आया राम गया राम की राजनीति तब शुरू हुई जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं। उन पर थोक में निर्वाचित प्रतिनिधियों को खरीदकर विपक्षी दलों को कमजोर करने का आरोप लगता था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के जमाने में यह जोर पकड़ा जब उन्होंने कांग्रेस सरकार बनाने के लिए थोक में विपक्षी विधायकों को खरीदा, हालांकि पार्टी चुनाव में अल्पमत में थी। अब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने इस कला में महारथ हासिल कर ली है और भारतीय राजनीति में इस खतरे को अगले स्तर पर ले गये हैं।