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तमिलनाडु में बच्चों के शिक्षा के मौलिक अधिकार का हनन

केंद्र द्वारा फंडिंग पर रोक, राज्य ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
डॉ. ज्ञान पाठक - 2025-05-22 11:28
तमिलनाडु के बच्चे केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार और राज्य में सीएम एम के स्टालिन के नेतृत्व वाली इंडिया ब्लॉक सरकार के बीच राजनीतिक टकराव में फंस गये हैं। केंद्र नई शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तीन-भाषा फॉर्मूले को लागू करने पर जोर दे रहा है, और राज्य इसे लागू करने से इनकार कर रहा है। इससे ऐसी स्थिति पैदा हो गयी है जिसमें शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के तहत बच्चों के मौलिक अधिकार का हनन हो रहा है।

डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन युद्ध शांति वार्ता की जिम्मेदारी पोप पर डाली

पुतिन के साथ दो घंटे की बातचीत में युद्धविराम पर कोई ठोस निष्कर्ष नहीं
टी एन अशोक - 2025-05-21 11:18
न्यूयॉर्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यूक्रेन और रूस के साथ चल रहे संघर्ष को समाप्त करने के लिए अपने शांति प्रयासों को लगभग बंद कर दिया है, क्योंकि सोमवार को तथाकथित दोस्त रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ उनकी दो घंटे की बातचीत नो एंट्री ज़ोन में समाप्त हो गयी। वेटिकन अब रूसी और यूक्रेनी नेताओं के बीच शांति वार्ता की मेजबानी करने के लिए दृश्य में प्रवेश कर गया है।

भारत के लिए पाकिस्तान का परमाणु खतरा वास्तविक

पाकिस्तान का एकमात्र बड़ा दुश्मन है भारत
नन्तू बनर्जी - 2025-05-20 10:38
यह अच्छी बात है कि भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया सशस्त्र संघर्ष जल्दी ही खत्म हो गया, इससे पहले कि यह एक पूर्ण पैमाने पर युद्ध में बदल जाता, जिससे दोनों देशों में जान-माल का भारी नुकसान होता और आर्थिक तबाही मच जाती - शायद भारत से ज़्यादा पाकिस्तान में। हालाँकि, संघर्ष का अचानक खत्म होना, जिसने पाकिस्तान के सैन्य बुनियादी ढांचे को गंभीर रूप से नुकसान पहुँचाया, जो पाकिस्तान के संभावित परमाणु ख़तरे के कारण प्रतीत होता है, एक बड़ी चिंता का विषय है। सभी नौ परमाणु सशस्त्र राज्यों में से, पाकिस्तान शायद दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी राज्य है जिसने सेना के छावनी क्षेत्र में दुनिया के सबसे कुख्यात, हिंसक और वांछित आतंकवादी ओसामा बिन लादेन को गुप्त रूप से शरण दी थी।

गुजरात समाचार में छपी आलोचना के लिए मालिक को गिरफ्तार करना अशुभ

मोदी सरकार प्रेस को दबाकर पाकिस्तान की चुनौती का सामना नहीं कर सकती
सुशील कुट्टी - 2025-05-19 11:22
अगर आप “उन्हें चुप नहीं करा सकते, तो उनको चुप करा दें!” मोदी के भारत में यही कहावत है। 'उनको चुप करा दें' का मतलब है, बोली और लिखी गयी आवाज़ को दबा दें। 'उन्हें चुप करा दें' का मतलब है, उनको सलाखों के पीछे बंद कर दें, जो परेशान कर रहे हैं, और नियंत्रण में नहीं हैं। इसके 'क्यों' के जवाब के लिए कोई रॉकेट साइंस की ज़रूरत नहीं है! इतना ही काफी है कि वह व्यक्ति सत्ता के लिए एक स्पष्ट और मौजूदा ख़तरा है।

राष्ट्रपति ट्रम्प को अपने वैश्विक टैरिफ युद्ध में यू-टर्न लेना होगा

पारस्परिक टैरिफ की अवधारणा वर्तमान व्यापार परिदृश्य में कभी सफल नहीं होगी
डॉ. नीलांजन बानिक - 2025-05-17 10:34
प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री रॉबर्ट सोलो से एक बार पूछा गया था कि क्या व्यापार घाटा किसी भी अर्थव्यवस्था के लिए बुरा है? उन्होंने जवाब दिया कि वह चाहेंगे कि उनके नाई के साथ हमेशा व्यापार घाटा रहे और उनके छात्रों के साथ हमेशा व्यापार अधिशेष। आर्थिक लेन-देन के क्षेत्र में खेल की प्रकृति ऐसी ही है। कुछ देश हमेशा कुछ वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करने में बेहतर होते हैं, जिन्हें वे निर्यात करते हैं, और वे उन वस्तुओं का आयात करके लाभ कमाते हैं जिनका उत्पादन करने में वे उतने अच्छे नहीं हैं। यह तर्क देना कि अमेरिका को समान पारस्परिक टैरिफ लगाना चाहिए, मौलिक रूप से त्रुटिपूर्ण है। यह तुलनात्मक लाभ के सिद्धांत का खंडन करता है - जो आधुनिक सभ्यता की शुरुआत से ही अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की नींव है।

बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध के व्यापक परिणाम होंगे

बीएनपी और एनसीपी के बीच राजनीतिक प्रतिस्पर्धा का मैदान खुल गया
सात्यकी चक्रवर्ती - 2025-05-16 11:05
पिछले सप्ताह डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार द्वारा अवामी लीग की गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने से देश में सक्रिय राजनीतिक दलों पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा, क्योंकि अगले साल की शुरुआत में राष्ट्रीय चुनाव होने वाले हैं। इसी तरह, यह निर्णय भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि अब उसके पड़ोसी देश में कोई भी मित्र राजनीतिक दल सक्रिय नहीं है। यूनुस सरकार की इस कार्रवाई के व्यापक प्रभाव पर भारतीय मीडिया का अभी ध्यान नहीं गया है, क्योंकि पिछले सप्ताह भारत-पाकिस्तान संघर्ष में इसकी पूरी तरह से संलिप्तता रही है, लेकिन दक्षिण एशियाई मामलों के भारतीय विशेषज्ञ इस बात पर गौर कर रहे हैं कि इस क्षेत्र में सबसे शक्तिशाली राष्ट्र होने के बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार अब दक्षिण एशियाई देशों में पूरी तरह से अलग-थलग पड़ गयी है।

भारत में अभी बयानबाजी की नहीं बल्कि राजनेतृत्व की जरूरत

प्रधानमंत्री का भाषण भी था मुख्य रूप से उनके चुनावी आधार पर केन्द्रित
डॉ. अरुण मित्रा - 2025-05-15 10:34
युद्ध दुख और मौतें लेकर आता है। पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवाने ने पुणे में कॉस्ट अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “युद्ध न तो रोमांटिक है और न ही कोई बॉलीवुड फिल्म।” उन्होंने कहा कि कूटनीति उनकी पहली पसंद होगी, “सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में सदमा है, जिनमें बच्चे भी शामिल हैं, जिन्होंने गोलाबारी देखी है और जिन्हें रात में आश्रयों की ओर भागना पड़ता है। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके लिए यह सदमा पीढ़ियों तक रहेगा।” उन्होंने आगे कहा कि जिन लोगों ने भयानक दृश्य देखे हैं, उनमें पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर (पीटीडीएस) है, जो 20 साल बाद पसीने से तरबतर हो उठते हैं और उन्हें मनोचिकित्सकीय देखभाल की आवश्यकता होती है। युद्ध अंतिम विकल्प होना चाहिए, कूटनीति को आगे बढ़ना चाहिए।

वैश्विक हथियार उद्योग में अभूतपूर्व वृद्धि

शीर्ष आयातक भारत पिछले वर्ष ही यूक्रेन से पीछे रहा
नन्तू बनर्जी - 2025-05-14 10:59
महत्वपूर्ण हथियारों की आपूर्ति के लिए आयात पर निर्भर देश के लिए लंबे समय तक चलने वाले युद्ध में शामिल होना जोखिम भरा हो सकता है। वर्तमान में दुनिया का सबसे बड़ा हथियार आयातक यूक्रेन, डोनाल्ड ट्रम्प के अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के बाद यह कठोर सच्चाई जान गया। हाल ही में, यूक्रेन को रूस से लड़ने के लिए अमेरिकी हथियारों की आपूर्ति को सुरक्षित करने के लिए अपने पर्याप्त खनिज (दुर्लभ पृथ्वी) भंडार को छोड़ना पड़ा।

ट्रम्प के जाल में फंस गये नरेंद्र मोदी, उन्हें सिर ऊंचा करके बाहर निकलना होगा

युद्ध विराम में अमेरिकी भूमिका का स्वागत, पर कश्मीर मामले में अनुमति न दें
नित्य चक्रवर्ती - 2025-05-13 10:48
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 मई की सुबह से शुरू हुए चार दिनों तक चलने वाले सीमित युद्ध में पाकिस्तान के मुकाबले भारत को बहुत ही लाभप्रद स्थिति में रखा है। 10 मई की शाम 5 बजे से लागू हुआ युद्ध विराम हताश पाकिस्तान द्वारा ही किया गया था, जिसने 8 और 9 मई को राजनयिक हलकों में यह भ्रामक सूचना प्रसारित करके अमेरिका को धोखा दिया कि परमाणु हथियारों पर उसके राष्ट्रीय सुरक्षा समूह की आपातकालीन बैठक की जायेगी जो भारत द्वारा कुछ सैन्य ठिकानों पर किये गये हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई पर निर्णय लेगा।

भारत के एमएसएमई क्षेत्र में भारी वृद्धि का दावा भ्रामक

नीति आयोग न करे जमीनी हकीकत को आंकड़ों में छिपाने का खेल
डॉ. ज्ञान पाठक - 2025-05-12 11:12
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की परिभाषाएं बदलकर जमीनी स्तर पर वास्तविक वृद्धि के बिना ही अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में अचानक वृद्धि दिखाने की आदत रही है। हमने पहले भी देखा है कि कैसे मोदी सरकार के तहत कुछ राज्य-राजमार्गों को राष्ट्रीय-राजमार्ग घोषित करते ही राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किये बिना ही उनकी लंबाई अचानक बढ़ गयी। इस तरह का ताजा उदाहरण अब एमएसएमई क्षेत्र में भी देखने को मिला है।