चौहान की वोट बैंक राजनीति उलटी पड़ी
समर्थन कम विरोध ज्यादा
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2018-04-09 11:29 UTC
भोपालः मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मतदाताओं का समर्थन जीतने के लिए जो कदम उठाए, उसका असर उल्टा हुआ। उन्होंने सरकारी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से 62 साल करने का निर्णय लिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह निर्णय राज्य सरकार के कर्मचारियों और उनके परिवारों के वोटों को उनके वोट बैंक में जोड़ देगा। लेकिन इस निर्णय ने सरकारी कर्मचारियों की एक बड़ी संख्या को संतुष्ट नहीं किया बल्कि इसके कारण सरकार को बेरोजगार युवाओं के क्रोध का सामना करना पड़ा, जिनकी संख्या लाखों में है। सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने से बेरोजगारों के लिए रोजगार की संभावनाएं कम हो जाती हैं। इसके अलावा, यह अस्थायी कर्मचारियों की संभावनाओं को भी प्रभावित करता है जो अपनी नौकरी स्थाई होने की उम्मीद में कम वेतन पर भी काम करते रहते हैं।