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बिहार में महागठबंधन कागजों पर

राजग अपनी पुरानी जीत दोहरा सकता है
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-05-03 11:13 UTC
इस बार लोकसभा चुनाव में बिहार और उत्तर प्रदेश की स्थिति अलग अलग है। जहां उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल का महगठबंधन भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी दल को कड़ी टक्कर दे रहा हैं, वहीं बिहार का कथित महागठबंधन साफ तौर पर भाजपा और उसके सहयोगी दलों के सामने कमजोर दिखाई पड़ रहा है। उत्तर प्रदेश के महागठबंधन में कांग्रेस शामिल नहीं है, जबकि बिहार के महागठबधन में कांग्रेस भी शामिल है। इसके बावजूद लालू यादव के राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाला महागठबंधन 2015 के नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले गठबंधन के आसपास भी नहीं दिखाई पड़ रहा है।

वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ भारत की बड़ी जीत

आतंकवाद पर नहीं चल पायी चीन की चालबाजी
प्रभुनाथ शुक्ल - 2019-05-02 09:52 UTC
भारत ने संयुक्त राष्टसंघ में पाकिस्तान की पनाह में पल रहे जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने में बड़ी सफलता हासिल की है। दुनिया चीन के निजी हितों को दरकिनार करते हुए आखिरकार आतंक की पीड़ा समझते हुए मससूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। चालबाज चीन की कूटनीति आतंक के समर्थन में फेल हो गयी, जबकि यूएन में पीएम मोदी की कूटनीति का जलवा कायम हुआ।

दिग्विजय को भोपाल में भाकपा का पूरा समर्थन

सभी प्रगतिशील प्रज्ञा के खिलाफ सक्रिय हुए
एल एस हरदेनिया - 2019-05-02 09:10 UTC
भोपालः कांग्रेस के साथ साथ लगभग पूरे वामपंथी, प्रगतिशील और उदारवादी ताकतों ने प्रज्ञा ठाकुर के खिलाफ लड़ाई में अपने आपको दिग्विजय सिंह के साथ जोड़ लिया है। भोपाल लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के खिलाफ प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा ने खड़ा किया है।

दिल्ली में त्रिकोणीय मुकाबला

पर भाजपा के लिए चुनाव जीतना आसान नहीं
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-04-30 19:15 UTC
नई दिल्ली- आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिखाई गई उदारता के बावजूद कांग्रेस के साथ आप का चुनावी गठबंधन नहीं हो पाया। यदि यह गठबंधन संभव हो जाता, तो एक एक सीट जीतने के लिए भारतीय जनता पार्टी को भारी मशक्कत का सामना करना पड़ता और यह संभव था कि भाजपा सारी सीटें हार जातीं।
श्रमिक दिवस (1 मई) पर विशेष

आखिर किसके लिए मनाया जाता है श्रमिक दिवस?

योगेश कुमार गोयल - 2019-04-29 11:14 UTC
प्रतिवर्ष 1 मई का दिन ‘अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस’ अथवा ‘मजदूर दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जिसे ‘मई दिवस’ भी कहा जाता है। मई दिवस समाज के उस वर्ग के नाम किया गया है, जिसके कंधों पर सही मायनों में विश्व की उन्नति का दारोमदार है। इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति एवं राष्ट्रीय हितों की पूर्ति का प्रमुख भार इसी वर्ग के कंधों पर होता है। यह मजदूर वर्ग ही है, जो अपनी हाड़-तोड़ मेहनत के बलबूते पर राष्ट्र के प्रगति चक्र को तेजी से घुमाता है लेकिन कर्म को ही पूजा समझने वाला श्रमिक वर्ग श्रम कल्याण सुविधाओं के लिए आज भी तरस रहा है।

फिर कभी लकवाग्रस्त न हो पोलियो टीकाकरण अभियान

टूटने न पाए पोलियो सुरक्षा चक्र
योगेश कुमार गोयल - 2019-04-27 12:23 UTC
पोलियो के खतरे को देखते हुए हाल ही में एक बार फिर देशभर में पल्स पोलियो अभियान की शुरूआत की गई और देशभर में लाखों बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाई गई। इस बार का पोलियो अभियान चर्चा में इसलिए रहा क्योंकि एक तरफ जहां भारत वर्ष 2014 में ही पोलियो को जड़ से मिटाने का दावा करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी इसका प्रमाणपत्र हासिल कर चुका था और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पोलियो के टाइप-2 वायरस से दुनियाभर से खात्मे की घोषणा भी 25 अप्रैल 2016 को कर दी गई थी, वहीं पिछले ही साल देश के कई राज्यों में करीब एक करोड़ बच्चों को पिलाई गई पोलियो खुराक में पीवी-2 विषाणु की मौजूदगी की पुष्टि होने के बाद हड़कम्प मच गया था, जिसके बाद आनन-फानन में वह वैक्सीन तो सभी स्थानों से वापस मंगा ली गई थी किन्तु इतने सारे मासूमों को संक्रमित वैक्सीन की खुराक दिए जाने के बाद पोलियो के फिर पैर पसारने की आशंका जताई जाने लगी थी।

वाराणसी से प्रियंका का पलायन

क्या राहुल अभी भी राजनैतिक पप्पू हैं?
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-04-26 13:07 UTC
प्रियंका गांधी का लगभग घोषणा करके वाराणसी से चुनावी रण से भाग खड़ा होना पार्टी के रूप में कांग्रेस की राजनैतिक अपरिपक्वता का एक ताजा सबूत है। प्रियंका गांधी पिछले कई दिनों से कह रही थीं कि वह वाराणसी से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना चाहती हैं। सबसे पहले उन्होंने रायबरेली की एक सभा में सवाल पूछते हुए ऐसा कहा था। रायबरेली के मतदाता नारा लगा रहे थे कि प्रियंका अपनी मां के क्षेत्र से ही चुनाव लड़ें और मां सोनिया का विश्राम दे दें। तब प्रियंका गांधी ने मतदाताओं से पूछा था कि उन्हें रायबरेली से क्यों और वाराणसी से क्यों नहीं चुनाव लड़ना चाहिए। ऐसा कहकर उन्होंने रायबरेली के मतदाताओं को शांत कर दिया था।

सुप्रीम कोर्ट में ‘चौकीदार चोर है’

दोनों पक्ष अपनी अपनी राजनीति में अदालत का इस्तेमाल कर रहे हैं
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-04-25 09:38 UTC
सुप्रीम कोर्ट में अपने एक बयान को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने खेद भी जता दिया है, लेकिन मामला खेद जताने मात्र से समाप्त नहीं हुआ है और भाजपा नेताओं ने उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की मानहानि का जो मामला दर्ज किया है, वह अभी अपनी तार्किक परिणति तक नहीं पहुंचा है। वह मामला राहुल गांधी के ‘चैकीदार चोर है’ अभियान से जुड़ा हुआ है। कांग्रेस अध्यक्ष ने राफेल सौदे को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सबसे बड़ा मुद्दा बना रखा है। वह पिछले दो-एक वर्षों से इस मुद्दे को बार बार उठा रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी इससे खासा परेशानी महसूस कर रही है।

मध्य प्रदेश भाजपा में विद्रोह

प्रज्ञा लगातार सांप्रदायिक बयान कर रही हैं जारी
एल एस हरदेनिया - 2019-04-24 20:24 UTC
भोपालः कांग्रेस और भाजपा दोनों ने लोकसभा की 29 सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दे दिया है। अंतिम सूची के बाद भाजपा कम से कम चार निर्वाचन क्षेत्रों में विद्रोह का सामना कर रही है। वे चार निर्वाचन क्षेत्र खजुराहो, बालाघाट, शादोल और इंदौर हैं।

विश्व प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक में भारत 140वें स्थान पर

पत्रकारों के खिलाफ बढ़ती हिंसा
योगेश कुमार गोयल - 2019-04-23 12:46 UTC
प्रेस को लोकतंत्र में सदैव चैथे स्तंभ की संज्ञा दी जाती रही है क्योंकि इसकी लोकतंत्र की मजबूती में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका रही है। यही कारण है कि स्वस्थ और मजबूत लोकतंत्र के लिए प्रेस की स्वतंत्रता को बहुत अहम माना गया है लेकिन पेरिस स्थित ‘रिपोर्टर्स सैन्स फ्रंटियर्स’ (आरएसएफ) अथवा ‘रिपोर्टर्स विदआउट बाॅर्डर्स’ नामक संस्था ने 18 अप्रैल को जारी अपनी वार्षिक रिपोर्ट में भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को लेकर जो तथ्य पेश किए हैं, उससे हर किसी को असहनीय झटका लगा है। एक तरफ जहां देश में लोकसभा चुनाव का दौर चल रहा है और इस चुनावी माहौल में प्रेस की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण मानी जाती है, ऐसे में यह तथ्य सामने आना कि भारत प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में दो पायदान और नीचे खिसक गया है, चिंता का विषय है। कुल 180 देशों पर आधारित इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत अब 140वें स्थान पर पहुंच गया है, जो 2017 में 136वें स्थान पर और 2018 में 138वें पायदान पर था।