केरल में हिंसक टकराव के बीच राजनीतिक जमीन की तलाश
यह हमारी अमानवीय चेहरे को सामने लाता है
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2017-10-11 13:24 UTC
भारतीय जनता पार्टी अपने ‘मिशन साउथ’ को पूरा करने के लिए मैदान में उतर चुकी है। दक्षिण भारत में वामपंथी दुर्ग कहा जाने वाला केरल उसका नया सियासी अखाडा है, जहां पार्टी अध्यक्ष अमित शाह से लेकर हिंदुत्व का नया अखिल भारतीय पोस्टर ब्वॉय बनने को बेताब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई केंद्रीय मंत्री सडक पर उतर चुके हैं। राज्य में मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच पिछले दशकों से जारी खूनी संघर्ष का शोर अब दिल्ली में भी सुनाई देने लगा है। भाजपा का मंसूबा इस संघर्ष में हो रही संघ और भाजपा के कार्यकर्ताओं की हत्याओं के मुद्दे को गरमा कर अगले विधानसभा चुनाव तक केरल की सत्ता पर काबिज होने या कम से कम मुख्य विरोधी दल के रूप में अपनी पहचान बनाने का है।