आडवाणी के इस अरण्यरुदन पर कौन कान देगा?
- 2019-04-09 09:51 UTCभारतीय जनता पार्टी में इस समय कतिपय नेताओं के लिए ‘विवेक-जागरण’ का काल चल रहा है। मार्गदर्शक और वरिष्ठ लेकिन हाशिए पर पटक दिए गए नेताओं के श्रीमुख से बहुत ही अच्छी-अच्छी और प्यारी-प्यारी बातें निकल रही हैं। इतनी अच्छी और प्यारी कि जाहिरा तौर पर कोई भी उनसे असहमत नहीं हो सकता। पिछले पांच वर्षों से पार्टी में उपेक्षा, तिरस्कार और अकेलापन झेल रहे भाजपा के संस्थापकों में से एक उम्रदराज लालकृष्ण आडवाणी ने लम्बे समय बाद एक ब्लॉग लिखकर अपनी चुप्पी तोडते हुए कहा है कि उनकी पार्टी ने राजनीतिक रूप से असहमत होने वाले को कभी ‘राष्ट्र विरोधी’ नहीं माना है।