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विश्व पृथ्वी दिवस (22 अप्रैल) पर विशेष

आग का गोला न बन जाए पृथ्वी

क्यों बढ़ रहा है पृथ्वी का तापमान?
योगेश कुमार गोयल - 2019-04-20 18:48 UTC
गर्मी के मौसम की शुरूआत के साथ ही इस वर्ष भी जिस प्रकार अप्रैल माह के तीसरे ही सप्ताह में प्रकृति ने तेज आंधी तथा बारिश के साथ कुछ राज्यों में जन-जीवन को अस्त-व्यस्त करते हुए कई दर्जन लोगों की बलि ले ली, उसे विगत कुछ वर्षों से तेजी से बदलते प्रकृति के मिजाज के मद्देनजर नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर तापमान में लगातार हो रही बढ़ोतरी तथा मौसम का निरन्तर बिगड़ता मिजाज गंभीर चिंता का सबब बना है। हालांकि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विगत वर्षों में दुनियाभर में दोहा, कोपेनहेगन, कानकुन इत्यादि बड़े-बड़े अंतर्राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन होते रहे हैं और वर्ष 2015 में पेरिस सम्मेलन में 197 देशों ने सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए अपने-अपने देश में कार्बन उत्सर्जन कम करने और 2030 तक वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री तक सीमित करने का संकल्प लिया था किन्तु उसके बावजूद इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम उठते नहीं देखे गए हैं। दरअसल वास्तविकता यही है कि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रकृति के बिगड़ते मिजाज को लेकर चर्चाएं और चिंताएं तो बहुत होती हैं, तरह-तरह के संकल्प भी दोहराये जाते हैं किन्तु सुख-संसाधनों की अंधी चाहत, सकल घरेलू उत्पाद में वृद्धि, अनियंत्रित औद्योगिक विकास और रोजगार के अधिकाधिक अवसर पैदा करने के दबाव के चलते इस तरह की चर्चाएं और चिंताएं अर्थहीन होकर रह जाती हैं।

चुनाव आते ही क्यों शुरू हो जाता है ईवीएम राग?

ईवीएम को लेकर अनावश्यक विवाद
योगेश कुमार गोयल - 2019-04-18 19:18 UTC
विगत दिनों जब सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के मतों की वीवीपैट पर्चियों से मिलान की संख्या पांच करने का निर्णय सुनाया था तो उम्मीद जगी थी कि इस निर्णय के बाद ईवीएम राग शांत हो जाएगा किन्तु प्रथम चरण के मतदान के बाद जिस प्रकार 21 विपक्षी दलों ने एकजुट होकर एक बार फिर ईवीएम में गड़बड़ियों के आरोप लगाकर सारा ठीकरा चुनाव आयोग पर फोड़ते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया है, उससे यह आईने की तरह साफ हो गया है कि लोकसभा चुनाव के परिणाम आने तक तो ईवीएम राग शांत नहीं होने वाला है। इससे पहले विपक्षी दलों की वीवीपैट की 50 फीसदी पर्चियों की गिनती की मांग को अव्यावहारिक मानते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए चुनाव आयोग को निर्देशित किया था कि वह हर विधानसभा क्षेत्र से एक के बजाय पांच मतदान केन्द्रों से मतों की गिनती करे। फिलहाल सारा विवाद पहले चरण के मतदान के तुरंत बाद तब खड़ा हुआ, जब आंध्र प्रदेश की 25 लोकसभा सीटों और 175 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ और मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू द्वारा आशंका जताई जाने लगी कि उनके राज्य में चुनाव प्रक्रिया में काफी गड़बड़ियां हुई हैं।

सुप्रीम कोर्ट में भारत का चुनाव आयोग

इसे चुनाव आयोग की लाचारी कहा जाए या मक्कारी?
अनिल जैन - 2019-04-18 19:15 UTC
चुनाव आयोग का कहना है कि चुनाव में नेताओं की आपत्तिजनक बयानबाजी पर अंकुश लगाने के लिए उसके पास पर्याप्त अधिकार नहीं है। यह बात आयोग के वकील ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष कही है। हालांकि अपनी इस लचर दलील के बावजूद आयोग ने चुनावी रैलियों में जाति और धर्म के आधार पर विद्वेष फैलाने वाले भाषण देने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा नेता आजम खान के लिए 72 घंटे के लिए तथा बसपा अध्यक्ष मायावती और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी के लिए 48 घंटे तक चुनाव प्रचार करने पर प्रतिबंध लगा दिया है। मायावती ने गत 7 अप्रैल को उत्तर प्रदेश के देवबंद में एक रैली को संबोधित करते हुए मुस्लिम समुदाय से एकजुट होकर अपने महागठबंधन के पक्ष में मतदान करने की अपील की थी। मायावती की इस अपील के जवाब में योगी आदित्यनाथ ने सपा, बसपा और कांग्रेस को अली की पार्टी बताते हुए बजरंगबली के नाम हिंदुओं से भाजपा को वोट देने के लिए कहा था। आजम खान ने अपने विरोधी नेताओं पर अभद्र टिप्पणी की थी और मेनका गांधी ने चुनाव प्रचार के दौरान मुसलमानों से कहा था कि अगर मुझे वोट नहीं दिया तो फिर मैं देख लूंगी।

योगी-माया पर अस्थाई प्रतिबंध

वोटर लिस्ट से नाम भी हटा सकता है निर्वाचन आयोग
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-04-16 09:56 UTC
आखिर निर्वाचन आयोग को कार्रवाई करनी ही पड़ी। सुप्रीम कोर्ट में उसके वकील ने कहा था कि विभाजक बयानबाजी करने वाले नेताओं के खिलाफ वे इसलिए कार्रवाई नहीं कर पाता है, क्योंकि उसके अधिकार बहुत सीमित हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी चिंता जताई थी कि आयोग के अधिकार सीमित क्यों हैं। फिर भी पूछा था कि वह अगले दिन यह बताए कि उसने क्या किया।
महावीर जयंती पर विशेष

भगवान महावीर के अनमोल वचन

जब अंगूठे से निकली थी दूध की धारा
योगेश कुमार गोयल - 2019-04-15 07:40 UTC
भगवान महावीर एक बार सुवर्णबालिका नामक नदी के नजदीक स्थित कनखल नामक आश्रम के पास से गुजर रहे थे, तभी उन्होंने पीछे से एक ग्वाले की भयाक्रांत आवाज सुनी। ग्वाले ने भयभीत स्वर में भगवान महावीर से कहा, ‘‘हे देव! कृपया आप यहीं रूक जाएं, यहां से आगे न जाएं क्योंकि इसी मार्ग पर आगे एक बहुत भयानक और अत्यंत विषैला काला नाग रहता है, जिसने अभी तक इसी राह पर जाने वाले सैंकड़ों राहगीरों को अपने विष की ज्वाला से भस्म कर दिया है। उस विषधर की विषाग्नि से हजारों पशु-पक्षी, पेड़-पौधे जलकर राख हो चुके हैं।’’

उत्तर प्रदेश के मुसलमान भारी संशय में

कांग्रेस और सपा-बसपा में किसे चुनें?
प्रदीप कपूर - 2019-04-13 10:28 UTC
लखनऊः आठ लोकसभा सीटों के लिए पहले चरण के मतदान से पहले मुस्लिम समुदाय को अपील जारी करने के लिए बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को मुस्लिम समर्थन पाने की हताशा ने मजबूर किया। गौरतलब होगा कि बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने पहले मुस्लिम समुदाय को बसपा-सपा-रालोद के गठबंधन का समर्थन करने की अपील जारी की और फिर स्पष्ट रूप से मुस्लिम समुदाय से कहा कि वे कांग्रेस पार्टी को अपना वोट न दें, जो उनके गठबंधन की तुलना में बहुत कमजोर है।

चुनावी बांड्स पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

क्या धनतंत्र के चंगुल से निकल पाएगा हमारा लोकतंत्र
उपेन्द्र प्रसाद - 2019-04-12 08:49 UTC
चुनावी बांड्स पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ गया है। यह फैसला स्वागत योग्य है, लेकिन इससे इस बात को लेकर पूरी तसल्ली नहीं मिलती कि धनतंत्र के चंगुल में फंसा हमारा लोकतंत्र इस चंगुल से बाहर आ जाएगा। यह फैसला मोदी सरकार की चुनावी बांड्स योजना से संबंधित है, जिसे अवैध घोषित करार दिए जाने के लिए सुप्रीम कोर्ट मंे एक याचिका दाखिल की गई थी। यह योजना मोदी सरकार ने चुनावी फंडिंग में पारदर्शिता लाने के दावे के साथ शुरू की थी, लेकिन यह समझ से बाहर की बात थी कि जब दानदाता ही छुपा हुआ हो, तो फिर इस योजना को पारदर्शी योजना कैसे कहा जा सकता है।

श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाई जाती है रामनवमी

मर्यादा पुरूषोत्तम क्यों कहलाए राम?
योगेश कुमार गोयल - 2019-04-11 11:07 UTC
चैत्र मास की शुक्ल पक्ष नवमी को रामनवमी का त्यौहार प्रतिवर्ष भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में समूचे भारतवर्ष में अपार श्रद्धा, भक्ति व उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में उत्सवों का विशेष आयोजन होता है, जिनमें भाग लेने के लिए देशभर से हजारों भक्तगण अयोध्या पहुंचते हैं तथा अयोध्या स्थित सरयू नदी में पवित्र स्नान कर पंचकोसी की परिक्रमा करते हैं। समूची अयोध्या नगरी इस दिन पूरी तरह राममय नजर आती है और हर तरफ भजन-कीर्तनों तथा अखण्ड रामायण के पाठ की गूंज सुनाई पड़ती है। देशभर में अन्य स्थानों पर भी जगह-जगह इस दिन श्रद्धापूर्वक हवन, व्रत, उपवास, यज्ञ, दान-पुण्य आदि विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। विभिन्न हिन्दू धर्मग्रंथों में कहा गया है कि श्रीराम का जन्म नवरात्र के अवसर पर नवदुर्गा के पाठ के समापन के पश्चात् हुआ था और उनके शरीर में मां दुर्गा की नवीं शक्ति जागृत थी। मान्यता है कि त्रेता युग में इसी दिन अयोध्या के महाराजा दशरथ की पटरानी महारानी कौशल्या ने मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम को जन्म दिया था।

कमलनाथ से जुड़े लोगों पर आई छापे

राज्य सरकार भी कर सकती है जवाबी कार्रवाई
एल एस हरदेनिया - 2019-04-10 13:19 UTC
भोपालः भोपाल में कुछ महत्वपूर्ण घटनाएं घटी हैं, जो मध्य प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार के बीच टकराव का रूप ले सकती हैं। ऐसा ही एक घटना राज्य की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल द्वारा पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को लिखा गया पत्र है।

आडवाणी के इस अरण्यरुदन पर कौन कान देगा?

अनिल जैन - 2019-04-09 09:51 UTC
भारतीय जनता पार्टी में इस समय कतिपय नेताओं के लिए ‘विवेक-जागरण’ का काल चल रहा है। मार्गदर्शक और वरिष्ठ लेकिन हाशिए पर पटक दिए गए नेताओं के श्रीमुख से बहुत ही अच्छी-अच्छी और प्यारी-प्यारी बातें निकल रही हैं। इतनी अच्छी और प्यारी कि जाहिरा तौर पर कोई भी उनसे असहमत नहीं हो सकता। पिछले पांच वर्षों से पार्टी में उपेक्षा, तिरस्कार और अकेलापन झेल रहे भाजपा के संस्थापकों में से एक उम्रदराज लालकृष्ण आडवाणी ने लम्बे समय बाद एक ब्लॉग लिखकर अपनी चुप्पी तोडते हुए कहा है कि उनकी पार्टी ने राजनीतिक रूप से असहमत होने वाले को कभी ‘राष्ट्र विरोधी’ नहीं माना है।